[gtranslate]
Country

सारी उम्मीदें खत्म तो ही मिलेगी मौत की सजा : SC

सुप्रीम कोर्ट (SC) ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए 7 साल के बच्चे के अपहरण और हत्या के दोषी व्यक्ति की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है। सुप्रीम कोर्ट (SC) ने एक अहम फैसले में कहा है कि किसी दोषी को मौत की सजा तभी दी जानी चाहिए, जब उसके सुधार की सारी उम्मीदें खत्म हो जाएं। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति हेमा कोहली और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने मंगलवार को कहा कि किसी भी आपराधिक कृत्य के अपराधी की सजा को कम करने वाले कारकों में अभियुक्त की पृष्ठभूमि, आपराधिक इतिहास, हिरासत या जेल में उसका आचरण शामिल है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फांसी की सजा पर तभी विचार किया जाना चाहिए जब दोषी के सुधार की सभी संभावनाएं खत्म हो चुकी हों। सुप्रीम कोर्ट के 2013 के फैसले के खिलाफ सुंदरराजन द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया। 2013 में, सुप्रीम कोर्ट ने सुंदरराजन की मौत की सजा के मुकदमे पर रोक लगा दी।

सात साल के बच्चे का अपहरण कर हत्या करने वाले दोषी के मामले में सुप्रीम फैसला

21 मार्च के फैसले में SC की तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने सुंदरराजन की मौत की सजा को 20 साल की उम्रकैद में बदल दिया। सुंदरराजन को 2009 में सात साल के एक बच्चे के अपहरण और उसकी हत्या करने का दोषी ठहराया गया था और उसे मौत की सजा सुनाई गई थी।
समीक्षा याचिका की सुनवाई के दौरान, अदालत ने तमिलनाडु के कुड्डालोर में कम्मापुरम पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक के खिलाफ अवमानना ​​​​कार्यवाही शुरू करने का भी आदेश दिया। अदालत ने पुलिस अधिकारी को झूठा हलफनामा दायर करने और जेल में याचिकाकर्ता के आचरण को छिपाने का दोषी ठहराया और रजिस्ट्री को अधिकारी का स्वत: संज्ञान लेने और उसके खिलाफ नोटिस जारी करने को कहा।

You may also like

MERA DDDD DDD DD