हाल में पाकिस्तान से आए टिड्डियों के बहुत बड़े दल ने भारत के कई राज्यों में तांडव मचा कर रख दिया। इसका खामियाजा भारत सरकार और किसानों को भुगतना पड़ा। हर राज्य के प्रशासन को मुआवजे का ऐलान करना पड़ा। अब टिड्डी दलों का आतंक धीरे-धीरे कम होता गया। किसान इससे उबर भी नहीं पाए हैं कि एक नया कीट फसलों के लिए खतरा बन गया है। हिमाचल प्रदेश में इस कीट ने करोड़ों रूपए की फसल बर्बाद कर डाली है।
शासन के तरफ से कृषि विभाग ने किसानों फसल से बचाने के लिए ऐममिक्टिन वेन्जोएट 5 एसजी 0 ़4 मिलि प्रति लीटर पानी और फ्यूलेण्डामाइड 480 एससी 0 ़4 मिलि प्रति लीटर पानी या क्लोरेन्ट्रनिलीप्रोल 1 ़85 एससी क्लोरेन्ट्रनिलीप्रोल 18.5 या स्पाइनोसेड 0.3 मिलि प्रति लीटर पानी का छिड़काव किसानों को सलाह दी है। इस छिड़काव सुबह या शाम के वक्त करना होगा। 15 दिनों के अंदर दोबारा छिड़काव करना होगा
हिमाचल में फाॅलआर्मी वर्म कीट ने मक्की की फसल पर हमला बोला है। मंडी, शिमला, कांगड़ा और ऊना जिले में यह कीट 25 से 30 फीसदी फसल को कीट चट कर चुका है। किसानों में हड़कंप मचा हुआ है। कृषि विभाग ने एडवाइजरी के साथ सतर्क रहने को कहा है। कृषि विभाग के उपनिदेशक डाॅ ़अतुल डोगरा ने कहा कि कम बरसात होने से कीट ज्यादा सक्रिय है।
ऊना में ही 25 .65 करोड़ रुपए का भारी नुकसान बताया रहा है। ये कीट तितली माॅथ के रूप में पौधों के निचले पत्तों पर अंडे देता है। अंडों से निकलीं सुंडियां पौधों को अपना चारा बनाती हैं। पत्तों को खाकर उनमें हमेशा चलने वाले लंबे छेद बनाती हैं। यह पूरा पत्ता खा जाती हैं। बारिश के कम होने से दक्षिण भारत से बीजों के माध्यम से उत्तर भारत में पहुंचा फाॅॅल आर्मी वर्म कीट का डर बढ़ता जा रहा है।
शासन के तरफ से कृषि विभाग ने किसानों फसल से बचाने के लिए ऐममिक्टिन वेन्जोएट 5 एसजी 0 ़4 मिलि प्रति लीटर पानी और फ्यूलेण्डामाइड 480 एससी 0 ़4 मिलि प्रति लीटर पानी या क्लोरेन्ट्रनिलीप्रोल 1 ़85 एससी क्लोरेन्ट्रनिलीप्रोल 18.5 या स्पाइनोसेड 0.3 मिलि प्रति लीटर पानी का छिड़काव किसानों को सलाह दी है। इस छिड़काव सुबह या शाम के वक्त करना होगा। 15 दिनों के अंदर दोबारा छिड़काव करना होगा।