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धनखड़ का उपराष्ट्रपति बनना लगभग तय

देश के नए उपराष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए मतदान चल रहा है। इसमें मुकाबला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ और विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा के बीच है। आंकड़ों के लिहाज से देखा जाए तो पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल धनखड़ की जीत सुनिश्चित लग रही है।

 

विपक्षी दलों में उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर मतभेद भी सामने आए हैं, क्योंकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने अल्वा के नाम की घोषणा से पहले सहमति नहीं बनाने की कोशिशों का हवाला देते हुए मतदान प्रक्रिया से दूर रहने की घोषणा की है। अस्सी वर्षीय अल्वा कांग्रेस की वरिष्ठ नेता हैं और वह राजस्थान के राज्यपाल के रूप में भी काम कर चुकी हैं। धनखड़ 71 वर्ष के हैं और वह राजस्थान के प्रभावशाली जाट समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।

उपराष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आज शाम तक आ जाएंगे। भाजपा की अगुआई वाली एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ का उपराष्ट्रपति बनना लगभग तय है। आंकड़ों में वह विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा से कहीं आगे चल रहे हैं। राजस्थान के छोटे से जिले झुंझुनू से निकलकर देश के दूसरे सबसे सर्वोच्च पद तक का सफर तय करने वाले धनखड़ की जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव आए। उन्होंने काफी संघर्ष किया। आज वह उपराष्ट्रपति पद के बेहद नजदीक आ चुके हैं।

 

तय है धनखड़ की जीत

 

एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ की इस चुनाव में जीत तय मानी जा रही है। संसद के निचले सदन लोकसभा में बीजेपी के पास कुल 303 हैं, बताया जा रहा है कि सांसद संजय धोत्रे तबीयत ठीक ना होने के चलते मतदान नहीं कर पाएंगे। इस तरह एनडीए गठबंधन के पास लोकसभा में कुल 336 सदस्य हैं। वहीं राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी के पास 91 (4 नॉमिनेटेड सहित) सदस्य हैं और एनडीए के पास कुल 109 सदस्य हैं। ऐसे में अब एनडीए के पास संसद के दोनों सदनों में कुल 445 सदस्य हैं।

 

एनडीए उम्मीदवार का चुनावी समीकरण

 

जगदीप धनखड़ को एनडीए में शामिल दलों के अलावा भी कई पार्टियों ने समर्थन दिया है। राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने वाली बसपा ने इस चुनाव में भी एनडीए उम्मीदवार को समर्थन देने का ऐलान किया है।

 

धनखड़ को इन पार्टियों ने दिया समर्थन

 

वाईएसआरसीपी,बीएसपी,टीडीपी,बीजेडी,अन्नाद्रमुक,शिवसेना (शिंदे गुट)

निर्वाचक मंडल अंकगणित के अनुसार, जगदीप धनखड़ के पक्ष में दो-तिहाई मत हैं। माना जा रहा है कि धनखड़ का देश का अगला उपराष्ट्रपति बनना तय है। समर्थन को देखते हुए धनखड़ को 515 के करीब मत मिलने की संभावना जताई जा रही है।

 

विपक्ष की उम्मीदवार का चुनावी समीकरण

 

मार्गेट अल्वा को यूपीए गठबंधन में शामिल दलों के अलावा कई और विपक्षी पार्टियों ने समर्थन दिया है। राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार को समर्थन देने वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इस चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार का साथ देने का फैसला किया है।

 

अल्वा को इन पार्टियों ने दिया समर्थन

 

तेलंगाना राष्ट्र समिति,आम आदमी पार्टी,झारखंड मुक्ति मोर्चा,ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन

विपक्ष की उम्मीदवार मार्गेट अल्वा को अब तक मिले पार्टियों के समर्थन को देखते हुए अनुमान जताया जा रहा है कि उन्हें 200 के करीब वोट मिल सकते हैं।

 

धनखड़ का राजनीतिक सफर


धनखड़ ने अपनी राजनीति की शुरुआत जनता दल से की थी। धनखड़ 1989 में झुंझनुं से सांसद बने। पहली बार सांसद चुने जाने पर ही उन्हें बड़ा इनाम मिला। 1989 से 1991 तक वीपी सिंह और चंद्रशेखर की सरकार में उन्हें केंद्रीय मंत्री भी बनाया गया था। हालांकि, जब 1991 में हुए लोकसभा चुनावों में जनता दल ने जगदीप धनखड़ का टिकट काट दिया तो वह पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए और अजमेर के किशनगढ से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर 1993 में चुनाव लड़ा और विधायक बने। 2003 में उनका कांग्रेस से मोहभंग हुआ और वे कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। 2019 में जगदीप धनखड़ को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनाया गया।

 

 

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