केंद्र सरकार द्दारा लागू किए गए नए आईटी नियमों को लेकर ट्ववीटर और भारत सरकार के बीच विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहा। ट्ववीटर ने भारत के उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू के ऑफिशियल अकाउंट से ब्लू प्रिंट को हटा दिया था। उपराष्ट्रपति के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के ट्ववीटर अकाउंट से ब्लू प्रिंट रिमूव कर दिया है। जब मामले को लेकर विवाद बढ़ा, तो ट्ववीटर ने दोबारा ब्लू टिक को लगा दिया।
इस मामले को लेकर आईटी मंत्रालय द्दारा ट्ववीटर को एक नोटिस भी भेजा गया है। अपने नोटिस में सरकार ने ट्ववीटर से पता करेगी की क्यों ट्ववीटर ने उपराष्ट्रपति को बिना सूचित उसके अकाउंट से ब्लू टिक हटाया। यह भारत के संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति की अवमानना है। हालांकि ट्ववीटर ने अपनी गलती मानते हुए कहा कि उपराष्ट्रपति का ट्ववीटर अकाउंट पिछले छह महीने से सक्रिय नहीं था।
ट्ववीटर की पालिसी के अनुसार अगर कोई भी ब्लू टिक अकाउंट पिछले छह महीने से सक्रिय नहीं है तो उसे बिना सूचना अनवेरीफाई कर दिया जाता है। फिलहाल ट्ववीटर ने उपराष्ट्रपति के अकाउंट को वेरीफाई कर दिया है। ट्ववीटर के नियमों के मुताबिक यदि कोई व्यक्ति अपने ट्ववीटर अकाउंट का नाम बदलता है या उसे उस हिसाब से प्रयोग नहीं करता जिसके आधार पर ब्लू टिक मिला होता है तो ऐसी स्थिति में ट्ववीटर अपने नियमों के अनुसार ब्लू टिक को रिमूव कर देता है।
ट्ववीटर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस के कई नेताओं के ट्ववीटर अकाउंट्स से ब्लू टिक हटा दिया है। यह सभी आरएसएस के नामी नेता है, इनमें भैयाजी जोशी, अरुण कुमार, सुरेश सोनी और मोहन भागवत जैसे कई बड़े नाम शामिल है। हालांकि संघ प्रमुख के अकाउंट पर दोबारा ब्लू टिक आ गया है। बाकी बड़े नेताओं के ट्ववीटर अकाउंट से ब्लू टिक हट गया है। ट्ववीटर की इस कार्रवाई पर मुंबई से बीजेपी नेता सुरेश नखुआ ने इस पर सवाल उठाए है। सुरेश नखुआ से इसे भारत के सविंधान पर हमला करार दिया।
दरअसल सोशल मीडिया प्लेटफार्म और भारत सरकार के बीच पिछले कई महीनों से विवाद चल रह है। सोशल मीडिया कंपनियां भारत सरकार द्दारा लागू किए गए नए नियमों को मानने से पहले मना कर रही थी, हालांकि सरकारी की सख्ती के बाद कंपनियां ने सरकार के नए नियमों को मान लिया है। लेकिन ट्ववीटर ने अभी भी कुछ शर्तें मानने से मना कर दिया है। केंद्र सरकार द्दारा नए नियमों के अनुसार सोशल मीडिया कंपनियों को अपने यहां तीन अधिकारियों को रखना होगा। जिनमें ग्रीवांस अधिकारी, मुख्य अनुपालन अधिकारी इत्यादि शामिल है।
उपराष्ट्रपति के ट्ववीटर पर 13 लाख फालोअर्स है। लेकिन पिछले 11 महीनों से उन्होंने इस पर कोई ट्ववीट नहीं किया। जिसके चलते ट्ववीटर ने बिना जानकारी दिए उनके ट्ववीटर अकाउंट से ब्लू टिक हटा लिया था। कुछ दिन पहले ही दिल्ली पुलिस ने टूलकिट मामले में ट्ववीटर के दिल्ली और गुरुग्राम के आफिस पर रेड मारी थी। ट