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फेसबुक के खिलाफ जोर पकड़ रही है कांग्रेस की मुहिम,मिलने लगा समर्थन  

सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट को लेकर देश की दो बड़ी पार्टियों सत्ताधारी  भाजपा और विपक्षी कांग्रेस में इन दिनों घमासान चल रहा  है।कांग्रेस का आरोप है कि फेसबुक पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रही है। वह भाजपा के कुछ नेताओं को लेकर भड़काऊ भाषण के नियमों को लागू नहीं करती। कांग्रेस ने मामले को गरमाया तो अब संघ के पूर्व विचारक गोविंदाचार्य ने भी इस मामले की जांच  संयुक्त संसदीय समित (JPC) से करवाने की मांग की है। माकपा भी भारत के संदर्भ में फेसबुक के कामकाज की निंदा कर चुकी है। ऐसा लगता है कि भारत में फेसबुक के खिलाफ एक मुहिम शुरू हो चुकी है। कांग्रेस द्वारा शुरू की गई यह  मुहिम अब जोर पकड़ने लगी है। कांग्रेस ने फेसबुक से जुड़े विवाद को लेकर आज 18 अगस्त को  सोशल नेटवर्किंग कंपनी के प्रमुख मार्क जुकरबर्ग को ईमेल के माध्यम से पत्र भेजकर आग्रह किया कि इस पूरे मामले की फेसबुक मुख्यालय की ओर से उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। और  जांच पूरी होने तक उसके भारतीय शाखा के संचालन की जिम्मेदारी नई  टीम को सौपीं जाए ताकि जांच की प्रक्रिया प्रभावित नहीं हो।

यह  पत्र  कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल द्वारा जुकरबर्ग को ईमेल के माध्यम से भेजा गया है।इस चिट्ठी को पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अपने ट्विटर हैंडल से साझा किया है। राहुल ने अपने ट्वीट में कहा कि हर भारतीय को इस बारे में प्रश्न पूछना चाहिए। उन्होंने लिखा है, ‘हम पक्षपात, फेक न्यूज और नफरत वाले भाषण के जरिए बहुत मुश्किल से हासिल किए गए अपने लोकतंत्र में छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं कर सकते। सोशल मीडिया पर फेक न्यूज और हेट स्पीच के मामलों में फेसबुक की भूमिका पर डब्ल्यूएसजे की ओर से लाए गए सच पर हर भारतीय को सवाल करना चाहिए।’

गौरतलब है कि पूरा विवाद अमेरिकी अखबार ‘वाल स्ट्रीट जर्नल’ की ओर से शुक्रवार 14 अगस्त   को प्रकाशित रिपोर्ट के बाद शुरू हुआ। इस रिपोर्ट में फेसबुक के अनाम सूत्रों के हवाले से दावा किया गया था  कि फेसबुक के वरिष्ठ भारतीय पॉलिसी अधिकारी ने कथित तौर पर सांप्रदायिक आरोपों वाली पोस्ट डालने के मामले में तेलंगाना के एक भाजपा विधायक पर स्थायी पाबंदी को रोकने संबंधी आंतरिक पत्र में दखलंदाजी की थी।

हालांकि इसके बाद  फेसबुक को आगे आकर कहना पड़ा था कि वह हिंसा के लिए उकसाने वाले पोस्ट या भाषण पर रोक लगाता है। गौरतलब है कि  पिछले हफ्ते  सोशल मीडिया फेसबुक पर एक भड़काऊ पोस्ट ने कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में बबाल खड़ा किया था। 11 अगस्त की रात भड़की  हिंसा को नियंत्रित करने के लिए  पुलिस को फायरिंग भी करनी पड़ी। फायरिंग में दो लोगों की मौत हो गई थी ।

बेंगलुरु में कांग्रेस विधायक श्रीनिवास मूर्ति के घर पर 11 अगस्त मंगलवार की रात भीड़ ने हमला किया था। तब  कांग्रेस विधायक श्रीनिवास मूर्ति के भतीजे पर आरोप था कि उसने  फेसबुक पर एक भड़काऊ पोस्ट किया था।  अब एक और  फेसबुक  पोस्ट को लेकर देश की सियासत  गरमाई हुई है।  इस मसले पर बीजेपी-कांग्रेस के बीच घमासान जारी  है।  यह घमासान  तेलंगाना से बीजेपी विधायक टी राजा सिंह की एक कथित फेसबुक पोस्ट को लेकर शुरू हुआ। इस मसले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। राहुल ही नहीं बल्कि प्रियंका बाड्रा ने भी कहा है कि भाजपा अब सोशल मीडिया को भी अपने नियंत्रण में ले रही है। राहुल ने भाजपा और आरएसएस पर सोशल मीडिया के जरिये फर्जी ख़बरें फ़ैलाने का आरोप लगाया है। वहीं अब इस  मसले के बीच फेसबुक का भी बयान सामने आया है।  फेसबुक के प्रवक्ता ने कहा कि हम हिंसा भड़काने वाले शब्दों  पर रोक लगाते हैं।

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