कोरोना (Corona) संकट में मास्क वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए एक अहम हथियार माना जा रहा है। इस मास्क को कितने दिन तक इस्तेमाल करना है? क्या इसे धोकर दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है? बहुत दिनों तक इस्तेमाल करने से क्या Corona संक्रमण का खतरा होता है? हमारे पास ऐसे एक या सारे प्रश्न मौजूद हैं। इस समय बाजार में घटिया मास्क भी बेचे जा रहे हैं। लोगों के मन में यह भी सवाल उठता है कि कौन सा मास्क पहनना सबसे बेहतर है ? अमेरिका में कोलोराडो विश्वविद्यालय के शोध ने इस भ्रम की स्थिति में राहत प्रदान की है। शोधकर्ताओं का दावा है कि अगर नियमित रूप से धोया जाए तो कपड़े का मास्क एक साल तक प्रभावी हो सकता है।
शोधकर्ताओं का मानना है कि कपड़े के मास्क को लगातार धोने से उसकी संक्रामक धूल को छानने की क्षमता कम नहीं होती है। शोध पत्र ‘एरोसोल एंड एयर क्वालिटी रिसर्च’ में प्रकाशित रिपोर्ट में यह बात कही गई है। यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर और शोध प्रमुख मरीना वेंस ने कहा कि सर्जिकल मास्क पर कपड़े के मास्क का इस्तेमाल अकेले कॉटन मास्क की तुलना में अधिक सुरक्षा प्रदान करता है। यदि आप वर्तमान में कपड़े के मास्क का उपयोग कर रहे हैं तो इसे अभी उपयोग करना उचित है। वेंस कहते हैं, उन्हें इसे तुरंत फेंकने की जरूरत नहीं है।
अगर आपको लग गई है वैक्सीन तो अब बताएगा API केवाईसी !
कोविड-19 संक्रमण के बाद से हर दिन 7,200 टन कचरा पैदा हो रहा है। इसमें डिस्पोजेबल मास्क भी शामिल है। इस पर शोध को करने के लिए शोधकर्ताओं ने सूती कपड़े की दो परतें बनाईं। इसे एक साल तक लगातार धोया और सुखाया गया। कपड़े पर इसका क्या प्रभाव पड़ा, यह देखने के लिए सात बार धोया गया । अलग-अलग तरीकों से कपड़े का मास्क कितना कारगर होगा, इस पर गहन शोध किया गया । शोध में यह पाया गया कि छोटे-छोटे सूती धागे लगातार धोने से टूट गए थे, लेकिन महीन कणों को छानने की क्षमता में कोई अंतर नहीं आया। कुछ दिनों बाद देखा गया कि इस मास्क को इस्तेमाल करते समय सांस लेने में तकलीफ होने लगी थी। फैब्रिक मास्क 0.3 माइक्रोन कणों को 23% तक फिल्टर करता है। सर्जिकल मास्क के ऊपर कपड़े के मास्क का उपयोग निस्पंदन क्षमता को 40 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए दिखाया गया है। शोध से पता चला कि KN-95 और N-95 मास्क में सूक्ष्म फ़िल्टरिंग क्षमता 83-99% थी।