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राजनीति में शुचिता और नैतिकता के नाम पर प्रवेश लेने वाली आम आदमी पार्टी मात्र एक दशक की अपनी यात्रा के दौरान पूरी तरह पथ भ्रष्ट होती नजर आने लगी है। अन्य राजनीतिक दलों की तर्ज पर ही ‘आप’ भी हर कीमत सत्ता पाने की ऐसी राह पर चल पड़ी है जिसका नैतिकता और शुचिता से कोई वास्ता नहीं रह जाता है। पार्टी के सर्वेसर्वा और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी बिभव कुमार पर पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल द्वारा मुख्यमंत्री आवास भीतर मारपीट का आरोप लगाना एक लोकप्रिय जनआंदोलन के गर्भ से निकली पार्टी के पराभव को सामने लाता है

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर 25 मई को मतदान होना है। लेकिन चुनाव से पहले प्रदेश की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी में पिछले कुछ दिनों से घमासान मचा हुआ है। आप की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सलाहकार बिभव कुमार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। मालीवाल का आरोप है कि वह सीएम केजरीवाल के घर गई तो वहां बिभव ने उन्हें खूब मारा-पीटा। इस मामले में पहले जहां घटना के तीन दिन बाद मालीवाल ने बिभव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई वहीं अब बिभव कुमार ने भी स्वाति पर पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी है।

बिभव कुमार ने दिल्ली पुलिस को ईमेल के जरिए शिकायत सौंपी है। बिभव ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि मालीवाल ने एफआईआर में जो आरोप लगाए हैं, हकीकत उससे बेहद अलग है। उन्होंने स्वाति पर आरोप लगाए हैं कि मालीवाल ने पहले तो सीएम आवास में जबरन घुसने की कोशिश की, फिर उन्हें गालियां दी, मारपीट की और झूठे केस में फंसाने की धमकी तक दी।

गौरतलब है कि दिल्ली में लोकसभा चुनाव के मतदान से पहले आप की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से पिटाई के मामले ने सियासी पारा हाई कर दिया है। इस पूरे मामले में पहले जहां पार्टी स्वाति के पक्ष में दिख रही थी वहीं अब बिभव कुमार के खिलाफ कार्रवाई की बाजार पार्टी ने उनके बचाव में उतर कर यू-टर्न ले लिया है। आप नेता और दिल्ली के कैबिनेट मंत्री आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, स्वाति मालीवाल झूठ बोल रही हैं। सीएम केजरीवाल के पीए बिभव कुमार पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। घटना वाले दिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल वहां पर नहीं थे। स्वाति मालीवाल की मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ पहले कोई मुलाकात तय नहीं थी। स्वाति ने जो चोट लगने की बात कही है वह कहीं नहीं दिख रही है। स्वाति ने घर में मौजूद सुरक्षाकर्मियों को धमकाया। ये सारी साजिश बीजेपी की रची हुई है। वो अरविंद केजरीवाल को लेकर परेशान है। लेकिन आतिशी के इस आरोप से पहले इस मामले में आप नेता संजय सिंह ने पूरी घटना को स्वीकार किया था और कहा था कि केजरीवाल इस मामले में बिभव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। इस बीच इस पूरे मामले से जुड़ा पहला वीडियो सामने आया है। यह 13 मई का बताया जा रहा है, जब स्वाति मालीवाल के साथ सीएम आवास पर मारपीट और बदसलूकी हुई थी। 52 सेकंड के इस वीडियो में स्वाति मालीवाल को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पर देखा जा सकता है। इस दौरान कुछ कर्मचारी उन्हें बाहर जाने को कहते हैं, सीएम केजरीवाल के सहयोगी के साथ नोकझोंक भी सुनाई दे रही है।

आम आदमी पार्टी इसे भाजपा की साजिश बताने लगी है। खुद अरविंद केजरीवाल ने प्रेस वार्ता करके केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह उनके सारे नेताओं को गिरफ्तार करना चाहती है। भाजपा भी इस मामले को भुनाने में पीछे नहीं रही। उसके नेता इस मामले पर सार्वजनिक मंचों से बोलते रहे, महिला कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। आम चुनाव का माहौल है, इसलिए भाजपा पूरी तरह इसका लाभ उठा लेना चाहती है। मगर आम आदमी पार्टी का पलटवार इस मामले के रहस्य को और गहरा कर देता है।

यहां तक कि मालीवाल पर कथित हमले के मामले में दिल्ली पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाया गया है। एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए ‘आप’ के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली पुलिस पर मामले से संबंधित जानकारी भाजपा और मीडिया को लीक करने का आरोप लगाया।

तो इस वजह से स्वाति से हुई मारपीट
दिल्ली भाजपा के नेताओं का दावा है कि आम आदमी पार्टी स्वाति मालीवाल पर राज्यसभा सीट छोड़ने के लिए दबाव बना रही है। उनसे त्याग पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया। इससे इनकार करने के कारण विवाद हुआ जिसके बाद ही बिभव कुमार के द्वारा उन पर हमला किया गया। भाजपा की मानें तो पार्टी मालीवाल की राज्यसभा की सीट एक वरिष्ठ वकील को देने की बात कही जा रही है, जो अदालतों में केजरीवाल का मुकदमा देख रहे हैं।

सीएम से मिलना चाहती थीं स्वाति
मालीवाल का कहना है कि वे जनहित के कई मुद्दों को लेकर सीएम केजरीवाल के साथ चर्चा करना चाहती थीं, इसलिए वह 13 मई की सुबह सीएम के आट्टिाकारिक आवास पर गईं थीं। कहा जा रहा है कि जब मालीवाल से राज्यसभा के सभापति को संबोधित त्याग पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया तो उन्होंने पूछा, वह क्यों? राज्यसभा में पार्टी के नौ अन्य लोग हैं तो कोई और क्यों नहीं, मैं ही क्यों? उन्हें कुछ और पद देने का वादा किया गया लेकिन उन्होंने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया।

मालीवाल पर फिर चुप्पी साध गए केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल ने बीते रविवार यानी 19 मई को भाजपा के खिलाफ बड़े प्रदर्शन करने की योजना बनाई थी। उनका कहना था कि भाजपा उनके एक-एक नेताओं को गिरफ्तार कर जेल भेज रही है। इस तरह वह उनकी पार्टी को समाप्त करने की योजना बना रही है। प्रदर्शन के पहले उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित भी किया। लेकिन एक बार फिर वे स्वाति मालीवाल के उस विवाद पर कुछ नहीं बोले, जो इस समय पार्टी के लिए सबसे बड़ी मुसीबत बन गया है। इससे पहले पिछले दिनों जब केजरीवाल उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर रहे थे तब भी मीडिया ने उनसे मालीवाल प्रकरण पर सवाल पूछा लेकिन वो इस सवाल से कन्नी काट गए। हालांकि केजरीवाल की चुप्पी के बाद भी यह विवाद लगातार केजरीवाल और अन्य पार्टी नेताओं का पीछा कर रहा है, जो आने वाले समय में उनकी परेशानी बढ़ा सकता है।

माना जा रहा है कि स्वाति मालीवाल विवाद में भी उनकी परेाानियां बढ़ सकती हैं। स्वाति मालीवाल ने यह आरोप लगाया है कि अरविंद केजरीवाल के कहने पर ही बिभव कुमार ने उनके साथ कथित तौर पर मारपीट की थी। ऐसे में यदि घटना घटने के समय के आस-पास अरविंद केजरीवाल और बिभव कुमार के बीच बातचीत के साक्ष्य मिल जाते हैं, तो जांच एजेंसी इसमें केजरीवाल को भी आरोपी बना सकती है।

सवालों के घेरे में स्वाति

इस घटना को लेकर खुद स्वाति मालीवाल के दुविट्टाा भरे कदमों ने कई सवालों को जन्म दे दिया है। घटना के तुरंत बाद मालीवाल ने फोन कर पुलिस को सूचना दी, प्राथमिकी दर्ज कराने थाने भी पहुंचीं, मगर प्राथमिकी दर्ज कराए बगैर लौट आईं। फिर तीन दिन तक वे चुप्पी साधे रहीं। घटना के दूसरे दिन आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह ने जरूर प्रेस वार्ता करके मालीवाल के साथ हुए दुर्व्यवहार को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और उस पर मुख्यमंत्री की तरफ से कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया। मगर उनकी तरफ से ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जा सका। चार दिन बाद मालीवाल ने प्राथमिकी दर्ज कराई और उनकी चिकित्सीय जांच की गई।

लेकिन घटना स्थल के दिन मुख्यमंत्री निवास के भीतर सुरक्षा कर्मियों से मालीवाल की बातचीत और वहां से उनके बाहर निकलने की जो तस्वीरें जारी की गईं, उनमें कहीं भी उनके साथ दुर्व्यवहार की निशानदेही नहीं होती। सवाल है कि आखिर मालीवाल क्यों कई दिन तक चुप्पी साधे रहीं और जो आम आदमी पार्टी महिलाओं की सुरक्षा के दावे करती नहीं थकती, वह मुख्यमंत्री निवास के भीतर हुई इस घटना पर से पर्दा उठाने से क्यों हिचक रही है।

किसी भी महिला के साथ अगर इस तरह दुर्व्यवहार किया जाता है, तो उसकी जितनी निंदा की जाए कम है। चूंकि यह घटना एक राज्यसभा सदस्य के साथ हुई है और मुख्यमंत्री निवास के भीतर उनके निजी सचिव पर मारपीट का आरोप है, इसलिए यह और बड़ा विषय है। मगर जैसा कि दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच खींचतान का वातावरण बना रहता है, इस मामले को भी राजनीतिक रस्साकशी का मुद्दा बना दिया गया है। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि मालीवाल के साथ हुई घटना की हकीकत लोगों के सामने आनी ही चाहिए। अगर मुख्यमंत्री के निजी सचिव इस मामले में दोषी हैं, तो उन्हें बचाने का प्रयास क्यों होना चाहिए? अपेक्षा तो यह की जाती थी कि मुख्यमंत्री खुद इस मामले की जांच करा कर सच्चाई सामने लाएंगे।

स्वाति मालीवाल के साथ कथित मारपीट मामले में स्वाति की मेडिकल रिपोर्ट भी इस बात की तस्दीक जरूर करती है कि उनके शरीर पर चोट के निशान हैं, लेकिन कुछ वाजिब सवाल तो स्वाति पर भी उठते हैं। सबसे बड़ा सवाल यह कि मालीवाल का कहना है कि वे सीएम अरविंद केजरीवाल से मिलने उनके आवास पर गई थीं। लेकिन वहां पर बिना किसी उकसावे के केजरीवाल के पीए बिभव कुमार ने उनके साथ मारपीट की। 7-8 थप्पड़ मारे, लात-घूसे चलाए, सिर पटका और धक्का मुक्की तक की। स्वाति के ही मुताबिक उन्होंने सीएम आवास से ही पुलिस को फोन लगा दिया था, अपने साथ हुए अत्याचार की जानकारी भी दी।

अब अगर सोचा जाए तो स्वाति को तुरंत ही एफआईआर दर्ज करवानी चाहिए थी। वे तो पुलिस थाने तक गई भी थीं, लेकिन बताया गया कि बिना शिकायत लिखाए वे वापस भी चली गईं। अगर मारपीट हुई थी, तो बिना शिकायत के कैसे वापस चली गईं? हैरानी की बात ये भी है कि पुलिस तो इंतजार करती रह गई, लेकिन स्वाति को ही शिकायत दर्ज करवाने में तीन दिन लग गए। अब उन तीन दिनों में ऐसा क्या हुआ, क्या स्वाति पर कोई दबाव था, स्वाति आगे की रणनीति बना रही थीं, किसी को कुछ नहीं पता।

आम आदमी पार्टी मालीवाल को लेकर ये सवाल उठा रही है कि 13 मई को जब वे सीएम आवास से बाहर निकली थीं, वे लड़खड़ा नहीं रही थीं, वे तो काफी आराम से चली गई थीं। लेकिन 17 मई को जब मेडिकल हुआ, वे लड़खड़ाते हुए बाहर निकलीं। सौरभ भारद्वाज ने मीडिया के सामने भी यही सवाल उठाया है, उनके मुताबिक अगर इतनी मारपीट हुई थी, तो वे आखिर कैसे इतनी आराम से बाहर निकल गईं, तब क्यों उन्हें चलने में कोई दिक्कत नहीं हुई? अब ये सवाल भी इसलिए उठ रहा है क्योंकि अभी तक घटना का पूरा वीडियो सामने नहीं आया है। इस पूरे विवाद में एक सवाल यह भी है, आखिर स्वाति मालीवाल 13 मई को अचानक से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने आई क्यों थीं? इसका जवाब आना जरूरी है।

‘आप’ का स्वाति पर गंभीर आरोप

दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने कहा कि स्वाति मालीवाल केस में भी बीजेपी पुराने फॉर्मूले का इस्तेमाल कर रही है। मालीवाल के खिलाफ एंटी करपन ब्यूरो ने एक केस दर्ज किया है। इसी केस को हथियार बनाकर स्वाति मालीवाल का इस्तेमाल किया जा रहा है। आतिशी ने मांग की है कि इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए कि स्वाति मालीवाल के साथ किस-किसकी बात हुई। ‘बकौल आतिशी हमें विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि पिछले कुछ महीनों से स्वाति मालीवाल लगातार भाजपा नेताओं के संपर्क में है तो दिल्ली पुलिस इस बात की जांच करे कि ये कैसा षड्यंत्र है। इस पर पूरी जांच होनी चाहिए कि स्वाति मालीवाल किस तरह से भाजपा के संपर्क में थीं।

निष्पक्ष जांच और न्याय चाहता हूं: केजरीवाल

आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल और बिभव कुमार के बीच हुई मारपीट की घटना के दस दिन बाद आखिरकार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मालीवाल के आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि मैं इस मामले में निष्पक्ष जांच और न्याय चाहता हूं। ये मामला कोर्ट में चल रहा है और मेरी टिप्पणी से जांच पर प्रभाव पड़ सकता है लेकिन मुझे उम्मीद है कि निष्पक्ष जांच होगी। पुलिस को दोनों पहलुओं की निष्पक्षता से जांच करनी चाहिए और न्याय मिलना चाहिए। केजरीवाल से जब पूछा गया कि क्या वो घटना के समय आवास पर मौजूद थे? तो उन्होंने नहीं में जवाब दिया।

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