दिल्ली के सरदार वल्लभभाई पटेल कोविड अस्पताल के वार्डों का नामकरण गाल्वन घाटी में शहीद हुए 20 सैनिकों के नाम पर रखा जाएगा। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने यह निर्णय लिया है। डीआरडीओ ने कहा है कि गालवान के शहीदों को सम्मान देने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
डीआरडीओ ने गालवन में शहीद भारत के सेना अधिकारी कर्नल संतोष बाबू के बाद इस अस्पताल के आईसीयू वार्ड का नाम तय किया है। तकनीकी सलाहकार संजीव जोशी ने कहा कि 15 जून को सरदार वल्लभभाई पटेल कोविद-19 के अस्पताल के अलग-अलग वार्डों का नामकरण उन सैनिकों के सम्मान में किया जाएगा जो गालवान में शहीद हुए थे।
यह अस्पताल तैयार है। रविवार को गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इसका उद्घाटन कर सकते हैं। इस अस्पताल में 1000 बेड हैं। कोविद के विशेष आईसीयू यहां बनाए गए हैं और वे पूरी तरह से वातानुकूलित हैं। अस्पताल के आईसीयू और वेंटिलेटर वार्ड का नाम कर्नल संतोष बाबू के नाम पर रखा गया है। बता दें कि 15 जून को चीनी सैनिकों ने गालवन में भारतीय सेना को धोखा दिया था।
चीन के इस विश्वासघात में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे। भारतीय सैनिक गाल्वन घाटी में बने अवैध पोस्ट का निरीक्षण करने गए थे। निरीक्षण करने गई भारतीय टीम का नेतृत्व कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू कर रहे थे। इस दौरान, चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर हमला किया। भारतीय सैनिकों ने इस अचानक हमले का करारा जवाब दिया और इस आमने-सामने की लड़ाई में 40 से अधिक चीनी सैनिक भी मारे गए।