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सुरक्षित नहीं देश की सड़कें , बढ़ रहे हादसे

सामाजिक जीवन में व ख़बरों आदि में आये दिन सड़कों पर होने वाले हादसों के बारे में देखने, सुनने को मिलता रहता है। सड़क पर होने वाले ये हादसे कई बार इतने भयानक होते हैं कि इसके बारे में सुनते ही एक अजीब सा डर लग जाता है।

 

यही हादसे हर साल लाखों लोगों की मौत का कारण बनकर सामने आते हैं। दिन – प्रतिदिन होने वाले इन्ही सड़क हादसों पर ध्यान दिलाते हुए हाल ही में “सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय” द्वारा एक रिपोर्ट जारी की गयी है। जिसके अनुसार पिछले साल यानी वर्ष 2022 में भारत में कुल 4 लाख 61 हजार 312 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें से 1 लाख 68 हजार 491 लोगों की जान नहीं बचाई जा सकी। इसके अलावा 4 लाख 43 हजार 366 लोग इन सड़क दुर्घटनाओं में घायल हो गए। इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर घंटे 53 सड़क दुर्घटनाएं हुईं जिसमें 19 लोगों की जान चली गई।

 

रिपोर्ट में इस बात की भी जानकारी दी गयी है कि 47.7 फीसदी हादसे और 55.1 फीसदी मौतें खुले इलाकों में हुए, यानी जहां ज्यादा मानव गतिविधि नहीं थी। इसके अलावा 67 फीसदी दुर्घटनाएं सीधी सड़कों पर हुए जबकि सिर्फ 13.8 फीसदी हादसे घुमावदार, गड्ढों और ऊंची चढ़ाई वाली सड़कों पर हुई हैं। मरने वालों में 66.5 प्रतिशत लोगों की उम्र 18 से 45 वर्ष के बीच की थी।

राजधानी में हुए सबसे अधिक सड़क हादसे

रिपोर्ट के अनुसार दस लाख की आबादी वाले 50 शहरों में हुई कुल सड़क दुर्घटनाओं में से 46.37 प्रतिशत हादसे दिल्ली ,इंदौर, जबलपुर, बेंगलुरु, चेन्नई, भोपाल ,मल्लापुरम ,जयपुर, हैदराबाद,  कोच्चि जैसे शहरों में हुए। जिसके मुताबिक दिल्ली में 5 हजार 652 दुर्घटनाएं दर्ज की गई, इंदौर में 4 हजार 680, जबलपुर में 4 हजार 46, बेंगलुरु में 3 हजार 822, चेन्नई में 3 हजार 452, भोपाल में 3 हजार 313, मल्लापुरम में 2 हजार 991, जयपुर में 2 हजार 687, हैदराबाद में 2 हजार 516 और कोच्चि 2 हजार 432 का नंबर आता है।

क्या है कारण

इस प्रकार के सड़क हादसे कई कारणों से हो सकते हैं। जिसके कुछ कारण रिपोर्ट में भी दर्शाए गए हैं। जिसके मुताबिक ओवरस्पीडिंग सबसे बड़ा कारण है। इसके अलावा नशे में ड्राइविंग करना या ट्रैफिक नियमों का सही ढंग से पालन न करना भी इसके मुख्य कारणों में से एक है।
एक अन्य वजह बाइक चालकों की लापरवाही भी है। रिपोर्ट में बताया गया कि 35 हजार 692 बाइक सवार लोगों की इन हादसों में मौत हुई। वहीं बाइक के पीछे बैठे 14 हजार 337 लोग मौत का शिकार हुए । जिसमें से अधिकतर लोगों ने हेलमेट नहीं पहने थे।

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