पूरे देश में कोरोना वायरस का संकट दिन-दिन बढ़ता जा रहा है। वायरस के प्रसार को रोकने के लिए भी महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। जिसको देखते हुए 14 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे 3 मई तक बढ़ा दिया था। सरकार कड़े कदम उठा रही है ताकि इस महामारी से उबर सके। इसी बीच 24 अप्रैल से रमजान भी शुरू होने वाला है। इसी को देखते हुए बिहार पुलिस ने अभी से ही तैयारी शुरू कर दी हैं। डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय और एडीजी पुलिस मुख्यालय जितेंद्र कुमार ने गुरुवार को इस संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। जितेंद्र कुमार ने लॉकडाउन को लेकर जारी दिशा-निर्देश का सख्ती से अमल कराने को कहा।
डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने जिलों में तैनात पुलिस कर्मियों के खूबियां ओर खामियां दोनों बताई। उन्होंने आगे कहा कि मुझे एक-एक गाँव शहर की रिपोर्ट मुझे मिल रही है। कोई इस भ्रम में न रहे कि मुझे रिपोर्ट नहीं मिल रही है। कोई भी पुलिस कर्मी किसी रेंज आइजी-डीआइजी और एसएसपी-एसपी को बारीकी से थाने के स्तर पर ब्रीफिंग सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
साथ ही कहा गया है कि जरुरतमंदों को प्रताड़ित नहीं किया जाए। यह भी ध्यान रखना होगा कि लॉकडाउन की अनदेखी कर लोग रोड पर मटरगश्ती न करें। ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस सख्ती से पेश आए और कड़ी कार्यवाही करें। इसे खासकर रमजान के दौरान विशेष सतर्कता बरतने और माहौल खराब करने वालों पर पैनी नजर रखने को लेकर अगाह किया। पुलिस खास ध्यान रखे कि लोगों को शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए सचेत करें।
कोरोना जांच करने जा रही मेडिकल टीम और पुलिस पर हमला करने वालों को भी डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने चेताया है। उन्होंने कहा कि हमला करने वाला कोई भी हो उसको वह छोड़ेंगे नहीं। उसे निश्चित ही जेल होगी। कोई पैरवी काम नहीं आएगी। औरंगाबाद में हमला करने वाले 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जिन लोगों पर केस दर्ज किया गया, सभी पर गुंडा एक्ट भी लगा है। बुधवार को कोरोना जांच करने गई मेडिकल टीम और जवानों पर ग्रामीण लोगो ने पथराव से हमला कर दिया था। इसी तरह का वाकया पूर्वी चंपारण जिले में भी सामने आया था।