रामपुर के सांसद आजम खान अभी कुछ दिनों पहले ही जेल से जमानत पर आए है। उनपर योगी सरकार 82 मामले दर्ज कराए थे। जिनमें एक मामला आजम खान के ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर विश्वविधालय से जुडी जौहर ट्रस्ट का भी था। आजम खान ने समाजवादी सरकार के दौरान सैकड़ों बीघा जमीन जौहर ट्रस्ट के नाम पर ली थी। आजम पर इस मामले में आरोप लगे थे कि अनुमति की कई शर्तों का उल्लंघन किया गया है। आरोप है कि एसपी शासन के दौरान जौहर ट्रस्ट को जमीन देते वक्त स्टांप शुल्क में इस शर्त पर माफी दी गई थी कि जमीन पर चैरिटेबिल कार्य होंगे।
तत्कालीन एसडीएम सदर ने जौहर ट्रस्ट मामले में जांच की थी। इस पर एडीएम कोर्ट में वाद दायर कराया गया था। यह मामला एडीएम कोर्ट में चल रहा था। कल रामपुर के अपर जिला अधिकारी जेपी गुप्ता की कोर्ट ने इस मामले पर अपना फैसला सुनाया। जिसमे कोर्ट ने जौहर ट्रस्ट की 70.05 हेक्टेयर जमीन जौहर ट्रस्ट से छीनकर उत्तर प्रदेश सरकार के नाम दर्ज करने का आदेश दिया है।
फिलहाल जौहर ट्रस्ट की इस जमीन पर जौहर विश्वविद्यालय का काम चल रहा है। रामपुर के उपजिलाधिकारी की जाँच रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट हुआ कि पिछले दस सालों में इस जमीन पर चैरिटी का कोई कार्य नहीं हुआ था। जांच रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि ट्रस्ट को एक सीमा के तहत ही जमीन आवंटित की जा सकती है, लेकिन इस मामले में नियम-कायदों का उल्लंघन किया गया।
जौहर यूनिवर्सिटी ने नियमों की अनदेखी करते हुए करीब 70 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन खरीदी थी, जबकि अनुमति सिर्फ 12.5 एकड़ जमीन खरीदने की थी। एडीएम कोर्ट ने जौहर ट्रस्ट को नियमों का पालन ना करने का दोषी मानते हुए फैसला सुनाया है। जिसके अनुसार अब तहसील के अभिलेखों में ये भूमि आजम खान की जौहर ट्रस्ट से काटकर प्रदेश सरकार के नाम पर दर्ज की जाएगी।