पतंजलि योग संस्थान के महामंत्री और सीईओ आचार्य बालकृष्ण के साथ घटित हुए पैडा कांड” ने एक बार फिर योग गुरु स्वामी रामदेव को चर्चाओं के केंद्र में ला दिया है।
पतंजलि आयुर्वेद संस्थान हरिद्वार के शिल्पकार कहे जाने वाले बालकृष्ण को खाने में जहर मिलाकर रास्ते से हटाने का षडयंत्र तो नही किया जा रहा है ? क्योंकि बालकृष्ण से पहले दो मामले में भी ऐसा ही मामला सामने आ चुका है। आयुर्वेद संस्थान और योग गुरु स्वामी रामदेव से जुड़ा यह तीसरा बड़ा मामला है।
इससे पूर्व दो संगीन मामले जांच के बाद फाइलों में दफन हो चुके हैं। इनमें सबसे बड़ा मामला तो यह है कि बाबा के गुरु महंत शंकरदेव 2007 से ही लापता हैं। जिनकी सीबीआई जाँच होने के बाद भी पता नही लगाया जा सका था। इसके अलावा आचार्य राजीव दीक्षित की संदिग्ध मौत का भी रहस्य आज तक उजागर नही हो सका है। फिलहाल सवाल यह है कि कही इसी तरह आचार्य बालकृष्ण को जहरीली मिठाई खिलाने का मामला भी दबा तो नहीं दिया जाएगा?
गौरतलब है कि आचार्य बालकृष्ण को गत 23 अगस्त को जब सीने में दर्द उठा तो यह खबर मीडिया में आग की तरह फैल गई। उन्हें तुरंत हरिद्वार के पतंजलि योगपीठ के पास भूमानंद अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालत बिगडऩे पर डॉक्टरों ने उन्हें ऋषिकेश के एम्स के लिए रैफर कर दिया।
इस बीच बाबा रामदेव ने वीडियो भी जारी किया कि आचार्य की तबीयत धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। और साथ ही यह भी रहस्योदघाटन किया कि उनके किसी भक्त ने पैडा खिलाया था। जिससे आचार्य को फूड प्वाईजनिंग हुई। एम्स से डिस्चार्ज होने के बाद 25 अगस्त को आचार्य बालकृष्ण मीडिया के सामने आए और मामले में किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया। जबकि रामदेव ने कहा है कि वह बालकृष्ण मामले की जाँच कराएंगे।
याद रहे कि 16 जुलाई 2007 को हरिद्वार के अपने आश्रम से महंत शंकरदेव लापता हो गए थे। जानकारी के मुताबिक वह सुबह की सैर पर निकले और फिर अपने आश्रम में लौटे ही नहीं। आचार्य बालकृष्ण ने हरिद्वार के कनखल थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।
इसके बाद स्थानीय पुलिस ने मामले की जांच की और 10 अप्रैल 2012 को फाइनल रिपोर्ट दी जिसके आधार पर ये केस बंद कर दिया गया। हालाकि इस मामले की सीबीआई जाँच भी हुई। लेकिन उनके रहस्यमय परिस्थितियों से लापता होने से पर्दा नही उठ सका। महंत शंकरदेव दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट और कृपालु बाग आश्रम ट्रस्ट के मुख्य संरक्षक थे। उन्होंने स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के साथ ही बाबा कर्मवीर को अपने शिष्य के तौर पर चुना था।
बालकृष्ण का पूरा नाम बालकृषण सुवेदी है। बालकृष्ण के पिता जय वल्लभ उत्तराखंड के एक आश्रम में सिक्योरिटी गार्ड थे। वह मूलत नेपाल के निवासी थे। ऐसा कहा जाता है कि उन्हें योग और जड़ी-बूटियों में खास दिलचस्पी थी।
जानकारी के अनुसार फोब्र्स की 2017 की रिपोर्ट के मुताबिक बालकृष्ण 25,600 करोड़ रुपए के मालिक हैं। पतंजलि आर्युवेद की स्थापना 2006 में रामदेव के साथ ही बाबा कर्मवीर और बालकृष्ण ने की थी। शुरूआत में पतंजलि सिर्फ दवाई और डेयरी प्रोडक्ट्स बनाने लगी। समूह की नई कंपनियों में रामदेव के भाई रामभरत का भी कुछ मालिकाना हक बताया जाता है।
गुरु शंकर देव की रहस्यमय गुमशुदगी के बाद एक वक्त में भारत स्वाभिमान आंदोलन के राष्ट्रीय प्रवक्ता और बाबा रामदेव के सहयोगी रहे राजीव दीक्षित की मौत के रहस्य से अभी भी पर्दा नहीं उठ पाया है।
बताया जा रहा है कि भिलाई में 8 साल पहले हुई मौत की नए सिरे से जांच के लिए छत्तीसगढ़ की दुर्ग पुलिस को पी.एम.ओ. से आदेश जारी भी हो चुके हैं। याद रहे कि राजीव दीक्षित की 29-30 नवम्बर 2010 की रात को भिलाई के बी.एस.आर. अपोलो अस्पताल में मौत हो गई थी। उस वक्त दीक्षित की मौत की वजह हृदयाघात बताई गई थी।
जबकि राजीव दीक्षित के समर्थक दावा करते हैं कि मौत के बाद राजीव की बॉडी नीली पड़ गई थी । जिससे उन्हें जहर दिए जाने का शक जाहिर किया गया था। कहते हैं कि कुछ लोगों ने मौत के बाद पोस्टमार्टम की मांग भी की थी जिसे योग गुरु स्वामी रामदेव ने नकार दिया था। राजीव की बॉडी को हरिद्वार में रामदेव के पतंजलि आश्रम ले जाया गया था। जहां उनकी अंत्येष्टि कर दी गई थी।