अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणी को लेकर बुधवार को भी विपक्ष के सदस्यों ने सदन में हंगामा किया. लोकसभा में स्पीकर की मनाही के बावजूद सदन में विपक्ष का हंगामा चलता रहा. विपक्षी सदस्य ट्रंप के बयान पर पीएम मोदी के स्पष्टीकरण की मांग कर रहे थे और
सदन में ‘प्रधानमंत्री जबाव दो’ और ‘तानाशही नहीं चलेगी’ के नारे विपक्ष के सांसद लगा रहे थे।
जिसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि कश्मीर मुद्दे पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का प्रश्न ही नहीं उठता है हम यह सचाई समझते हैं कि ऐसी कोई भी बात शिमला समझौते के विपरीत होगी। कश्मीर के सवाल पर इसलिये भी कोई मध्यस्थता हम स्वीकार नहीं करेंगे क्योंकि कश्मीर हमारे राष्ट्रीय स्वाभिमान से जुड़ा विषय है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से बात होगी तो सिर्फ कश्मीर पर नहीं, पाक अधिकृत कश्मीर पर भी होगी। जून के महीने में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच वार्ता हुई थी। इस बारे में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्पष्ट कर दिया है कि कश्मीर मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं हुई थी । इस विषय पर जयशंकर का बयान सबसे प्रामाणिक है। रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान से केवल कश्मीर पर वार्ता नहीं हो सकती, उसके साथ अगर बातचीत होगी तो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पर भी होगी।
कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र के मुखिया अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच ओसाका में बातचीत हुई । अब अमेरिकी राष्ट्रपति कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे कश्मीर पर मध्यस्थता करने का आग्रह किया था । अब पूरा देश जानना चाहता है कि सचाई क्या है। उन्होंने कहा कि ट्रंप जो कह रहे हैं, वह सही भी हो सकता है, गलत भी हो सकता है । इस विषय पर प्रधानमंत्री नहीं बोल रहे हैं । इसलिये शंका पैदा होती है। ”प्रधानमंत्री सदन में आएं और स्थिति स्पष्ट करें। द्रमुक के टी आर बालू ने भी प्रधानमंत्री से सदन में आकर इस विषय पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की।
लोकसभा अध्यक्ष ने सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी से कहा कि आपको बात रखने का पूरा मौका दिया गया और आप सत्ता पक्ष का जवाब भी सुनें । लेकिन जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बोलने के लिये खड़े हुए तब संप्रग नेता सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस, द्रमुक सहित कुछ विपक्षी दलों ने सदन से वाकआउट किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस संसदीय दल के नेता ने आश्वासन दिया था कि वे सत्ता पक्ष की बात सुनेंगे… लेकिन उन्होंने वादाखिलाफी की। सिंह ने कहा कि लोकतंत्र विश्वसनीयता के आधार पर चलता है। परस्पर विश्वास स्वस्थ लोकतंत्र का आधार होता है। कांग्रेस सदस्यों ने कहा था कि सुनेंगे, लेकिन वे वाकआउट कर गए।