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भडाना की अनुपस्थिती से हरियाणा कांग्रेस की एकजुटता पर संकट

 

अब हरियाणा कांग्रेस एकजुट होकर आगामी विधानसभा चुनावो की रणनीति बनाने में जुट गई है। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एकजुट कर रही है । ताकि विभिन्न खेमों में बंटा कार्यकर्ता सिर्फ कांग्रेस के लिए काम करे। इसका जिम्मा अब नवनियुक्त प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुडडा ने उठाया है। दोनों दिग्गज नेताओ ने आज से प्रदेश में कार्यकर्ता सम्मेलन की शुरुआत फरीदाबाद से कर दी है । हालांकि चुनाव से पहले प्रदेश में बिखरे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को एकजुट करना इनके लिए बड़ी चुनौती मानी जा रही है। मगर दोनों नेताओं का दावा है कि विधानसभा चुनाव कांग्रेस पूरी एकजुटता के साथ लड़ेगी।

आज के फरीदाबाद कार्यकर्ता सम्मेलन को देखे तो वह दोनो नेताओ के एकजुटता के दावे को खारिज करता दिख रहा है। कारण यह है कि फरीदाबाद में कार्यक्रम हो रहा हो और उसमे पार्टी के दिग्गज नेता की उपस्थिति रहे तो इसे क्या कहा जाएगा।

आज फरीदाबाद के कार्यकर्ता सम्मेलन में ऐसा ही कुछ देखने को मिला। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस बात का अहसास प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा और पूर्व मुख्यमंत्री भुपेंद्र सिंह हुडडा को भी करा दिया है। हालाकि कार्यकर्ता सम्मेलन में भडाना का विरोधी गुट शामिल था। गौरतलब है कि अवतार सिंह भडाना हरियाणा कांग्रेस के दिग्गज नेताओ में गिने जाते हैं। भडाना फरीदाबाद से कांग्रेस के दो बार सांसद रह चुके हैं। गत लोकसभा चुनाव में भी वह भाजपा छोड कांग्रेस में शामिल हो गये थे और पार्टी के टिकट पर चुनाव लडे थे।

आज हुए कार्यकर्ता सम्मेलन में फरीदाबाद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के सभी विधान सभा हलकों हथीन, होडल, पलवल, पृथला, एनआईटी फरीदाबाद, बडख़ल, फरीदाबाद व तिगांव के सभी नेता तथा कार्यकर्त्ताओ ने भाग लिया । जिसमें तिगांव के विधायक ललित नागर और जे पी नागर की विशेष मौजूदगी रही।

विधायक ललित नागर को अवतार सिंह भडाना के विरोधी खेमे का माना जाता है। गत लोकसभा चुनाव में भी ललित अवतार सिंह भडाना की फरीदाबाद से लोकसभा उम्मीदवारी पर भारी पड़ गए थे।

तब पार्टी ने भडाना की बजाय नागर को लोकसभा का कैंडिडेट घोषित कर दिया था। तब भडाना को नागर का टिकट कटवाने में एडी चोटी का जोर लगाना पडा था। हालाकि बाद में कांग्रेस ने पार्टी प्रत्याशी बदल दिया था। तब नागर का टिकट काटकर भडाना को दे दिया था। लेकिन भडाना भाजपा प्रत्याशी कृष्णपाल गुर्जर से हार गए थे।

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