पिछले कई सालों से डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए इसके सटीक इलाज की तैयारी की जा रही थी। जिसे देखते हुए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) डेंगू के इलाज को लेकर बड़ा अपडेट दिया है। जिसके आधार पर पैनेसिया बायोटेक की आरे से विकसित डेंगू के टीके के तीसरे चरण का परीक्षण अगस्त या सितंबर में शुरू होने की संभावना है। इसके अलावा, एक और डेंगू वैक्सीन के लिए चरण 1/2 बाल चिकित्सा परीक्षण चल रहे हैं, जिसके लिए शीर्ष स्वास्थ्य अनुसंधान निकाय आईसीएमआर ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
एसआईआई के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने कहा कि टीके को लेकर परीक्षण चल रहा है लेकिन, अभी तक पूरी नहीं हो पाया है। उन्होंने आगे कहा कि हम कंपनी की तरफ से इसे गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस (जीएमपी) बनाने का इंतजार कर रहे हैं। जिसमें अभी तीन महीनों का समय लगेगा।
राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाने के लिए आईसीएमआर द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में महामारी विज्ञान और संचारी रोग विभाग की प्रमुख डॉक्टर निवेदिता गुप्ता ने कहा की डेंगू के इस टीके के लिए सभी कागजी कार्रवाई की जा चुकी है और भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) से तीसरे चरण के नियंत्रित परीक्षण के लिए अनुमोदन जनवरी में प्राप्त कर लिया गया है। साथ ही उन्होंने इस बात की जानकारी भी दी की यह परीक्षण 20 स्थानों पर 18 से 80 वर्ष की आयु के 10 हजार 335 स्वस्थ लोगों पर किया जाएगा। फिलहाल पैनासिया बायोटेक कंपनी टीका उत्पादन बढ़ाने की कोशिश कर रही है और तीसरे चरण का परीक्षण अगस्त या सितंबर में शुरू होने की संभावना है। डॉक्टर गुप्ता ने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया में 60 वयस्कों पर अपने पहले चरण का परीक्षण पूरा कर लिया है, जिस दौरान वैक्सीन की सुरक्षा और शुरुवाती इम्युनोजेनेसिटी स्थापित की गई थी। अब यह भारत में बच्चों में पहले व दूसरे चरण का परीक्षण कर रहा है।