मध्यप्रदेश की राजनीति में कल नया मोड़ आ गया जब कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को बेंगलुरु में गिरफ्तार कर लिया गया। दिग्विजय सिंह अपने बागी विधायकों से मिलने होटल पहुंचे थे। लेकिन रमादा होटल के बाहर ही कर्नाटक पुलिस ने उन्हें रोक दिया। उसके बाद दिग्विजय सिंह अपने सभी कांग्रेस नेताओं समेत सड़क पर बैठ गए जिसके बाद पुलिस ने उन्हें और उनके साथ आए कांग्रेस नेताओं को हिरासत में ले लिया। गिरफ्तारी के बाद दिग्विजय सिंह ने कहा कि वे अब भूख हड़ताल करेंगे।
मैं बेंगलुरु के रमादा होट्ल पहुँच गया हूँ। पुलिस हमें रोक रही है
— digvijaya singh (@digvijaya_28) March 18, 2020
उन्होंने कहा, ”पुलिस हमें विधायकों से मिलने नहीं दे रही है। मैं मध्य प्रदेश का राज्यसभा उम्मीदवार हूं। 26 तारीख को राज्यसभा चुनाव के लिए विधानसभा में वोटिंग होनी है। हमारे विधायकों को यहां होटल में बंधक बनाकर रखा गया है। वे हमसे बात करना चाहते हैं, लेकिन उनके मोबाइल छीन लिए गए। भाजपा नेता अरविंद भदौरिया और कुछ गुंडे अंदर हैं। विधायकों की जान को खतरा है। मेरे पास हाथ में न बम है, न पिस्तौल है और न हथियार है। फिर भी पुलिस मुझे क्यों रोक रही है।”
Bengaluru: Congress leader Digvijaya Singh sits on dharna near Ramada hotel, allegedly after he was not allowed by police to visit it. 21 Madhya Pradesh Congress MLAs are lodged at the hotel. https://t.co/VSkp7iL5ZW pic.twitter.com/wyPcfvci3f
— ANI (@ANI) March 18, 2020
इसके बाद दिग्विजय सिंह कहा, ”बेंगलुरु में तो भाजपा की सरकार है। पुलिस भी उन्हीं के इशारे पर काम कर रही है। मुझे तो भाजपा के राज में भी उनकी पुलिस के बीचडर नहीं लग रहा। लेकिन भाजपा नेताओं को किस बात का डर है, क्या वे खुद अपनी पुलिस से डर रहे हैं? मैं यहां गांधीवादी तरीके से अपने विधायकों से मिलने आया हूं। उम्मीद है कि वे जल्द लौट जाएंगे। 5 विधायकों से मेरी बात हुई तो उन्होंने बंधक होने की जानकारी दी। होटल में 27 घंटे पुलिस का पहरा है। विधायकों की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।”
खबरों के मुताबिक, जब कांग्रेस नेता बेंगलुरु पहुंचे तो उन्हें लेने कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार पहुंचे थे। शिवकुमार ने प्रदेश की येदियुरप्पा सरकार पर आरोप लगाया कि वे सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमारी भी अपनी रणनीति है। मौजूदा हालात में मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेता यहां अकेले नहीं है। मैं हमेशा उनके साथ खड़ा हूं। हम चाहते हैं कि कर्नाटक में कानून व्यवस्था नियंत्रण में रहे।”
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से फ्लोर टेस्ट कराने को कहा था। जिसके बाद कमलनाथ ने राज्यपाल को पत्र लिखकर बेंगलुरु से 22 विधायकों को वापस लाए जाने की मांग की थी। कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि भाजपा ने उनके विधायकों कोे बंधक बना रखा है। कमलनाथ कह चके हैं कि जब तक उनके विधायक वापस नहीं आ जाते तब तक फ्लोर टेस्ट नहीं कराएंगे। इससे पहले जीतू पटवारी कमलनाथ सरकार के चार मंत्रियों के साथ बागी विधायकों से मिलने गए थे। उन्हें भी पुलिस ने कोरिसॉर्ट के बाहर ही रोक दिया था। तब मंत्रियों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई थी। उसके बाद उन सभी मंत्रियों को हिरासत में ले लिया गया था।