उत्तर प्रदेश में दलित बच्चियों के साथ दरिंदगी रुकने का नाम नहीं ले रही है । हाथरस में गैंग रेप कांड के बाद अभी भी उत्तर प्रदेश शांत नहीं हुआ है। इसके बाद 2 दिन पहले गोंडा में 3 दलित बच्चियों पर एसिड अटैक किया गया था। इसके बाद अब यूपी के ही चित्रकूट में नया मामला सामने आया है। जहां एक गैंगरेप पीड़िता ने अपने आप को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली ।
इसके बाद आज सुबह से ही चित्रकूट में पीड़िता के गांव में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी के अलावा कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं का आना शुरू हो गया है। जहां पुलिस ने पूरे गांव को छावनी बना दिया है। यही नहीं बल्कि पुलिस ने हाथरस कांड की तरह ही इस गांव की पूरी तरह घेराबंदी कर दी है और गांव में किसी भी नेता को जाने पर रोक लगा दी है।
उधर, इस मामले में सरैया चौकी प्रभारी अनिल साहू और इस्पेक्टर कर्वी जयशंकर प्रसाद को लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। पीड़िता की मां के अनुसार गत 8 अक्टूबर को गांव का एक युवक किशन उपाध्याय उनकी बेटी को बहला-फुसलाकर जंगल में ले गया था । इसके बाद गांव से बाहर ले जाकर किशन और उसके दो साथियों ने उसकी बेटी के साथ हाथ बांधकर गैंग रेप किया। जंगल से लौटने पर जा बेटी घर नहीं पहुंची तो उसे आसपास खोजा गया । जहा एक नर्सरी में उसके हाथ-पैर बंधे मिले।
बताया जा रहा है कि पीड़ित परिवार ने इस मामले की सूचना सरैया चौकी पुलिस को दी। लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया । दूसरी तरफ पुलिस का कहना है कि तहरीर मांगने पर परिवार ने कुछ नहीं दिया और कहा कि उनको कुछ नहीं करना है । हालांकि किशोरी के फांसी लगाने पर बाद में पीड़ित परिवार ने सगाव के किशन और उसके दो अन्य साथियों पर गैंगरेप का आरोप लगाया है और कहा है कि गैंगरेप से परेशान होकर तो होकर उसने फांसी लगाई।