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कोरोना ने मोदी के वर्ल्ड टूर में लगाए ब्रेक , हर दूसरे दिन टीवी पर आए नजर 

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की  एक पहचान यह भी रही की वह अपने विदेशी दौरों के लिए भी चर्चित रहे। आज तक भारत के जितने भी प्रधानमंत्री हुए उनमे रिकॉर्ड तोड़ वर्ल्ड टूर प्रधानमंत्री मोदी के नाम रहे। लेकिन कोरोना महामारी ने उनके सारे अरमानों पर पानी फेर दिया। वर्ष 2020 मोदी के लिए विदेशी टूर ना होने के लिए जाना जायेगा।

इस साल कोरोना वायरस का संकट लगातार बढ़ता  ही चला गया। भारत सहित पूरी दुनिया में लाखो लोग इसके चलते अपनी जान गवां चुके हैं। इस महामारी के चलते आम लोग ही नहीं दुनिया भर के बड़े नेताओं का भी दूसरे देशों में आना-जाना बेहद कम या फिर बंद हो गया। हालांकि भारत की तरफ से देखें तो सबसे बड़े नेताओं में विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कोरोना काल में विदेश यात्राएं की हैं। दोनों नेता रूस और फिर ईरान की यात्रा पर गए थे। याद रहे कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बीते जून में भी रूस की यात्रा की थी।

लेकिन, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना काल के दौरान विदेश का रुख नहीं किया।  अगर आंकड़ों को देखें तो आज विदेश से लौटे हुए उन्हें तेरह महीने से भी ज्यादा का समय हो गया हैं।  मोदी बीते साल  13 से 15 नवंबर 2019 तक ब्रिक्स समिट दक्षिण अमेरिकी के देश ब्राजील की दो दिवसीय यात्रा से लौटे थे।  इसके बाद कोरोना काल के चलते वे किसी भी विदेश यात्रा पर नहीं जा पाए ।

मोदी जब से देश के प्रधानमंत्री बने हैं, तब से ये पहला साल है जब वे किसी विदेश दौरे पर नहीं गए। 2019 में मोदी 35 दिन विदेश में थे, लेकिन इस बार साल के 365 दिन वे भारत में ही रहे। देश में रहते हुए मोदी इस साल 226 दिन यानी हर दूसरे दिन टीवी पर नजर आए। उन्होंने इंडिया-बांग्लादेश समिट, इंडिया-उज्बेकिस्तान समिट, ब्रिक्स समिट, आसियान इंडिया समिट जैसे कार्यक्रमों को ऑनलाइन संबोधित किया। कोरोना को लेकर 7 बार देश के नाम संबोधन दिया। जबकि 8 बार भाजपा के कार्यक्रमों में भाषण दिया।
अगर मोदी के विदेशी दौरों पर हुए खर्च की बात करे तो लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने की ओर से पेश ब्यौरे के अनुसार, साल 2015-16 के बीच पीएम मोदी की यात्रा पर सबसे ज्यादा खर्च हुआ है। उस अविध में उनके विदेश दौरे पर 121.85 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। वहीं2016-17 में 78.52 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2017-18 में इस बाबत 99.90 करोड़ रूपये और 2018-19 में 100.02 करोड़ रुपये खर्च हुए। इसमें कहा गया है कि वर्ष 2019-20 में प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा पर 46.23 करोड़ रूपये खर्च हुए।

गौरतलब है कि 2019 में दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद मोदी ने अपने पहले विदेश दौरे के लिए मालदीव और श्रीलंका को चुना था। मालदीव के दौरे से जहां उन्होंने हिंद महासागर में चीन के बढ़ते हस्तक्षेप को रणनीतिक जवाब देने की कोशिश की। दूसरी बार सत्ता में आने के बाद उनका अमेरिका दौरा भी काफी चर्चा में रहा। वहां उन्होंने ह्युस्टन में हाउडी मोदी नामक चर्चित कार्यक्रम को संबोधित किया था। जिसमें 50,000 लोग जुटे थे।

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