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जीएसटी समीक्षा की मांग, 26 फरवरी को भारत बंद

व्यापारियों के शीर्ष संगठन कैट ने छब्बीस फरवरी को भारत बंद का आह्नान किया हैं। इसकी वजह से देश भर में व्यावसायिक प्रतिष्ठान उस दिन बंद रहेंगे। कैट ने जीएसटी के प्रावधानों में समीक्षा करने की मांग की है। देश में व्यापारियों के संगठन सीएआईटी ने 18 फरवरी को बताया कि वस्तु तथा सेवा कर ‘जीएसटी’ व्यवस्था के प्रावधानों की समीक्षा की मांग के तहत देश भर के सभी वाणिज्यिक बाजार 26 फरवरी को भारत बंद के तहत बंद रखा जायेगा। कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स कैट ने बताया कि भारत बंद के कारण देश भर हर राज्यों में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।

कंफेडरेशन आॅफ आॅल इंडिया ट्रेडर्स के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि देश भर के सभी वाणिज्यिक बाजार बंद रहेंगे और सभी राज्यों के अलग- अलग शहरों में विरोध प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे। खंडेलवाल ने बताया कि देशभर में 40,000 से ज्यादा व्यापारियों के संगठन बंद का समर्थन करेंगे। एक प्रेस काॅन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि इस मुद्दे पर सरकार से बातचीत की जा रही है। अखिल भारतीय ट्रांसपोर्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन ‘एआईटीडब्ल्यूए’ सीएआईटी के भारत बंद का समर्थन करेगा तथा 26 फरवरी को चक्का जाम भी करेगा।

खंडेलवाल ने कहा कि पिछले चार वर्ष में जीएसटी नियमों में अब तक लगभग 950 सुधार किए गये हैं। जीएसटी पोर्टल पर तकनीकी खामियों से जुड़े मुद्दे और अनुपालन बोझ बढ़ना कर व्यवस्था की प्रमुख खामिया हैं। पहले 25 फरवरी को वित्त मंत्रालय ने राज्यों को जीएसटी संग्रह में कमी को पूरा करने के लिए 6,000 करोड़ रुपए की 16वीं किस्त जारी की।

केंद्र अब तक कुल 95,000 करोड़ रुपए जारी कर चुका है। मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार अबतक जीएसटी संग्रह में कमी को लेकर अनुमानित क्षतिपूर्ति का 86 प्रतिशत राज्यों और विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों को जारी किए गए हैं। इससे 86,729.93 करोड़ रुपये राज्यों को और 8,270.07 करोड़ रुपए विधानसभा वाले तीन केंद्र शासित प्रदेशों दिल्ली, जम्मू कश्मीर तथा पुड्डुचेरी को जारी किए गए हैं।

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