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नफरत के आगोश में लोकतंत्र

देश में बढ़ती असहिष्णुता के किस्से दिन-प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे हैं। कोरोना जैसी बीमारी का प्रलय जहां थमने का नाम नहीं ले रहा है, वहीं दूसरी तरफ धर्म के नाम पर फैली बीमारी भी दिन-प्रतिदिन इंसान की इंसानियत को खत्म किए जा रही है। दुनियाभर में कोरोना का बदलता रूप भयभीत किए हुए है। उसी तरह धर्म के नए-नए चेहरे रोज किसी-न-किसी तरह से सामने आकर आपस में रंजिशें पैदा कर रहे हैं। एक वक्त वह भी था जब हिन्दुस्तान में रहने वाले सभी मजहब के लोग आपस में भाई-भाई के नारे लगाते थे। अब लेकिन यह गंगा-जमुनी संस्कृति पूरी तरह गायब हो चली है। हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि अब कलाकारों, कवियों और साहित्यकारों को भी असहिष्णुता का शिकार होना पड़ रहा है। इसका प्रतिकूल असर इन सभी के लेखन और करियर पर पड़ने लगा है। लगभग एक साल से असहिष्णुता के कारण टारगेट हो रहे स्टैंड अप कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी ने अपने कैरियर पर रोक लगाते हुए ट्वीट किया है कि ‘नफरत जीत गई, आर्टिस्ट हार गया। मेरा काम पूरा हुआ। गुड बाय, नाइंसाफी।’ यह ट्वीट तब किया गया जब बैंगलुरु में गत् पखवाड़े होने वाला उनका शो पुलिस की सलाह के आधार पर रद्द कर दिया गया।

बेंगलुरु पुलिस ने आयोजनकर्ताओं को लिखे हुए पत्र में यह कहते हुए शो के लिए परमिशन देने से मना कर डाला कि मुनव्वर फारुकी का शो रद्द कर देना चाहिए क्योंकि कई समूह इसका विरोध कर रहे हैं। अपने पत्र में पुलिस ने यह भी कह डाला कि मुनव्वर फारुकी विवादास्पद व्यक्ति हैं, क्योंकि वह दूसरे धर्म के भगवानों को लेकर विवादास्पद बयान देते रहते हैं। यदि फारुकी का शो ऑर्गनाइज किया गया तो कानून व्यवस्था खतरे में पड़ सकती है। गौरतलब है कि इससे पहले भी इसी आधार पर फारुकी के शो रद्द किए जा चुके हैं। यह शो एक महीने के अंदर-अंदर रद्द किए जाने वाला 12वां शो था। इससे आहत फारुकी ने अपनी पीड़ा का इजहार करते हुए बयान जारी किया कि ‘मुझे ऐसे जोक्स के लिए टारगेट किया जा रहा है। वो जोक जो मैंने आज तक नहीं किया उस पर मुझे जेल भेजा गया, उस शो को रद्द किया गया जिसमें कोई समस्या नहीं थी। यह बहुत गलत है। इस शो को भारत में बिना किसी धर्म के लोगों को बहुत प्यार मिला है। यह बहुत गलत है। हमारे पास इस शो का सेंसर सर्टिफिकेट भी था जिसमें कोई समस्या नहीं थी। मैं इनकी नफरत का बहाना बन गया हूं, हंसा कर कितनों का सहारा बन गया हूं, टूटने पर इनकी ख्वाहिश होगी पूरी, सही कहते हैं, मैं सितारा बन गया हूं।’

मुनव्वर फारुकी को इस साल जनवरी में कथित तौर पर हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने के जुर्म में इंदौर में गिरफ्तार किया गया था। हिंदुवादी संगठनों ने उन पर हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान करने का इलजाम लगाया था जिसके चलते वह 37 दिन तक इंदौर की जेल में रहे थे। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी थी। जेल से बाहर आने के बाद फारुकी ने दोबारा से स्टैंडअप कॉमेडी शुरू करने की योजना बनाई लेकिन हर बारी हिन्दू संगठनों की धमकियों के चलते उन्हें बार-बार अपने शो रद्द करने पड़े। ताजा प्रकरण में हिंदू जागृति समिति संगठन ने 27 नवंबर को बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखा था। इसमें संगठन ने फारुकी के शो को बंद करने को कहा था। बाद में इस पत्र को ट्वीटर पर पोस्ट भी किया गया था। इस ट्वीट में कर्नाटक के मुख्यमंत्री, बेंगलुरु-साउथ के सांसद तेजस्वी सूर्या और उत्तर कन्नडा के सांसद कुमार हिकडे को टैग भी किया गया।

इस पूरे मुद्दे पर बाद में कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने मुनव्वर का नाम न लिखते हुए ट्वीट किया ‘नफरत नहीं जीतेगी विश्वास रखिए’ बेंगलुरु शो के रद्द होने और मुनव्वर के बयान के बाद यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह ट्वीट राहुल द्वारा मुनव्वर को लेकर ही किया गया है। शशि थरूर ने मुनव्वर के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा है कि ‘यह निंदनीय है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचलने के कई तरीके होते हैं लेकिन स्टैंडअप कॉमेडियन के आयोजन स्थल को लेकर धमकी देना बेहद घटिया और शर्मनाक है।’ अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने ट्वीट किया है, ‘यह दिल तोड़ने वाला और शर्मनाक है कि कैसे हमने एक समाज होने के नाते बदमाशियां और संदेह को आम बात कर दिया है। मैं माफी मांगती हूं मुनव्वर।’ वहीं सोशल मीडिया पर ऐसे यूजर्स की कमी नहीं है जो मुनव्वर फारुकी के कार्यक्रम को रद्द किए जाने को सही बता रहे हैं।

ट्विटर पर हिंदू अनुज ठाकुर नामक यूजर लिखते हैं, ‘कॉमेडी के नाम पर मुनव्वर फारुकी ने हिंदू देवताओं का मजाक उड़ाया। हिंदू भूल गए कि वो किस राज्य से हैं, वो किस जाति, किस मातृभाषा से हैं। एक हिंदू होने के नाते साथ आए और धर्म के लिए खड़े हों। मुनव्वर के सभी शो रद्द हों, यह एकता की ताकत है।’ सुरेंद्र वर्मा नामक एक अन्य ट्विटर यूजर ने लिखा कि ‘हिंदू देवी-देवताओं को गाली देना मनोरंजन नहीं है, यह केवल पाप और अपराध है। इस्लाम में इस तरह के अपराध के लिए उस शख्स की मौत का हुक्म है इसलिए फारुकी को माफी मांगनी चाहिए और इस तरह की हरकत दोहराने से बचना चाहिए। हालांकि एक तरफ जहां नफरत है तो दूसरी तरफ फारुकी के समर्थन में कैंपेन भी चलाए जा रहे हैं। कई
सेलिब्रिटी द्वारा उन्हें शो करने के लिए आमंत्रित भी किया जा रहा है। ऐसे में यह मुद्दा गलत और सही का कम, धर्म के आधार पर ज्यादा परखा जा रहा है।

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