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सुरों के सरताज को संगीत नाटक अकादमी का ताज

लालकिले से रागिनी गाकर देश और दुनिया में नाम कमाने वाले लोकप्रिय लोकगीत गायक ब्रहमपाल नागर को उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा । यह अवार्ड उन्हें लोकगीत रागिनी लोकगायन के लिए दिया जाएगा। अपनी जोशपूर्ण रागनियो से समाज में आई कुरीतियों को फैलने से रोकने में नागर का सराहनीय योगदान रहा है।

देश के प्रधानमंत्री से लेकर केन्द्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्रियो के साथ मंचीय प्रस्तुति कर जनता का मन मोह लेने वाले ब्रहमपाल नागर नवगीत कलाकारो के गुरू के रूप में जाने जाते हैं। मंचों के अलावा रेडियो और टीवी पर अब तक करीब 2000 लोकगीत गायन करके रिकार्ड कायम करने वाले ब्रहमपाल नागर ने नई प्रतिभाओं को उभारने के लिए ग्रेटर नोएडा के नालेज पार्क में पटेल लोकसंस्कृतिक संस्थान की स्थापना की है।

जिसमें से प्रशिक्षित होकर निकली अब तक हजारों प्रतिभाएँ लोकगीत – संगीत की शिक्षा लेकर देश की संस्कृति को बढावा देने का काम कर रहे हैं। नोएडा के बरोला गांव में जन्में नागर पिछले 40 साल से लोकगायन के ज़रिए लोगों को जागरूक करने में लगें हैं। सभी दलों के राजनेता अक्सर अपनी सभा में भारी भीड जुटाने के लिए ब्रहमपाल नागर की रागनियो और देशभक्ति गीतों का सहारा लेते हैं।

उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के सचिव तरुण राज ने बताया कि कार्यकारिणी समिति एवं सामान्य परिषद की बैठक अकादमी के अध्यक्ष पद्म डॉ.राजेश्वर आचार्य की अध्यक्षता में अकादमी परिसर में आहूत की गयी थी। बैठक में वर्ष-2020 के लिए अकादमी पुरस्कार, सफदर हाशमी पुरस्कार एवं बी.एम.शाह पुरस्कार के सम्बन्ध में विचार विमर्श के बाद पुरस्कारों की घोषणा की गई।

उन्होंने बताया कि उपसमितियों की इन संस्तुतियों पर गहन विचार-विमर्श के उपरान्त सामान्य परिषद द्वारा अकादमी पुरस्कार में डा.बृजेश्वर सिंह बरेली (नाट्य कला उन्नयन) महन्त प्रो.विशम्भरनाथ मिश्र वाराणसी तथा महाराज कुमार अनन्त नारायण सिंह वाराणसी (संगीत कला उन्नयन) को संयुक्त रूप से चयनित किया गया।

अन्य अकादमी पुरस्कारों में डॉ.शरदमणि त्रिपाठी, गोरखपुर (शास्त्रीय गायन), ब्रह्मपाल नागर, गौतमबुद्धनगर (रागिनी लोकगायन); रामेश्वर प्रसाद मिश्र लखनऊ (शास्त्रीय गायन); विशाल कृष्णा वाराणसी (कथक नृत्य); भूरा यादव, तिदौली महोबा (राई लोकनृत्य), अनिल मिश्रा गुरुजी लखनऊ (नाट्य निर्देशन); अष्टभुजा मिश्र वाराणसी (नौटंकी-अभिनय व निर्देशन); पं.विनोद लेले दिल्ली (तबला वादन) और फतेह अली खां वाराणसी (शहनाई वादन) का चयन किया गया।

तरूण राज के अनुसार अकादमी का प्रतिष्ठित बी.एम.शाह पुरस्कार मुम्बई के चन्द्रप्रकाश द्विवेदी को व सफदर हाशमी पुरस्कार मुम्बई के ही विपुल कृष्ण नागर को प्रदान किया जायेगा। जबकि अकादमी की रत्न सदस्यता डा.पूर्णिमा पाण्डे लखनऊ, उस्ताद युगान्तर सिन्दूर लखनऊ, कुंवर अग्रवाल वाराणसी और उर्मिला श्रीवास्तव मीरजापुर को प्रदान की जाएगी।

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