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दिल्ली हिंसा: मरने वालों की संख्या पहुंची 20, दो सौ से अधिक घायल

दिल्ली हिंसा: मरने वालों की संख्या पहुंची 20, दो सौ से अधिक घायल

दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाकों में हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है। हिंसा में अब तक 20 लोगों की जान जा चुकी है। और लगभग 200 लोग जख्मी हुए हैं जिन्हें स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। ये हिंसा पुलिस की भारी मौजूदगी और अर्धसैनिक बलों की तैनात होने के बावजूद हो रही है। कल देर रात तक कई इलाकों से आगज़नी और हिंसा की खबरें आती रहीं। जब इस बात की जानकारी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को मिली तो उन्होंने देर रात उत्तर पूर्वी जिले के पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। वहां के हालात और कारणों का जायजा लिया।

वहीं दिल्ली हाई कोर्ट में आधी रात को इस मामले पर सुनवाई हुई। जस्टिस एस मुरलीधर के घर पर मंगलवार रात हुई सुनवाई में कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि घायलों को तुरंत बड़े सरकारी अस्तपताल में भर्ती कराया जाए। हिंसा में घायल लोग मुस्तफाबाद के अस्पताल में भर्ती हैं। कोर्ट ने एंबुलेंस को सुरक्षित रास्ता उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया है। इस बीच जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास से सीएए विरोधी प्रदर्शनकारी हट गए हैं और रास्ता खोल दिया गया।

दरअसल, डॉक्टर्स फोरम को कल देर रात दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। डॉक्टरों और एंबुलेंस के लिए सुरक्षा की गुहार लगाई। आईपीएस अधिकारी एसएन श्रीवास्तव को तत्काल प्रभाव से दिल्ली पुलिस में विशेष आयुक्त (कानून और व्यवस्था) के रूप में नियुक्त किया गया है। दिल्ली पुलिस की तरफ से दंगायों को देखते ही गोली मार देने के बयान पर भी सवाल उठे हैं। जब इसको लेकर सवाल पूछा गया तो पुलिस अधिकारियों ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के लिए ऐसा कोई ऑर्डर नहीं दिया गया है।

वहीं डीसीपी ने कहा कि लोगों ने छतों से भी पथराव किए। हिंसा वाले इलाके में भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती है। किसी को भी कानून को हाथ में लेने की इजाजत नहीं है। उन्होंने बताया कि हिंसा के मामले में 11 FIR दर्ज की गई हैं। वहीं कई लोगों को हिरासत में लिया गया है। बता दें कि दिल्ली के भजनपुरा, चांदबाग, खुरेजी मौजपुर, गोकुलपुरी, जाफराबाद के इलाकों में हिंसा हुई है। बताया जा रहा है कि कम-से-कम 200 लोग जख्मी हैं। अर्धसैनिक बलों की 37 कंपनियां ब्रह्मपुरी, घोंडा, मौजपुर, चांदपुर, करावल नगर में तैनात थी। उसके बाद भी हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है। खुलेआम फायरिंग हो रही है। घरों को जलाया जा रहा है। बसों को आग के हवाले किया गया। लोगों का कहना है कि जख्मी लोगों को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंच पा रही हैं।

हिंसा में पत्रकारों को भी निशाना बनाया जा रहा है। जो पत्रकार ग्राउंड रिपोर्टिंग के लिए जा रहे हैं उन पर हमले किए जा रहे हैं। जो भी फुटेज उनके पास हैं उन्हें डिलीट करने को कहा जा रहा। इस मामले की एडिटर्स गिल्ड ने निंदा की है और दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। साथ ही पत्रकारों को सुरक्षा दिए जाने की भी अपील की गई है। दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त सतीश गोलचा ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने जाफराबाद मेट्रो स्टेशन छोड़ दिया है। फिलहाल मौजपुर चौक और 66 फूटा रोड पर भी मौजूदा हालात सामान्य हैं।

दिल्ली हिंसा: मरने वालों की संख्या पहुंची 20, दो सौ से अधिक घायल

दूसरी तरफ बीते रात को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पर देर रात जामिया के पूर्व छात्रों ने प्रदर्शन किया। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय प्रकाश जावड़ेकर ने दिल्ली हिंसा को लेकर निजी टीवी चैनलों को एडवाइजरी जारी की है। वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दिल्ली के सीएम और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को साथ बैठकर हालात सामान्य करने के लिए सलाह मशविरा करने की बात कही है। खबरों के मुताबिक, आज कांग्रेस कार्यकर्ता कांग्रेस मुख्यालय, 24 अकबर रोड से गांधी स्मृति मार्ग तक साम्प्रदायिक सद्भाव के लिए ‘शांति मार्च’ निकालेंगे।

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