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दिल्ली में बढते अपराध, सप्लाई हो रहे अवैध हथियार

 कल जिस तरह से सडक के बीचोबीच एक ड्राइवर सरदार और उसके पुत्र की बेरहमी से दिल्ली पुलिस ने पिटाई की है वह खाकी वर्दी पर एक बदनुमा दाग कहा जा रहा है। सडक पर अपने वाहन को आडा तिरछा लगाने पर जिस तरह वह बाप – बेटे पर लाठिया बरसाती नजर आई अगर ऐसे ही अपराधियों पर डंडा चलाती तो शायद राजधानी में इतना क्राइम ना बढता। यह देश की राजधानी पुलिस की ही लापरवाही का आलम है कि यहा अब बाहर से अवैध हथियार लाकर हत्या जैसे जघन्य अपराधो को अंजाम दिया जा रहा है। यही वजह है कि अब तक पिछले तीन माह में 200 से ऊपर लोगों की हत्या कर दी गयी है। पिछले साल के आकडे से यह कही ज्यादा है।
दिल्ली पुलिस राजधानी में अपराध और अपराधियों को काबू करने में फिसड्डी साबित होती जा रही है।दिल्ली पुलिस के लाख दावों के बाद भी अपराध पर लगाम नहीं लग पा रही है और अपराध का ग्राफ दिन ब दिन बढता जा रहा है । पिछले पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष हत्याओं के मामलों में इजाफा देखने को मिला है । अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले साल वर्ष 2018 में 31 मार्च तक 205 लोगों की हत्या की गई थी, लेकिन इस साल 2019 में यह बढ़कर 211 हो गई ।
पिछले दिनों 13-14 जून को दिल्ली में 24 घंटे के भीतर पांच लोगों की गोली मार कर हत्या कर दी गई । इससे दिल्ली दहल गई थी। इन सभी घटनाओं में एक बात कामन देखने को मिली। वह यह कि सभी हत्याओं में कट्टे का इस्तेमाल किया गया था । कुछ मामलों में गिरफ्तारियां भी हुई हैं । पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि कट्टे से गोली मार कर हत्या की गई । लेकिन सबसे बडा सवाल यह है कि इन लोगों तक ये कट्टे पहुंचे कैसे ?
सूत्रो के अनुसार दिल्ली में मध्य प्रदेश, बिहार के मुंगेर, उत्तर प्रदेश के अलावा कई अन्य राज्यों से अवैध हथियारों की आपूर्ति की जाती है । बदमाशों को .32 बोर की पिस्टल और कट्टा कहीं अधिक पसंद है ।बताया जाता है कि पहले दिल्ली-एनसीआर में सबसे ज्यादा खपत बिहार के मुंगेर के हथियारों की होती थी लेकिन अब इनकी जगह मध्यप्रदेश के हथियारों ने ले ली है ।
मध्यप्रदेश के हथियार मुंगेर के हथियारों के मुकाबले  ज्यादा मजबूत बताए जाते हैं । इन्हें चलाते समय इनके जाम होने की संभावना कम होती है । बताया जा रहा है कि इन्ही हथियारों को लेकर दिल्ली – एनसीआर में तस्कर भी सक्रिय हैं । जिससे  अपराध बढ़ रहा है । कुछ पुलिसकर्मियों की भी इसमे मिलीभगत बताई जा रही है। फिलहाल इन पर नकेल लगाना पाना दिल्ली पुलिस के बड़ी चुनौती साबित हो रहा है।

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