उत्तर प्रदेश में एक लोकसभा सीट और दो विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने वाले है,जिसकी तैयारियां सभी राजनीतिक दल कर रहे है।समाजवादी पार्टी ने तो मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के लिए पूर्व सांसद डिंपल यादव का नाम का भी ऐलान कर दिया है। इस ऐलान के बाद ऐसा माना जा रहा है कि मुलायम सिंह यादव की राजनीतिक विरासत को अब डिंपल यादव संभालेंगी।
इससे पहले डिंपल यादव ने अपना पहला चुनाव साल 2009 में लड़ा था, जब अखिलेश यादव ने फिरोजाबाद सीट छोड़ी थी।इस उपचुनाव में डिंपल यादव को मशहूर अभिनेता और राजनेता राज बब्बर को हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा था। इसके बाद 2012 में कन्नौज लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुआ था,जिसमें डिंपल यादव निर्विरोध जीत गई थीं।इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में भी डिंपल यादव ने कन्नौज से चुनाव लड़ा और जीतीं, लेकिन 2019 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। भाजपा के सुब्रत पाठक ने डिंपल यादव को करीब 10 हजार वोटों से हरा दिया था। अब अखिलेश यादव ने डिंपल को मैनपुरी से चुनाव मैदान में उतारा है. इस सीट पर 1996 से ही सपा जीतती हुई आई है। मैनपुरी सीट पर तो यादव परिवार का कब्जा पहले से ही है।
साल 1996 में मुलायम सिंह यादव इसी सीट से लोकसभा पहुंचे थे। इसके बाद 1998 और 1999 का चुनाव सपा के टिकट पर बलराम यादव ने जीता था। 2004 में मुलायम सिंह यादव एक बार फिर जीते, लेकिन कुछ दिन बाद ही मुख्यमंत्री बनने के कारण मुलायम सिंह यादव ने सीट छोड़ दी थी। इसके बाद हुए उपचुनाव में धर्मेंद्र यादव जीते थे साल 2009 के लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव फिर जीते थे।साल 2014 का लोकसभा चुनाव मुलायम सिंह यादव ने दो सीटों (मैनपुरी और आजमगढ़) लड़ा और दोनों पर जीत हासिल की थी, जिसके बाद मुलायम सिंह ने मैनपुरी सीट छोड़ दी, जिस पर हुए उपचुनाव में तेज प्रताप यादव जीते थे। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में मुलायम फिर मैनपुरी सीट से जीते थे।
इसलिए राजनीतिक विशेषज्ञ कहते है कि उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में मुलायम सिंह यादव का जादू हमेशा चला है। इस सीट के रास्ते ही सैफई परिवार की तीन पीढ़ियों ने संसद का सफर तय किया है।मैनपुरी में चुनावी रथ पर सवारी चाहे किसी की भी रही हो, लेकिन उस रथ के सारथी हमेशा मुलायम सिंह यादव ही रहे है। मुलायम सिंह यादव के जादू के सामने अन्य राजनीतिक दलों के सारे समीकरण ध्वस्त हो जाते थे। इसलिए ही उनके निधन के बाद डिंपल यादव को चुनावी मैदान में समाजवादी पार्टी ने उतारा है,लेकिन देखना होगा कि मुलायम सिंह यादव के ना रहने पर उनका जलवा कायम रहता है या नहीं ? इसी बीच भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कटाक्ष करते हुए कहा है कि, समाजवादी पार्टी में कार्यकर्ता तो केवल जिंदाबाद-मुर्दाबाद नारे लगाने के लिए बचे हैं, चुनाव लड़ने का अधिकार केवल सैफई कुनबे के पास, मैनपुरी में इस बार भाजपा का कमल खिलेगा, लेकिन भाजपा ने अभी तक अपने उम्मीदवार का नाम ऐलान नहीं किया है।