पूरा देश और दुनिया कोरोना महामारी के चलते परेशान हैं। बहुत से लोग इस बीमारी से काल काल्वित हो चुके हैं तो बहुत से लोग ऐसे हैं जो क्वॉरेंटाइन सेंटरों में आइसोलेशन वार्ड में एडमिट है और इलाज करा रहे हैं। इसी दौरान एक नया रहस्य सामने आ रहा है।
जिससे लगता है कि कोरोना महामारी ने गिरगिट को भी मात दे दी है। जिस तरह गिरगिट तरह तरह से रंग बदल रहा होता है, उसी तरह कोरोना महामारी भी नए-नए रंग में सामने आ रही है। अब डब्ल्यूएचओ ने देश और दुनिया को चेताया है कि कोरोना अब नए रूप में सामने आ रहा है।
गौरतलब है कि अब तक कोरोना के मरीजों में कफ, सर्दी, बुखार, गला सूखना, थकान महसूस होना, खांसी आना और सांस लेने में तकलीफ, अचानक सूंघने की क्षमता खत्म, आंखें गुलाबी होने को ही इस बीमारी के लक्षणों में सुमार किया जा रहा था। लेकिन अब कुछ मरीजों में बोलने में दिक्कत के साथ-साथ अगर चलने में दिक्कत हो रही है तो वह कोरोना वायरस के संक्रमण होने के लक्षण माने जा रहे हैं।
देखने में आ रहा है कि अब मेडिकल टीमें और डॉक्टर इस तरह के लक्षणों को लेकर गंभीर हो चुके है। कहना अतिशयोक्ति न होगा कि कुल मिलाकर रंग बदलकर कोरोना ने दुनिया की तकलीफ और बढ़ा दी है। देखने में आ रहा है कि अभी तक देश और दुनियाभर के डॉक्टर यह कहते थे कि कफ या बुखार रहना या खांसी होना ही कोरोना वायरस के तीन मुख्य लक्षण हैं।
इसके लिए बकायदा डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी हैं। यह चेतावनी ऐसे समय पर आई है जब कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 3 लाख को पार कर गई है। जानकारी के अनुसार, इस महामारी से ठीक हुए लोगों का कहना है कि अन्य लक्षणों के साथ-साथ बोलने में दिक्कत का होना कोरोना वायरस से संक्रमित होने का संभावित लक्षण है।
जानकारी के अनुसार डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों का कहना है कि किसी व्यक्ति को बोलने में दिक्कत के साथ-साथ अगर चलने में दिक्कत हो रही है तो उसे तत्काल डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि कोरोना वायरस से प्रभावित ज्यादातर लोगों को सांस लेने में हल्की परेशानी हो सकती है और वे बिना किसी खास इलाज के ठीक हो जाएंगे। जबकि कोरोना वायरस के गंभीर लक्षणों में सांस लेने में दिक्कत और सीने में दर्द या दबाव, बोलना बंद होना या चलने फिरने में दिक्कत कोरोना वायरस के गंभीर लक्षणों के तौर पर सामने आ रहें हैं।