दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। इस बात की जानकारी खुद अनिल चौधरी ने ट्वीट कर दी है। उन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो डालें हैं जिसमें वो कह रहे हैं कि मुझे मेरे निवास स्थान पर पुलिस द्वारा डिटेंड किया गया है, पता नहीं क्यों? जैसे ही पता चलेगा आपको सूचित करूंगा।
मुझे मेरे निवास स्थान पर पुलिस द्वारा डिटेंड किया गया है, पता नहीं क्यूँ ? जैसे ही पता चलेगा आपको सूचित करूँगा । pic.twitter.com/vtpPsQv26o
— Anil Chaudhary (@Ch_AnilKumarINC) May 17, 2020
वीडियो में अनिल चौधरी ने कहा, “नमस्कार मैं चौधरी अनिल कुमार दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष। आज जैसे ही मैं सोकर उठा तो मेरे घर पर हमारे एरिया के एसएचओ पहुंचे। उन्होंने बताया कि मुझे डिटेन किया गया है। मैं घर से बाहर नहीं जा सकता हूं। मुझे नहीं मालूम क्यों? लेकिन अगर मुझे जानकारी देंगे तो फिर आपको भी बताऊंगा क्यों?”
वहीं अनिल चौधरी को हिरासत में लिए जाने पर दिल्ली कांग्रेस ने ट्वीट कर आपत्ति जताई और सरकार पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि एक और जहां सरकार जरूरतमंद लोगों की मदद में पूरी तरह विफल साबित हुई। दूसरी तरफ दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष उनकी मदद के लिए दिन रात लगे हुए हैं, आज दिल्ली पुलिस द्वारा अनिल चौधरी को डिटेन कर लिया गया है, हम सरकार के इस तानाशाही रवैये की कड़ी निंदा करते है।
एक और जहां सरकार जरूरतमंद लोगों की मदद में पूरी तरह विफल साबित हुई, वहीं दूसरी तरफ दिल्ली काँग्रेस अध्यक्ष उनकी मदद के लिए दिन रात लगे हुए हैं, आज दिल्ली पुलिस द्वारा @Ch_AnilKumarINC को डिटेन कर लिया गया है,
हम सरकार के इस तानाशाही रवैये की कड़ी निंदा करते है,#तानाशाही_सरकार pic.twitter.com/JC7WW9Gkd0— Delhi Congress (@INCDelhi) May 17, 2020
दिल्ली पुलिस का कहना है कि अनिल चौधरी मास्क और शारीरिक दूरी के नियमों का पालन नहीं किये जिस वक्त वो प्रवासी मजदूरों के साथ थे। उल्लेखनीय है कि कोरोना संकट की वजह से लागू लॉकडाउन के कारण सबसे ज्यादा दिक्कत प्रवासी मजदूरों को हुई है। मजदूर वापस अपने घरों के लिए पैदल ही निकल पड़े हैं।
राजधानी दिल्ली की सड़कों पर भी रोज हजारों मजदूरों को पैदल जाते देखा जा रहा है। शनिवार को राहुल गांधी ने दिल्ली की सड़कों पर उतरकर कई प्रवासी मजदूरों से मुलाकात की और उनका हाल जाना। इस पर मजदूरों का कहना है कि राहुल गांधी ने सभी मजदूरों को मास्क, खाना और पानी दिए थे। इसके बाद उन्होंने कार्यकर्ताओं से बोलकर गाड़ियां मंगवाईं और मजदूरों को घर तक भेजने का इंतजाम करवाया था।