किसानों के साथ केंद्र सरकार बातचीत का रास्ता निकालने में जुटी है। इसी बीच यह भी खबर आ रही है कि आगामी 29 तारीख को केंद्र और किसान बातचीत के लिए तैयार हो गए है। अगर इस दौरान समाधान निकल गया तो ठीक है नहीं तो फिर भाजपा की सरकार दूसरे तरीके से किसानों के आंदोलन को संभालेगी। याद रहे कि राज्य सरकारें अपने अपने तरीके से किसानों को समझने का प्रयास कर रही है कि तीनो कानून उनके हित में है। इस बाबत यूपी में योगी सरकार ने एक सप्ताह से नेताओं को मैदान में उतारा हुआ है। अधिकतर जगह देखने में आ रहा है कि नेताओं की किसान सुनने को तैयार नहीं है। इसके चलते मुख्यमंत्री योगी ने आज से इस मामले में प्रदेश के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को मैदान में उतार दिया है। जिनमे अधिकतर आईएएस अधिकारी है।
खासकर यूपी के कई जिलों से किसानों के इस आंदोलन में शामिल होने की सूचना है। जिसे देखते हुए सरकार ने वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को मैदान में उतार दिया है। आज से वरिष्ठ अधिकारी मैदान में होंगें। वे 29 दिसंबर तक जिलों में डेरा डालेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस बाबत स्पस्ट निर्देश दिए जा चुके है। वरिष्ठ अधिकारी आज से जिलों में डेरा डालेंगे। बताया जा रहा है कि इस दौरान अधिकारी किसान संगठनों और प्रतिनिधियों से बातचीत करेंगे और उनकी समस्याओं की समीक्षा करेंगे।
जिन वरिष्ठ अधिकारियों को मुख्यमंत्री योगी ने जिन शहरो में यह काम सौपा है वह लखनऊ में मनोज सिंह अपर मुख्य सचिव पंचायती राज और ग्राम्य विकास, गोंडा में आलोक सिन्हा, कृषि उत्पादन आयुक्त, रायबरेली में आलोक टंडन, अवस्थापना एवं ओद्योगिक विकास आयुक्त, बाहराइच में एसबीएस रंगराव, मंडलायुक्त देवीपाटन, श्रावस्ती में आमोद कुमार, प्रमुख सचिव नियोजन, अयोध्या में टी वेंकटेश , अपर मुख्य सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन, अंबेडकरनगर में एमपी अग्रवाल, मंडलायुक्त अयोध्या, बाराबंकी में एस. राधा चौहान, अपर मुख्य सचिव व्यावसायिक एवं प्राविधिक शिक्षा, सुल्तानपुर में रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव राजस्व एवं बेसिक शिक्षा, अमेठी में मोनिका एस गर्ग, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा है। जबकि सीतापुर में मिनिस्ती एस, आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं ओषधि प्रसाधन को यह जिम्मा सौपा गया है।