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डीएमके सांसद ए राजा के बयान पर छिड़ा विवाद

द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (DMK) के उप महासचिव ए राजा द्वारा शूद्रों को लेकर की गई टिप्पणी से विवाद का माहौल बन गया है। भारतीय जनता पार्टी  ने उनकी इस टिप्पणी को समुदायों के बीच नफरत पैदा करने और दूसरों का तुष्टिकरण करने वाला बताया है। नीलगिरि से सांसद राजा ने दावा किया कि मनुस्मृति में शूद्रों को अपमानित किया गया है और समानता, शिक्षा, रोजगार और मंदिरों में प्रवेश से वंचित रखा गया है।

दरअसल, ए राजा ने द्रमुक की जनसभा के दौरान कहा, ‘आप जब तक हिंदू हैं, शूद्र हैं। आप जब तक शूद्र हैं तब तक वेश्या की संतान हैं। आप जब तक हिंदू हैं तब तक पंचमन (दलित) रहेंगे। जब तक आप हिंदू हैं, तब तक अछूत हैं।’

राजा की इस जनसभा का एक वीडियो वायरल हो गया था जिसमें उन्हें ये कहते हुए सुना जा रहा है कि कितने लोग चाहेंगे कि वे वेश्या की संतान रहे?  कितने लोग अछूत रहना पसंद करेंगे ? जब हम इन सवालों पर मुखर होंगे तो यह सनातन (धर्म) को तोड़ने में अहम होगा।

पूर्व केंद्रीय मंत्री द्वारा दावा किया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि वो व्यक्ति हिन्दू होगा जो ईसाई, मुस्लिम या पारसी नहीं है। उन्होंने आगे कहा क्या और कोई ऐसा देश है जहां ऐसे होता है।

तमिलनाडु के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई ने राजा के इस बयान की आलोचना करते हुए इसे तमिलनाडु की खेदजनक राजनीतिक स्थिति करार दिया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि  एक बार फिर अरिवलयम सांसद ने दूसरों का तुष्टिकरण करने के मकसद से समुदाय के खिलाफ नफरत की बोली बोली है। यह नेताओं की दुर्भाग्यपूर्ण मनोस्थिति है जो खुद को तमिलनाडु के मालिक समझते हैं।

बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वानति श्रीनिवसन ने कहा है कि राजा कई बार महिलाओं और हिंदुओं को अपमानित करते आए हैं। उन्होंने कहा कि इस बार भी राजा द्वारा सभी शूद्रों को वेश्या की संतान बताकर और हिंदू धर्म रहने में तक उनके शूद्र होने का दावा नफरत फैलाई गई है।

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