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नोएडा में कोरोना की आड में लूट की छूट, यथार्थ हॉस्पिटल का यथार्थ 

फिर आया यथार्थ हॉस्पिटल का सच सामने, कोरोना के नाम पर भारी वसूली

कोरोना के खिलाफ देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ एक योद्धा की तरह दिन-रात जंग-ए-मैदान में डटे हुए हैं। उन्होंने चुनिंदा 11 सीनियर ऑफिसर्स की एक टीम बनाकर हर व्यक्ति तक सरकार की पहुंच को मुमकिन किया है। टीम-11 के हर एक सदस्य ने अपने स्तर पर टीम-11 तैयार की। यह टीम प्रदेश के शीर्ष यानी पंचम तल से लेकर जिले के कस्बे तक में तैयार हो गई। जिससे निश्चित तौर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रणनीति का लाभ अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचा है। उन्होंने प्रदेश के सबसे ज्यादा संक्रमित जिले नोएडा (गौतमबुद्ध नगर) पहुंच कर अधिकारियों का बेहतर कार्य करने के लिए हौसला बढ़ाया तो लापरवाही बरतने वाले गौतम बुद्ध नगर के पूर्व  जिलाधिकारी बीएन सिंह को हटाने में जरा भी देर नहीं लगाई।

लेकिन दुख की बात यह है कि उसी जिला गौतम बुद्ध नगर में अब कोरोना पीड़ितों के साथ निजी अस्पतालों द्वारा लूट मचाई हुई है । इस लूट की छूट उन्हें कौन दे रहा है यह तो जांच का विषय है। लेकिन बावजूद इसके कि प्रशासन और प्रदेश सरकार द्वारा रेट लिस्ट जारी होने के बाद भी निजी अस्पताल अपनी मनमानी के रेट मरीजों से वसूल रहे हैं। हालात यह है कि सरकार ने जिन अस्पतालों को कोविड-19 इलाज के लिए अधिकृत किया है, उनमें एक-एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया है। यह नोडल अधिकारी इसलिए नियुक्त किए गए हैं कि निजी अस्पताल मरीजों से मनमाने शुल्क न वसूल सकें।

लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि यह नोडल अधिकारी ही मरीजों को शोषण का शिकार बनाने में मुख्य भूमिका अदा कर रहे हैं। यह बात उस समय साबित हुई जब ‘दि संडे पोस्ट’ के प्रबंधक अमित कुमार ने ग्रेटर नोएडा स्थित एक निजी अस्पताल में दो बार फोन पर बात की। पहले फोन किसी दूसरे कर्मचारी ने उठाया जबकि दूसरी बार फोन खुद हॉस्पिटल के नोडल अधिकारी ने ही रिसीव किया। अधिकारी से कोरोना टेस्ट कराने की बाबत बात की गई।  लेकिन चौंकाने वाली बात यह रही कि उस नोडल अधिकारी ने कोरोना टेस्ट के साथ ही इलाज की जो रेट लिस्ट बताई  वह प्रशासन की रेट लिस्ट से कई गुना ज्यादा कीमत की बताई गई । याद रहे कि कोरोना का इलाज कर रहे सभी अस्पतालों के प्रशिक्षण प्राप्त डाक्टरों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। नोडल अधिकारी सीधे मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. दीपक ओहरी के संपर्क में रहेंगे।ग्रेटर नोएडा स्थित यथार्थ हॉस्पिटल में नोडल अधिकारी और अमित कुमार के साथ हुई  बातें हम आपके सामने हूबहू रख रहे हैं।

अमित कुमार: हैलो कौन बात कर रहे हैं। दूसरी तरफ से आवाज़ आती है-नोडल अधिकारी बात कर रहा हूं। अमित कुमार: क्या नाम है आपका। दूसरी तरफ से आवाज़-मेरा नाम गोविल है। क्या कुछ सिस्टमस है आपको।

अमित कुमार: हां, बुखार है तथा जुकाम हो रखा है।

गोविल : हमारे यहां टेस्ट एडमिशन रिक्वायर पर होता है, ओपीडी बेस पर नहीं। 3 से 5 दिन का एडमिशन वेस पर होगा ओपीडी बेस पर टेस्ट नही होगा। अगर ओपीडी बेस पर कराना है तो गवर्नमेंट हॉस्पिटल सेक्टर 31 या शारदा हॉस्पिटल में जाना होगा।

अमित कुमार:  आपके यहां एडमिशन कराना पडेगा। गोविल: हां, मल्टीवल टेस्ट 15 से 20,000 हजार रूपये में, क्वीन सेरिंग का 20 से 25,000 रूपये में,  प्राइवेट रूम 25 से 30,000 रूपये में होगा।

ऐसे में अगर कोई व्यक्ति निजी  अस्पतालों में सिर्फ कोरोना टेस्ट कराने के लिए जाता है तो उसे अस्पतालों की मनमानी का शिकार होना पडेगा। इसके चलते वह लाखों रूपये खर्च करने के बाद ही यह निश्चित कर पाएगा कि उसे कोरोना है या नहीं है। यह कोरोना बीमारी का सिर्फ टेस्ट कराने के नाम पर लाखों की लूट नही तो और क्या है?

गौरतलब है कि एक सप्ताह पूर्व ही देश के गृह मंत्री अमित शाह ने कोरोना टेस्ट की कीमत घटाकर आधी कर दी थी। इसके बाद अब कोरोना की जांच के लिए 2400 ही रुपये चुकाने होंगे। गृह मंत्रालय ने इस बात की बकायदा जानकारी दी थी। गृह मंत्री अमित शाह की ओर से गठित समिति के सुझावों के बाद दिल्ली में कोविड-19 टेस्ट का चार्ज 2,400 रुपये तय किया गया है। जबकि आईसीएमआर के निर्देशों के तहत अब तक दिल्ली में कोरोना वायरस का टेस्ट 4,500 रुपये में हो रहा था।

“जो भी प्रदेश सरकार ने गाइडलाइन जारी की है उसका पालन करना प्रत्येक हॉस्पिटल का कर्तव्य है। अगर वह गाइडलाइन से अलग रेट मरीजों से ले रहे हैं तो इस संबंध में हम पूरी जांच कराएंगे । जिलाधिकारी से मैं खुद बात करूंगा। प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव से भी बात करेंगे और ऐसे अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई कराएंगे।”
– तेजपाल नागर विधायक दादरी 

जाहिर है कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की मदद के लिए उत्तर प्रदेश सरकार लगातार बेहतर काम कर रही है। सरकार से मान्यता प्राप्त निजी कोविड अस्पतालों में आयुष्मान योजना के तहत कोरोना मरीजों के इलाज की दर तय कर दी गई है। 21 जून को बकायदा प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने ये आदेश जारी किया है। उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद के नए आदेशों के मुताबिक, जनरल वॉर्ड के लिए मरीजों को 1800 रुपये देने होंगे। वहीं हाई डिपेंडेंसी यूनिट के लिए 2700 रुपये प्रतिदिन शुल्क दोना होगा। बिना वेंटीलेटर के आईसीयू के लिए 3600 रुपये लगेंगे। जबकि वेंटिलेटर युक्त आईसीयू के लिए 4500 प्रतिदिन की प्रतिपूर्ति होगी।

यह सरकार पूरी तरह पूंजीपतियों से मिलकर गरीबों को लूटवा रही है । ऐसा जुल्म तो कभी अंग्रेजी शासनकाल में नहीं हुआ, जिस तरह अब अपने ही देश के लोगों के साथ अन्याय किया जा रहा है। वह भी एक महामारी की आड़ में। अधिकतर अस्पताल लूट के केंद्र बने हुए हैं। जिनको सरकार की शह मिलीं हुई है।”
-राजकुमार भाटी , राष्ट्रीय प्रवक्ता समाजवादी पार्टी 

गौतम बुद्ध नगर के स्वास्थ्य विभाग ने ग्रेटर नोएडा के कैलाश, यथार्थ व नोएडा सेक्टर-128 के जेपी अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाया है। यहां पर सिर्फ गौतमबुद्ध नगर के ही कोरोना मरीजों का इलाज होगा। आईसीयू के लिए दस हजार और सामान्य मरीज के उपचार में आठ हजार का खर्च होगा। दोनों श्रेणियों के मरीज को दवा, जांच व पीपीई किट के लिए अतिरिक्त भुगतान करना पड़ेगा। निजी अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार एक मरीज के इलाज में पीपीई किट का कम से कम खर्चा पांच से छह हजार आएगा। वेंटिलेटर का प्रतिदिन 5 हजार रुपये का खर्च देना होगा।

आइसीएमआर से इलाज के लिए तय की गई राशि की सूची निजी कोविड अस्पतालों को दे दी गई है। सूची को अस्पताल के बाहर और ऐसे स्थान पर चस्पा करना जरूरी होगा, जहां प्रत्येक व्यक्ति इसे आसानी से देख सके। इसके साथ ही अस्पतालों में तय रेट पर ही इलाज होगा।

नोएडा के सीएमओ के अनुसार जो रेट लिस्ट जारी की  गई है वह इस प्रकार होगी..

बेड चार्ज – (हाल) 3000, डबल बेड : 4000 तथा सिंगल :5000,  आरएमओ चार्ज : 1500    

 नर्सिंग चार्ज : 1000 ,   परामर्शदाता चार्ज 2000,फूड चार्ज : 500 , कुल प्रतिदिन : 8000 एवं 9000, ज्यादा से ज्यादा 10000 तक प्रतिदिन।     

-डॉ. दीपक ओहरी, सीएमओ नोएडा     

यहा यह भी उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में शुरुआती समय में हर दिन 100 सैंपल जांचने की क्षमता थी। लेकिन धीरे-धीरे टेस्टिंग क्षमता को बढ़ाया गया है। अब बीते 24 घंटे में 16546 सैंपल की जांच की जा रही है। यह कोरोना टेस्टिंग में 160 गुना बढ़ोत्तरी है। पूल टेस्टिंग करने वाला यूपी देश का पहला राज्य भी बना। अब तक प्रदेश के सभी जिलों में ट्रू-नैट मशीन लग चुकी है। 23 सरकारी लैब व 11 प्राइवेट लैब हैं। इस तरह अब तक प्रदेश में 34 लैब कोरोना की जांच कर रही हैं। जून के अंत तक प्रतिदिन 20 हजार सैंपल जांचने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अब तक प्रदेश में 4,98,734 लोगों के सैंपल जांच के लिए लैब भेजे जा चुके हैं।

सुरेंद्र गौर बताते हैं कि उनके भाई को कोरोना के सिस्टमस दिखाने के लिए अस्पताल ले जाया गया था। जहां टेस्ट कराने कराने में ही इलाज का खर्च 4.08 लाख तक आया है। इसमें 70,900 रुपये को सिर्फ पीपीई किट के जोड़े हुए थे। उनका आरोप था कि स्पेशलिस्ट डॉक्टर ने 22 विजिट के पैसे जोड़े लेकिन वह आया सिर्फ 7 ही बार था। इसी तरह एक शख्स ने बताया कि उनके पिता का कोरोना इलाज का बिल 4.8 लाख रुपये था। इसमें 75 हजार तो सिर्फ वैंटिलेटर का खर्च था।

बताया जाता है कि कोविड-19 के इलाज में औसत खर्च का आंकड़ा सबसे ज्‍यादा कोलकाता में है। जहां ढाई लाख रुपये प्रति पेशंट खर्च करने पड़ रहे हैं। दिल्‍ली में हर पेशंट को औसतन 2.41 लाख रुपये देने पड़ रहे हैं। मुंबई और पुणे में तो 1.19 लाख प्रति पेशेंट से भी कम में इलाज हो रहा है। सूरत और अहमदाबाद में इलाज सबसे सस्‍ता है। वहां औसतन 97 हजार रुपये में कोविड-19 का इलाज हो जाता है। लेकिन इन सबसे ऊपर नोएडा निकल गया है। जहां एक कोरोना संदिग्ध का टेस्ट कराने के लिए पहले हॉस्पिटल में भर्ती होना पडेगा और फिर स्वाभाविक है कि उसे लाखों का बिल भुगतान करने के बाद ही डिस्चार्ज किया जाएगा। चाहे वह पाजिटिव निकले या निगेटिव।

“देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है और ऐसे में हॉस्पिटल मरीजों को लूट रहे हैं। यह सब बीजेपी के वरदहस्त में हो रहा है। बीजेपी जनता को लूटते देख रही है और जनता मजबूरी में लूट रहे हैं। ऐसे डाँक्टरो के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए । इस मामले को हम  प्रियंका गांधी के समक्ष ले जाएंगे।”
-वीरेंद्र सिंह गुड्डू महासचिव उत्तर प्रदेश कांग्रेस 

जनपद गौतमबुद्ध नगर में बुधवार को आयी कोविड-19 की टेस्ट रिपोर्ट में 98 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। वही कोविड-19 के संक्रमण की वजह से 19 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां के विभिन्न अस्पतालों से उपचार के दौरान 47 लोग ठीक होकर बुधवार को डिस्चार्ज हुए हैं। अब जनपद में कोविड-19 से संक्रमित कुल मरीजों की संख्या 1,673 हो गई है। जनपद में कोविड-19 के संक्रमण की वजह से 19 लोगों की मौत हो चुकी है। अब तक 996 लोग उपचार के दौरान ठीक हो कर घर जा चुके हैं। जबकि 654 मरीज यहां के विभिन्न अस्पतालों में उपचाराधीन है।

कोई भी निजी हॉस्पिटल विद वैन्टीलेटर 10000 तक चार्ज कर सकता है। अगर कोई इससे ज्यादा ले रहा है तो उसपर एक्शन लिया जाएगा। कोई भी हॉस्पिटल सिर्फ़ टेस्ट कराने के नाम पर किसी को जबरन एडमिट नही करा सकता है।
-सुहास .एल.वाई ,डी एम गौतम बुद्ध नगर

जबकि यथार्थ हॉस्पिटल के मालिक डॉ कपिल त्यागी से इस संबंध में बात हुई तो उन्होंने गोल-मोल जवाब दे दिए। त्यागी के अनुसार प्रदेश सरकार की गाइडलाइन है कि किसी भी ऐसे मरीजों को पहले एडमिट किया जाएगा जिसमें कोरोना के सिस्टमस मिल रहे हो। आईसीयू का चार्ज 10 हजार से ज्यादा नहीं है। लेकिन आपको जो हमारे हॉस्पिटल से रेट लिस्ट बताई गई है वह पीपीई किट इन्वेस्टीगेवन और जांच आदि को जोडकर बताई गई है।

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