उत्तराखण्ड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के जवाब में सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गत् सप्ताह 16 दिसंबर को विजय दिवस के मौके पर मिशन-2022 का आगाज किया। उन्होंने देहरादून के परेड ग्राउंड में जनसभा को संबोधित किया। कांग्रेस ने विजय दिवस के मोके पर सैनिक सम्मान कार्यक्रम में राहुल को उतारकर विधानसभा चुनाव में राष्ट्रवाद के एजेंडे को सेट करने का प्लान बनाया गया है ताकि प्रदेश के सैनिक परिवार के वोटों को अपने पाले में लाया जा सके। प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले राहुल का यह पहला दौरा है। राहुल की इस रैली को पीएम मोदी की रैली के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है
अगले साल यानी कुछ ही महीनों के भीतर होने वाले उत्तराखण्ड सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं वैसे-वैसे राजनीतिक पार्टियों की रैलियों का दौर शुरू हो गया है। उत्तराखण्ड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के जवाब में सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गत सप्ताह 16 दिसंबर को विजय दिवस के मौके पर मिशन-2022 का आगाज किया। उन्होंने देहरादून के परेड ग्राउंड में जनसभा को संबोधित किया। कांग्रेस ने विजय दिवस के मोके पर सैनिक सम्मान कार्यक्रम में राहुल को उतारकर विधानसभा चुनाव में राष्ट्रवाद के एजेंडे को सेट करने का प्लान बनाया गया है ताकि प्रदेश के सैनिक परिवार के वोटों को अपने पाले में लाया जा सके। प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले राहुल का यह पहला दौरा है। राहुल की इस रैली को पीएम मोदी की रैली के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है। कांग्रेस ने यह रैली बांग्लादेश निर्माण के युद्ध में भारत की पाकिस्तान पर ऐतिहासिक जीत की पचासवीं वर्षगांठ पर आयोजित की थी। जिसमें पूर्व सैनिकों और शहीद सैनिकों के परिजनों को प्रियदर्शनी सैन्य सम्मान देकर सम्मानित किया गया। इससे जाहिर है कि कांग्रेस की नजर राज्य के सैन्य परिवारों के वोटों पर है। राज्य में सैन्य वोटर हमेशा से ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते रहे हैं।

राहुल ने अपने संबोधन में सबसे पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने बिपिन रावत, उनकी पत्नी और सेना के जवानों की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया। राहुल ने अपनी यादें साझा करते हुए कहा कि जब मैं छोटा था, देहरादून के दून स्कूल में पढ़ा करता था। मैं यहां आपके साथ दो तीन साल रहा। आपने उस समय मुझे बहुत प्यार दिया। शायद मेरे परिवार का और उत्तराखण्ड का गहरा रिश्ता है। मुझे वो दिन याद आया जब 31 अक्टूबर को मेरी दादी इस देश के लिए शहीद हुईं थी। फिर मुझे 21 मई का दिन याद आया, जिस दिन मेरे पिता इस देश के लिए शहीद हो गए। मेरा और आपका कुर्बानी का रिश्ता है। जो कुर्बानी उत्तराखण्ड के हजारों परिवारों ने दी है, वही कुर्बानी मेरे परिवार ने दी है। जिन लोगों ने अपनों को खोया है, वह इस रिश्ते को अच्छी तरह समझेंगे। जो सेना में हैं उन्हें यह बात गहराई से समझ आएगी। इस रैली में राहुल, पीएम मोदी की तर्ज पर स्थानीय मुद्दे और देशभक्ति की भावनाओं को उजागर करते दिखे।
राहुल गांधी ने देश की सत्ताधारी पार्टी भाजपा पर निशाना साध कहा कि आज देश को बांटा जा रहा है, कमजोर किया जा रहा है। एक भाई को दूसरे भाई से लड़ाया जा रहा है। पूरी सरकार दो तीन पूंजीपतियों के लिए चलाई जा रही है। काले कानून, किसानों के खिलाफ उनकी मदद नहीं, उन्हें खत्म करने को बनाए गए थे। किसान न डरे और न पीछे हटे। जिसके एक साल बाद प्रधानमंत्री हाथ जोड़कर कहते दिखे कि गलती हो गई, माफी मांगता हूं। जो 700 किसान शहीद हुए, उनके बारे में भाजपा के नेता सदन में कहते हैं कि किसी की मृत्यु नहीं हुई। पंजाब सरकार ने 400 किसानों को मुआवजा दिया, लेकिन केंद्र सरकार ने नहीं दिया।

हिंदुस्तान के किसानों की आमदनी उनसे छीनी जा रही थी। नोटबंदी के बाद गलत जीएसटी, उसके बाद कोरोना के समय हिंदुस्तान के सबसे बड़े उद्योगपति को टैक्स माफ, लेकिन मजदूरों को बस या ट्रेन का टिकट नहीं दिया। चाहे नोटबंदी हो या जीएसटी या कोरोना में सरकार के ये तीनों काम हिंदुस्तान के किसानों, छोटे कारोबारियों पर कुछ बड़े पूंजीपतियों के आक्रमण हैं। जो लोग आपको रोजगार दे सकते हैं, उन छोटे कारोबारियों, व्यापारियों को भाजपा ने खत्म कर दिया। मोदी केवल पूंजीपतियों की नीतियों को चला रहे हैं। जब तक केंद्र से भाजपा की सरकार नहीं हटेगी, तब तक रोजगार नहीं मिलेगा। देश की आर्थिक शक्ति को भाजपा नष्ट कर रही है। ये मत सोचिए कि हिंदुस्तान मजबूत हो रहा है। हेलीकॉप्टर, हवाई जहाज, तोप से देश मजबूत नहीं होता। देश मजबूत तब होता है, जब देश का नागरिक मजबूत होता है। जब देश में जनता बिना डरे बोल सके, तब मजबूत होता है। बांग्लादेश लड़ाई के समय देश मजबूत था। सेना और सरकार के बीच में मजबूत रिश्ता था। हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था मजबूत थी। इसीलिए पाकिस्तान को 13 दिन में हराया। आज वह समय नहीं है। मीडिया वाले जितना भी कह लें। हवाई जहाज, टैंक से देश मजबूत नहीं होता। मैं वो दिन कभी नहीं भूल सकता जब मुझे स्कूल में बताया गया कि इंदिरा गांधी को 32 गोलियां लगी हैं। ऐसे ही बताया कि आपके पापा शहीद हो गए।
दिल्ली में विजय दिवस कार्यक्रम में इंदिरा गांधी का नाम तक नहीं लिया गया। जिस महिला ने देश के लिए 32 गोलियां खाई, क्योंकि सच्चाई से मोदी सरकार डरती है। आपके सामने सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी की है। आपके लोग पलायन करते हैं। दूसरी मुश्किल महंगाई है। यह क्यों है? इंटरनेशनल मार्किट में तेल के दाम गिरते जा रहे हैं। दुनिया में सबसे ज्यादा टैक्स
हिंदुस्तान में है। नरेंद्र मोदी ने 10 लाख करोड़ रुपए आपसे छीनकर करोड़पतियों का कर्ज माफ किया है। आपकी जेब से जो पैसा निकल रहा है, वह देश के चंद अरबपतियों की जेब में जा रहा है, क्योंकि वो नरेंद्र मोदी की मार्केटिंग करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी पर हमला करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि गंगा में बहुत लोगों ने स्नान किया, लेकिन ऐसा लगता है कि हिंदुस्तान में केवल एक ही व्यक्ति ने गंगा स्नान किया है। वहां योगीजी को परमिशन नहीं दी, बाकी का तो छोड़ो।
नरेंद्र मोदी एक ही हिंदुस्तानी हैं जो गंगा में स्नान कर सकते हैं। रोजगार उत्तराखण्ड में तब आएगा जब छोटे व्यापारियों की मदद होगी। दो-तीन पूंजीपतियों को पूरा धन देने से उत्तराखण्ड आगे नहीं जा सकता। जब हमारी सरकार आएगी तो किसानों की मदद होगी, रोजगार देगी, कानून बनाएगी लेकिन किसानों के लिए बनाएगी। इस रैली में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पारंपरिक ढोल-नगाड़ों के साथ सम्मान रैली में परेड ग्राउंड पहुंचे। इस दौरान उनके समर्थक भी साथ रहे। राहुल की रैली में सीडीएस जनरल बिपिन रावत का कटआउट भी प्रमुखता से लगाया गया है। इसके साथ ही हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद हुए सभी सैनिकों, अधिकारियों और जनरल रावत की पत्नी का श्रद्धांजलि देते हुए होर्डिंग भी लगाया गया।