दिल्ली में हिंसा के बाद कांग्रेस पार्टी हलचल में आई है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी आज गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति से मिलकर ज्ञापन सौंपा। उन्होंने केंद्र सरकार से राजधर्म का पालन कराने और गृह मंत्री अमित शाह को हटाने के लिए कदम उठाएं।
दिल्ली हिंसा पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह और पार्टी के अन्य नेताओं ने आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर ज्ञापन सौंपा। सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति से केंद्र सरकार से राजधर्म का पालन कराने और गृहमंत्री अमित शाह को हटाने के लिए कदम उठाने को कहा।
Instead of taking active steps to remedy or diffuse the situation, the Central Govt as also the newly elected Delhi Govt, have remained mute spectators as completely mindless rage, designed violence and organised looting has continued unabated: CP Smt Sonia Gandhi. #LoyalOrLoya pic.twitter.com/aC0ooRevFB
— Congress (@INCIndia) February 27, 2020
सोनिया गांधी के साथ कांग्रेस पार्टी के पी.चिदम्बरम, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़के, अहमद पटेल, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, अहमद पटेल, एके एंटनी, मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और कुछ अन्य नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात की।
मुलाकात के बाद सोनिया ने कहा कि सीडब्ल्यूसी की बैठक में हमने दिल्ली में स्थिति को लेकर कई मुद्दों पर चर्चा की थी। हिंसा में करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। हिंसा, लूटपाट, पथराव और मर्डर हुए हैं। पुलिस और गृहमंत्री हिंसा रोकने में पूरी तरह से नाकाम रहे हैं। उम्मीद है राष्ट्रपति मामले में जरूरी कदम उठाएंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष ने ज्ञापन का कुछ हिस्सा पढ़ा और दावा किया कि केंद्र और दिल्ली सरकार हिंसा को लेकर मूकदर्शक बनी रहीं। गृहमंत्री और प्रशासन की निष्क्रियता से बड़े पैमाने पर जानमाल का नुकसान हुआ। कांग्रेस की ओर से सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है, “हम इस बात को दोहराते हैं कि गृह मंत्री को हटाए जाए। क्योंकि वह हिंसा को रोकने में अक्षम साबित हुए। हम आपसे आग्रह करते हैं कि नागरिकों के जीवन, संपत्ति और आजादी को सुरक्षित रखा जाए। हम आशा करते हैं कि आप निर्णायक कदम उठाएंगे।”
Congress delegation led by Congress President Smt. Sonia Gandhi & Former PM Dr. Manmohan Singh meet with the Honourable President of India, to present a memorandum on the Delhi violence. pic.twitter.com/PgAUXcoJdw
— Srinivas BV (@srinivasiyc) February 27, 2020
वहीं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि पिछले कुछ दिनों के भीतर दिल्ली में जो कुछ भी हुआ है वो बहुत चिंताजनक और राष्ट्रीय शर्म का विषय है। यह हालात को नियंत्रित रखने में केंद्र सरकार की पूरी विफलता का प्रमाण है। हमने राष्ट्रपति से कहा है कि वह सरकार से राजधर्म का पालन करने के लिए कहें।
उन्होंने आगे कहा कि हमने राष्ट्रपति को बताया कि दिल्ली में पिछले चार दिनों में क्या हुआ है। यह बहुत ही चिंता का विषय है। यह देश के लिए शर्म की बात है कि कम-से-कम 34 लोग मारे गए हैं और 200 लोग घायल हुए हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी का सोनिया गांधी के अगुवाई में मार्च निकालने का कार्यक्रम था। पार्टी विजय चौक से राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालना चाहती थी। लेकिन इजाजत नहीं मिलने के बाद मार्च निकालने का कार्यक्रम रद्द हो गया।
दिल्ली हिंसा को लेकर बुधवार को कांग्रेस पार्टी ने शांति मार्च निकाले थे। कांग्रेस कार्यकर्ता गांधी स्मृति की तरफ बढ़ रहे थे। लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया। जिसके बाद प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के सभी नेता और कार्यकर्ता वहीं धरने पर बैठ गए। प्रियंका गांधी ने हिंसा को न रोक पाने की नाकामी के लिए गृहमंत्री अमित शाह को इस्तीफा देने बात कही।