उत्तर प्रदेश में एक लोकसभा सीट और दो विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने वाले है,जिसकी तैयारियां सभी राजनीतिक दल कर रहे है।समाजवादी पार्टी ने तो मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के लिए पूर्व सांसद डिंपल यादव का नाम का भी ऐलान कर दिया है।अब चर्चा है कि यहां से भारतीय जनता पार्टी मुलायम सिंह की छोटी बहू अपर्णा यादव को चुनावी मैदान में उतार सकती है। हालांकि, उनका टिकट अभी पक्का नहीं हुआ है लेकिन उनके नाम पर चर्चा डिंपल के नाम का ऐलान होने से पहले से चल रहीथी। हालिया घटनाक्रम से ऐसा लग रहा है कि अपर्णा भी तैयारियों में जुट गई है।
इस चुनाव को लेकर भाजपा कोर कमेटी की बैठक 12 नवंबर को होनी है,जिसमे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ दोनों डिप्टी सीएम (केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक),भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह और प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह शामिल होंगे। इस बैठक में उपचुनाव की रणनीति और प्रत्याशियों के नाम पर मंथन होना है। लेकिन इससे पहले ही अपर्णा यादव ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी से मुलाकात की थी, जिससे चर्चा तेज हो गई।राजनीतिक विशेषज्ञों का तो कहना है कि मैनपुरी लोकसभा सीट पर बहू बनाम बहू की चुनावी जंग देखने को मिल सकती है।
अपर्णा यादव मुलायम सिंह यादव के दूसरे बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं। प्रतीक यादव मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के बेटे हैं। अपर्णा पहले सपा में ही थीं। साल 2017 में उन्होंने लखनऊ कैंट विधानसभा सीट से भाजपा की रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ चुनाव भी लड़ा था,लेकिन तब वह हार गई थीं।
गौरतलब है कि साल 1996 में मुलायम सिंह यादव इसी सीट से लोकसभा पहुंचे थे। इसके बाद 1998 और 1999 का चुनाव सपा के टिकट पर बलराम यादव ने जीता था। 2004 में मुलायम सिंह यादव एक बार फिर जीते, लेकिन कुछ दिन बाद ही मुख्यमंत्री बनने के कारण मुलायम सिंह यादव ने सीट छोड़ दी थी। इसके बाद हुए उपचुनाव में धर्मेंद्र यादव जीते थे साल 2009 के लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव फिर जीते थे।साल 2014 का लोकसभा चुनाव मुलायम सिंह यादव ने दो सीटों (मैनपुरी और आजमगढ़) लड़ा और दोनों पर जीत हासिल की थी, जिसके बाद मुलायम सिंह ने मैनपुरी सीट छोड़ दी, जिस पर हुए उपचुनाव में तेज प्रताप यादव जीते थे।साल 2019 के लोकसभा चुनाव में मुलायम फिर मैनपुरी सीट से जीते थे।इसलिए राजनीतिक विशेषज्ञ यह भी कहते है कि उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में मुलायम सिंह यादव का जादू हमेशा चला है। इस सीट के रास्ते ही सैफई परिवार की तीन पीढ़ियों ने संसद का सफर तय किया है।मैनपुरी में चुनावी रथ पर सवारी चाहे किसी की भी रही हो, लेकिन उस रथ के सारथी हमेशा मुलायम सिंह यादव ही रहे है। मुलायम सिंह यादव के जादू के सामने अन्य राजनीतिक दलों के सारे समीकरण ध्वस्त हो जाते थे। इसलिए ही उनके निधन के बाद डिंपल यादव को चुनावी मैदान में समाजवादी पार्टी ने उतारा है,लेकिन देखना होगा कि मुलायम सिंह यादव के ना रहने पर उनका जलवा कायम रहता है या नहीं ?