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धारावी की धाक: कोरोना कंट्रोल में पेश की नजीर, WHO ने की ‘धारावी माडल’ की प्रशंसा

धारावी की धाक: कोरोना कंट्रोल में पेश की नजीर, WHO ने की 'धारावी माडल' की प्रशंसा

एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती धारावी इस समय चर्चा के केंद्र में है। चर्चा के केंद्र में वह कोरोना के बढ़ते प्रकोप में अपना मॉडल पेश करने के कारण है। देश और दुनिया में अपनी विशेष पहचान बनाने वाली धारावी कॉलोनी ने जिस तरह से कोरोना बीमारी पर कंट्रोल किया गया इससे वह प्रशंसा बटोर रही है।

इससे पहले देश और दुनिया में धारावी मॉडल की चहूँ और चर्चा चल रही है। ऐसे में डब्ल्यूएचओ ने धारावी मॉडल की प्रशंसा कर महाराष्ट्र सरकार को कोरोना कंट्रोल करने में विशेष महत्व दिया है। धारावी स्लम एरिया कहा जाता है। जो महाराष्ट्र के मुंबई में हैं । यहां करीब 7 से 10 लाख लोग रहते हैं। कई किलोमीटर एरिया में फैली हुई यह झुग्गी बस्ती कोरोना बीमारी के चलते देश और दुनिया की निगाहों में थी।

जिस तरह से महाराष्ट्र और खासकर मुंबई में कोरोना के मरीजों में दिनोंदिन वृद्धि हुई उससे लग रहा था कि धारावी कॉलोनी में बम बनकर फूट सकता है । क्योंकि इस कॉलोनी में 80 प्रतिशत लोग सार्वजनिक शौचालयों का प्रयोग करते हैं। इसके साथ ही जिन गलियों से लोग गुजरते हैं उनमे से दो व्यक्ति बड़ी मुश्किल से निकल पाते हैं। ऐसे में महाराष्ट्र सरकार सबसे ज्यादा धारावी को लेकर आशंकित थी।

देश और दुनिया में धारावी कॉलोनी को लेकर कई बार सोशल मीडिया और टीवी चैनलों पर बड़ी बड़ी डिबेट शुरू की गई । जिसमें सभी की चिंता यही थी कि अगर इस कॉलोनी में कोरोना फैल गया तो फिर ना जाने कितने लोग अपनी जान गंवा बैठेंगे। लेकिन सरकार की सजगता और स्वास्थ्य मंत्रालय की सक्रियता के चलते कोरोना पर कंट्रोल कर लिया गया। इसके लिए बकायदा धारावी में एक मॉडल प्रस्तुत किया गया। जिसमें कोरोना महामारी से बचाव के लिए उपयुक्त उपाय किए गए।

जिसके तहत धारावी कालोनी में प्रशासन ने चेस द वायरस नाम से अभियान शुरू किया। इसके तहत कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग, फीवर कैंप, आइसोलेशन, टेस्ट करना शुरू किया गया। स्कूल और कॉलेज को क्वारंटीन सेंटर बनाया गया। डॉक्टर और नर्सों की व्यवस्था की गई। जगह जगह कैंप लगाए गए। लोगों के घर घर जाकर स्क्रीनिंग हुई। जिनमें लक्षण दिखे, उन्हें क्वारंटीन किया गया। यहां करीब 11 हजार लोगों को अब तक क्वारंटीन किया गया। इतना ही नहीं कई समाजिक संगठन और प्राइवेट अस्पताल भी मदद के लिए आगे आए। इन सबका नतीजा है कि यहां 77 प्रतिशत लोग ठीक हो चुके हैं। जबकि 23 प्रतिशत लोगों का इलाज चल रहा है।

गौरतलब है कि डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ट्रेडोस अधनोम ने कहा कि दुनिया में कई ऐसे उदाहरण हैं, जिन्होंने यह दिखाया कि भले ही कोरोना महामारी का प्रकोप कितना भी हो, लेकिन इसे नियंत्रम में लाया जा सकता है। इन उदाहरणों में इटली, स्पेन, दक्षिण कोरिया यहां तक की मुंबई का धारावी भी शामिल है। डब्ल्यूएचओ की ओर से कहा गया कि धारावी में टेस्टिंग, ट्रेसिंग, सोशल डिस्टेंसिंग और संक्रमित मरीजों का तुरंत इलाज करके कोरोना से लड़ाई में सफलता मिली है। डब्ल्यूएचओ की ओर से कहा गया कि धारावी में टेस्टिंग, ट्रेसिंग, सोशल डिस्टेंसिंग और संक्रमित मरीजों का तुरंत इलाज करके कोरोना से लड़ाई में सफलता मिली है।

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