दुनिया के अधिकतर देशों में कोरोना वायरस का कहर जारी है। भारत में भी दिन-दिन संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं। अभी देश में कोरोना वायरस पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 10,363 है। जिसमें 8988 सक्रिय हैं, 1035 स्वस्थ हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। वहीं 339 लोगों की मौत हो गई है।
इसी बीच एम्स से एक खुशखबरी वाली खबर आई है। यहां एक डॉक्टर दम्पति को कोरोना पॉजिटिव पाया गया जिसके बाद उन दोनों को आइसोलेशन सेंटर पर भर्ती कराया गया था। उसके अगले ही दिन महिला डॉक्टर ने एक बच्चे को जन्म दिया। ऐसा माना जा रहा था कि नवजात को भी कोरोना पॉजिटिव हो सकता है पर उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है।
भारत में ये पहला मामला है कि जब कोई कोरोना से संक्रमित महिला ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है। डॉक्टर्स इसे भविष्य के लिए अच्छे संकेत मान रहे हैं। डॉ नीरजा भाटला ने कहा, “बच्चे की रिपोर्ट निगेटिव आई है। हालांकि, मां में भी अभी इस वायरस के लक्षण नहीं दिख रहे हैं, लेकिन उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव है। हम पूरी सावधानी बरत रहे हैं कि बच्चे को यह संक्रमण ना हो।”
डॉक्टर नीरजा ने कहा, “यह अपनी तरह का भारत में पहला मामला है। हम सभी इससे काफी कुछ सीख और समझ रहे हैं। हम हर उस सावधानी का रिकॉर्ड रख रहे हैं, जो इस बच्चे के जन्म से लेकर अब तक अपनाई गई है। यह भविष्य के लिए उपयोगी हो सकता है।”
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन के मुताबिक, कोरोना पॉजिटिव मां बच्चे को दूध पिला सकती है, लेकिन उसे पूरी सावधानी बरतनी होगी। मां जब बच्चे को दूध पिलाए तो उसे सफाई का पूरा ध्यान देना होगा और मास्क पहनना होगा। बच्चे को हाथ में लेने से पहले उन्हें हाथ अच्छे से धोना होगा।
डॉ नीरजा ने बताया, “अभी तक कोई ऐसी रिपोर्ट नहीं है, जो यह बताती हो कि फीडिंग से बच्चे को संक्रमण हो सकता है। इसी केस में मां बच्चे को दूध पिला रही है, लेकिन उसे सावधानी बरतनी पड़ रही है। हम बाकी समय में मां और बच्चे के बीच दूरी बनाकर रखते हैं, ताकि संक्रमण के खतरे से बचा जा सके।”
बता दें कि 3 अप्रैल को इस बच्चे ने जन्म लिया था। उसके ठीक एक दिन पहले ही डॉक्टर दम्पति को आइसोलेशन सेंटर में भर्ती कराया गया था। यह मामला थोड़ा पेचीदा था इसलिए इस डिलवरी के समय 10 डॉक्टरों की टीम लगाई गई थी।