[gtranslate]
Country

नहीं रुक रहा दिल्ली का दंगा, अब तक 7 की मौत कई गाड़ियां आग हवाले

नहीं रुक रहा दिल्ली का दंगा, अब तक 7 की मौत कई गाड़ियां आग हवाले

देश की राजधानी दिल्ली जल रही है। लोग एक-दूसरे के दुश्मन बन रहे हैं। पत्थरबाजी हो रही हैं। आगजनी जारी है। पिछले 3 दिन से जारी यह दंगा सोमवार के दिन खतरनाक रूप में सामने आया। जब एक पुलिसकर्मी समेत 7 लोग बेमौत मारे गए। एक तरफ दुनिया के सबसे बड़े देश अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत की यात्रा पर आए थे तो दूसरी तरफ दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके स्वागत में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहते है। लेकिन वहीं देश की राजधानी दिल्ली में दंगाइयों ने अपना खतरनाक रूप दिखाना शुरू कर दिया।

चौंकाने वाली बात ये है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जिस होटल में ठहरे थे, वहां से महज 20 किलोमीटर की दूरी पर देश की राजधानी आग के लपेटे में है। पेट्रोल पंप जलाए जा रहे थे। टायर मार्केट में आग लगाई गई और एक-दूसरे पर जमकर पत्थरबाजी हुई। यही नहीं बल्कि कई राउंड गोलियां खुलेआम चलाई गई। इस दौरान दिल्ली पुलिस के डीसीपी अमित शर्मा गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें बाद में आईसीयू में एडमिट कराया गया। हालांकि, डीसीपी अमित शर्मा की सर्जरी हो चुकी है और वह फिलहाल खतरे से बाहर है। लेकिन इस दंगे की भेंट राजस्थान निवासी हेड कांस्टेबल रतनलाल चढ़ गए। रतनलाल के साथ ही मोहम्मद फुरकान और शाहिद नामक व्यक्तियों को भी दंगाइयों ने मौत के घाट उतार दिया। याद रहे कि यह उस दिल्ली में हो रहा है जिसमें आज अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रहेंगे।

तीन दिन पहले सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) के विरोध में जाफराबाद और मौजपुर में चल रहा धरना अचानक उस समय सुर्खियों में आ गया जब वहां दो गुट आपस में लड़ गए। बताया जा रहा है कि शनिवार से पहले यहां धरना शांतिपूर्वक चल रहा था। लेकिन भाजपा नेता कपिल मिश्रा के द्वारा भड़काऊ बयान देने के बाद अचानक सीएए विरोधी आंदोलनकारी सड़कों पर उतर आए। जबकि इसी दौरान भीम आर्मी और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं में भिड़ंत हो गई। यह कहा जा रहा है कि शनिवार को अगर दिल्ली पुलिस इस मामले में गंभीरता दिखाती तो उससे अगले दिन यानी रविवार को 7 लोग बेमौत नहीं मारे जाते।

बताया जा रहा है कि कपिल मिश्रा को भड़काऊ बयान देते समय अगर पुलिस रोक देती तो शायद रविवार को दिल्ली नहीं जलती। हालांकि, अब दिल्ली में जाफराबाद, सीलमपुर, मौजपुर, गौतमपुरी, भजनपुरा, चांद बाग़ मुस्तफाबाद और वजीराबाद में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

फिलहाल दिल्ली के इस इलाके को सीआरपीएफ के अधीन कर दिया गया है। यही नहीं बल्कि सीआरपीएफ की आठ कंपनियां तैनात कर दी गई हैं। इसके बावजूद भी दंगा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। बताया जा रहा है कि आज सुबह मौजपुर इलाके में दंगाइयों ने 2 गाड़ियों को आग लगा दी। इस मामले में शांति बनाए रखने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और देश के गृहमंत्री अमित शाह के बीच बैठक होने वाली है।

आम आदमी पार्टी ने अपने सभी विधायकों को बुलाकर निर्देश दे दिए हैं कि किसी भी तरह प्रदेश में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए वह हर संभव प्रयास करें। मेट्रो के 5 स्टेशन बंद कर दिए गए हैं और नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के स्कूल भी बंद कर दिए गए हैं। नॉर्थ ईस्ट के इन स्कूलों में छात्रों की परीक्षाएं चल रही थी जिनको फिलहाल रद्द कर दिया गया है।

इस मामले में कल एक पुलिसकर्मी पर पिस्टल तानने वाले व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। लाल शर्ट पहने यह व्यक्ति खुलेआम 8 राउंड गोलियां चलाकर दहशत फैलाता हुआ देखा गया। बताया जा रहा है कि पुलिस ने उसे अपनी कस्टडी में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। गिरफ्तार किए गए युवक का नाम शाहरुख बताया जा रहा है ।

वहीं दूसरी तरफ नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के दंगे में सियासत की भी बू आ रही है। कहा जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे के दौरान उपद्रवी यह संदेश देना चाहते हैं कि देश में सांप्रदायिकता का माहौल खराब है। बताया तो यहां तक जा रहा है कि दंगा कराए जाने के पीछे उन लोगों की साजिश है जो सीएए को बहाना बनाकर भारत की धर्मनिरपेक्षता की छवि को धूमिल करना चाहते हैं। डोनाल्ड ट्रंप के सामने दंगा करके सुर्खियों में आकर वह एक तरह से डोनाल्ड ट्रंप का ध्यान इस ओर आकर्षित करना चाहते हैं। हालांकि, इन बातों की पुष्टि अभी कहीं से हो नहीं रही है। बहरहाल इन बातों को अफवाह करार दिया जा रहा है।

लेकिन देश की राजधानी दिल्ली में तीन दिन से हो रहे उपद्रव मे पुलिस पर कहीं-न-कहीं राजनीतिक दबाव भी दिखता हुआ नजर आ रहा है। जो दिल्ली पुलिस 10 आदमियों को इकट्ठा होते देख शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए समुचित पुलिस बल तैनात कर देती है आखिर वह अधिक संख्या में पुलिस तैनात क्यों नहीं कर पाई? पुलिस की कमी के साथ ही सवाल यह भी उठ रहे हैं कि पत्थरबाजों के पास इतने पत्थर कहां से आए? पत्थरबाजों की पत्थरों को इकट्ठा करने की वीडियो भी वायरल हुई हैं जिसमें यह जांच करना जरूरी है कि यह दंगा कहीं पूर्व नियोजित तो नहीं था।

You may also like

MERA DDDD DDD DD