कोरोना के बाद अब वायु प्रदूषण के चलते राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर में दिन प्रतिदिन हालात बिगड़ते जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद दिल्ली सरकार ने 3 राज्यों के साथ बैठक में कहा है कि वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए राजधानी दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में लॉकडाउन लगाने की जरूरत है। जैसा की कोरोनाकाल के दौरान कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी,स्कूल , कॉलेज ,इंडस्ट्रीज सहित सबको बंद करना पड़ा था ।
दरअसल , लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण ने दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर से लॉकडाउन लगाने जैसी स्थिति पैदा कर दी है। हालांकि पहले ही राजधानी दिल्ली में कई प्रतिबंध लगाए जा चुके हैं, लेकिन अब एनसीआर में भी कई पाबंदियां लगाई जा सकती हैं।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद दिल्ली सरकार ने आज 16 नवंबर को उत्तर प्रदेश , पंजाब और हरियाणा के साथ बैठक दौरान दिल्ली समेत एनसीआर में वर्क फ्रॉम लागू करने का प्रस्ताव रखा है। इसके साथ ही कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी को भी रोकने और इंडस्ट्री को बंद करने का प्रस्ताव रखा है।
दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि इस बैठक में बाकी राज्यों ने भी कुछ सुझाव रखे हैं।अब कमीशन की ओर से आदेश का इंतजार किया जा रहा है।
राय ने आगे कहा कि आज यानी 15 नवंबर को दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की टीम ने दिल्ली के कई इलाकों का दौरा कर वायु प्रदूषण से निपटने के लिए कौन से तरीके अपनाए जा सकते हैं।
इससे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 13 नवंबर को ही हफ्तेभर के लिए स्कूल , कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी और सरकारी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने का आदेश दिया था।
गौरतलब है कि देश की राजधानी दिल्ली की हवा का जहरीलापन कम नहीं हो रहा है। पिछले करीब एक सप्ताह से दिल्ली की हवा खराब है, जिसका असर आज भी देखने को मिला। राजधानी दिल्ली के आधे दर्जन से ज्यादा इलाकों की हवा की गुणवत्ता यानी एक्यूआई अब भी 400 के ऊपर बनी हुई है।
वायु प्रदूषण का असर सबसे ज्यादा आनंद विहार, द्वारका, पटपड़गंज, वजीरपुर समेत कई इलाकों में पाया गया। वहीं चांदनी चौक, आईटीओ, लोधी रोड जैसे इलाकों में भी वायु प्रदुषण का स्तर 300 से 400 एक्यूआई के बीच में बना हुआ है।
प्रदूषण का सबसे अधिक असर बच्चों और बुजुर्गों पर देखने को मिल रहा है। दिल्ली की जानलेवा हवा के कारण बच्चों में सांस फूलने की समस्या आ रही है।