केंद्र सरकार ने टीकाकरण के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। यह दिशा निर्देश वरिष्ठ नागरिकों और विकलांगों को राहत प्रदान करेंगे। कोविड टीकाकरण (एनईजीवीएसी) के लिए गठित विशेषज्ञों के समूह ने केंद्र सरकार से इसके लिए सिफारिश की थी। 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों, बीमार और विकलांग नागरिकों को घर के पास टीका लगाया जाना चाहिए (टीकाकरण के लिए नए दिशानिर्देश)। ताकि उन्हें कोई चोट न पहुंचे।
60 वर्ष से अधिक आयु का एक वरिष्ठ नागरिक जिसने टीका की पहली खुराक ली है या लेना चाहता है, उसे घर के पास टीका लगाया जाएगा । इसके अलावा जो बीमार और बिस्तर पर पड़े हैं और विकलांगता के कारण चलने में असमर्थ हैं, उन्हें भी उनके घरों के पास टीका लगाया जाएगा। केंद्र सरकार ने ये दिशा-निर्देश सभी राज्यों को जारी किए हैं।
टीकाकरण कैसे होगा?
> यदि टीकाकरण के लिए घर के पास कोई स्वास्थ्य सुविधा न हो तो वहां टीकाकरण की व्यवस्था की जाए। सामुदायिक क्षेत्रों, पंचायत घरों, स्कूलों और वृद्धाश्रमों में टीकाकरण केंद्र स्थापित किए जा सकते हैं।
> ऐसे नागरिकों की संख्या के आधार पर जिला टास्क फोर्स और ग्रामीण टास्क फोर्स को घर के पास एनएचसीवीसी के लिए स्थान की पहचान करनी होगी। यह केवल वरिष्ठ नागरिकों और विकलांगों के टीकाकरण के उद्देश्य की पूर्ति करेगा।
> टीकाकरण के दौरान टीके की बर्बादी कम से कम करें। इसके अलावा यह सुनिश्चित करने के लिए ध्यान रखा जाना चाहिए कि स्वास्थ्य केंद्र और कोविड टीकाकरण केंद्र (CVCs) प्रभावित न हों।
> घर के पास एनएचसीवीसी और पहले से चल रहे कोविड टीकाकरण केंद्र (सीवीसी) से जुड़ें। इस केंद्र के प्रभारी सीवीसी कोरोना के टीके और सामग्री और जनशक्ति उपलब्ध कराने के लिए जिम्मेदार होंगे।
> एनएचसीवीसी का स्थान सामाजिक समूहों द्वारा अग्रिम रूप से तय किया जाना चाहिए। इन सभी स्थानों को Covin ऐप पर NHCVC के रूप में पंजीकृत किया जाना चाहिए।
> जिला एवं ग्रामीण टास्क फोर्स एनएचसीवीसी सेंटर में टीकाकरण योजना तैयार करने और उसे लागू करने के लिए जिम्मेदार होगी। ये दोनों ताकतें जगह और जरूरतों के लिहाज से योजना में बदलाव कर सकती हैं।