असम में इसी साल 2021 में विधानसभा चुनाव होने हैं । राज्य में विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में चुनावी हलचल तेज हो गई है। देशभर में नए कृषि बिलों के खिलाफ किसान करीब चालीस दिनों से आंदोलित हैं। इस बीच असम विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस राज्य में किसानों का कर्ज और महिलाओं द्वारा ‘माइक्रोफाइनेंस’ संगठनों से लिया कर्ज माफ करने का वादा कर रही है। इसके साथ ही पार्टी ने सत्ता में आने पर न्यूनतम आय गारंटी योजना ‘न्याय’ लागू करने, गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को 120 यूनिट तक निशुल्क बिजली देने और प्रत्येक परिवार में से कम से कम एक शख्स की नौकरी सुनिश्चित करने की घोषणा की है।
असम में इस साल 2021 मार्च-अप्रैल में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके मद्देनजर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख रिपुन बोरा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए ये घोषणाएं की हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में किसानों की हालत ख़राब है । उत्पादन की लागत ज्यादा है और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) नहीं मिलने की वजह से उन्हें अपनी उपज को नुकसान में बेचना पड़ता है। बोरा ने कहा कि अगर कांग्रेस राज्य में सत्ता में आती है तो वह किसानों का कर्ज माफ करेगी, जैसा राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पंजाब की कांग्रेस सरकारों ने किया है। मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने भी किसानों का कर्ज माफ किया था। उन्होंने कहा कि गांवों में लोग, खासकर महिलाएं ‘माइक्रोफाइनेंस’ संगठनों से कर्ज लेती हैं और उन्हें काफी उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है।
हाल में समाप्त हुए विधानसभा सत्र में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों, खासकर महिलाओं, को ‘माइक्रोफाइनेंस’ संस्थाओं और साहूकारों से बचाने के लिए सर्वसम्मति से एक विधेयक पारित किया गया है। प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि महिला सशक्तीकरण पार्टी की प्राथमिकता है और जब हम सत्ता में आएंगे तो महिलाओं के सभी तरह के माइक्रो-फाइनेंस कर्ज माफ करेंगे। इसमें न्यूनतम आय गांरटी योजना (न्याय) को लागू करना शामिल है। इससे पहले वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव में भी पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र में शामिल किया गया था।