दिल्ली सरकार ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में देश विरोधी नारे लगाने से संबंधित कन्हैया कुमार मामले पर शुक्रवार को एक बड़ा फैसला लिया। केजरीवाल सरकार ने जेएनयू देशद्रोह केस में सीपीआई नेता कन्हैया कुमार के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी दे दी है। इसी के साथ कन्हैया कुमार समेत दस अन्य आरोपितों के खिलाफ भी मुकदमा चलाने को मंजूरी दी गई है।
कन्हैया कुमार ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मेरे ऊपर केस चलाने की अनुमति ऐसे समय पर दी गई उस पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “बिहार विधानसभा चुनाव होने वाला है, बीते शुक्रवार को ही हमने पटना में शानदार रैली की है।” उन्होंने आगे कहा कि बिहार में एनडीए की सरकार है। उस सरकार ने एनपीआर के खिलाफ रेजोल्युशन पास किया है। राजनीतिक लाभ के लिए यह सब किया गया है।
कन्हैया कुमार ने दिल्ली सरकार को अनुमति देने के फैसले के लिए धन्यवाद कहा है। उन्होंने कहा, “दिल्ली सरकार को सेडिशन केस की परमिशन देने के लिए धन्यवाद। दिल्ली पुलिस और सरकारी वक़ीलों से आग्रह है कि इस केस को अब गंभीरता से लिया जाए, फॉस्ट ट्रैक कोर्ट में स्पीडी ट्रायल हो और TV वाली ‘आपकी अदालत’ की जगह क़ानून की अदालत में न्याय सुनिश्चित किया जाए। सत्यमेव जयते।”
दिल्ली सरकार को सेडिशन केस की परमिशन देने के लिए धन्यवाद। दिल्ली पुलिस और सरकारी वक़ीलों से आग्रह है कि इस केस को अब गंभीरता से लिया जाए, फॉस्ट ट्रैक कोर्ट में स्पीडी ट्रायल हो और TV वाली ‘आपकी अदालत’ की जगह क़ानून की अदालत में न्याय सुनिश्चित किया जाए। सत्यमेव जयते।
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) February 28, 2020
उन्होंने एक और ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा, “सेडिशन केस में फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट और त्वरित कार्रवाई की जरुरत इसलिए है ताकि देश को पता चल सके कि कैसे सेडिशन क़ानून का दुरूपयोग इस पूरे मामले में राजनीतिक लाभ और लोगों को उनके बुनियादी मसलों से भटकाने के लिए किया गया है।”
सेडिशन केस में फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट और त्वरित कार्रवाई की जरुरत इसलिए है ताकि देश को पता चल सके कि कैसे सेडिशन क़ानून का दुरूपयोग इस पूरे मामले में राजनीतिक लाभ और लोगों को उनके बुनियादी मसलों से भटकाने के लिए किया गया है।
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) February 28, 2020
साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाए जाने की आवश्यकता है। ताकि देश को पता चल सके कि कैसे इस कानून का दुरूपयोग राजनीतिक लाभ और बुनियादी मसलों को भटकाने के लिए किया जाता है।
वहीं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने दिल्ली सरकार के इस फैसले पर ट्वीट किया, “लोगों के दबाव के कारण आखिर दिल्ली सरकार आम आदमी पार्टी को जेएनयू मामले में मुकदमा चलाने की अनुमति देनी पड़ी। 3 साल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल यह अनुमति टालते रहे लेकिन आखिर उन्हें जनता के आगे झुकना पड़ा।”
लोगो के दबाव के कारण आखिर दिल्ली सरकार @AamAadmiParty को #JNU मामले में मुकदमा चलाने की अनुमति देनी पड़ी। 3 साल दिल्ली के मुख्यमंत्री @ArvindKejriwal यह अनुमति टालते रहे लेकिन आखिर उन्हें जनता के आगे झुकना पड़ा। @BJP4India @AmitShah @JPNadda
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) February 28, 2020
गौरतलब है कि 9 फरवरी को जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने के वीडियो सामने आए थे। जिसके बाद इस मामले की जांच की गई थी। जांच करने के बाद कन्हैया कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। दिल्ली पुलिस ने जेएनयू में कथित तौर पर देश विरोधी नारे लगाने से संबंधित मामले पर 14 जनवरी, 2019 को पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। मगर दिल्ली सरकार ने इस मामले पर देशद्रोह के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दी थी।
इस पूरे मामले की जांच स्पेशल सेल ने की थी। लेकिन दिल्ली सरकार ने चार्जशीट दाखिल करने संबंधी फाइल पर अपनी अनुमति नहीं दी थी। अब दिल्ली सरकार से अनुमति मिलने के बाद कन्हैया कुमार पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाएगा। इस मामले में कन्हैया कुमार के अलावा उमर खालिद, रईस रसूल, बसीर भट्ट, अनिर्बान, आकिब हुसैन, मुजीब, मुनीब हुसैन, उमर गुल, बशरत अली, और खालिद बसीर के नाम भी शामिल हैं।