इस साल कांग्रेस कोटा की तीन राज्यसभा सीट खाली होने वाली है जिनपर पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं की नजर है। वहीं दूसरी तरफ इस सीट पर मजबूत दावेदारी प्रियंका गांधी वाड्रा की मानी जा रही हैं। इसके पीछे पार्टी के सीनियर लीडरों का मत है कि लोकसभा में राहुल गांधी तो राज्य सभा में प्रियंका गांधी के होने से पार्टी के नेताओं का मनोबल बढ़ेगा और साथ ही दोनों सदनों में गांधी परिवार की उपस्थिति रहेगी।
लेकिन दूसरी तरफ इसके नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकते है। क्योंकि कांग्रेस पर पहले से ही परिवारवाद के आरोप लगते रहे हैं। अगर प्रियंका गांधी वाड्रा को पार्टी की तरफ से राज्यसभा सदस्य बनाया जाएगा तो फिर से पार्टी में गांधी परिवार का एकछत्र राज के आरोप लग सकते है। हालांकि, अभी यह सिर्फ चर्चाओं में है। अभी पार्टी का अंतिम फैसला आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
गौरतलब है कि कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं का कार्यकाल राज्यसभा में जल्द ही खत्म होने वाला है। जिनमें अंबिका सोनी, गुलाम नबी आजाद और दिग्विजय सिंह आदि शामिल हैं। बताया जा रहा है कि कांग्रेस इससे खाली होने वाली रिक्तियों को अपने छत्तीसगढ़, राजस्थान और झारखंड के कोटा के आधार पर भरेगी।
फिलहाल, सवाल यह है कि ऐसे समय में पार्टी अपने पुराने सिपहसालारों की मदद ही लेगी या एक पीढ़ीगत बदलाव लेकर आएगी। इस बात की चर्चा हैं कि प्रियंका गांधी वाड्रा को उच्च सदन यानि राज्य सभा में लाया जा सकता है। जबकि छत्तीसगढ़ के नेताओं ने तो कथित तौर पर उच्च सदन में उनकी इंट्री को समर्थन देने की पेशकश भी कर दी है।
हालांकि, पार्टी को यह भी अच्छी तरह से पता है कि ऐसा कोई भी कदम उनके लिए एक दोधारी तलवार साबित होगा। वैसे यह भी हो सकता है कि पार्टी के लिए यह एक अच्छी रणनीति हो कि राहुल गांधी सत्ताधारी बीजेपी के खिलाफ लोकसभा में पार्टी की कमान संभालें तो दूसरी तरफ प्रियंका गांधी इसकी कमान राज्यसभा में संभालेंगी।
लेकिन पूर्व की भांति एक बार फिर यह कांग्रेस पर वंशवाद की राजनीति के गंभीर आरोपों का रास्ता भी खोल देगी। ऐसे में पार्टी को यह सोचना होगा कि राज्यसभा में नामित किए जाने से उसका उत्तर प्रदेश का प्रचार अभियान कमजोर होगा या उसे राजनीतिक तौर पर बल मिलेगा?
पार्टी के सूत्रों का यह भी कहना है कि अभी इस पर कोई फाइनल निर्णय नहीं लिया गया है। हो सकता है यह कयास हो और वैसे ही फुस्स साबित हो जाए जैसे 2019 के आम चुनावों में प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के खिलाफ प्रियंका गांधी के वाराणसी संसदीय क्षेत्र से मैदान में चुनावों में उतरने की चर्चाएं थी।
चर्चा यह भी है कि राज्यसभा सीटों पर वरिष्ठ नेताओं में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद का फिर से नामित किया जाना लगभग तय है। लेकिन कुछ ऐसे भी नेता हैं जो वर्षों से इन सीटों के खाली होने का इंतजार कर रहे है। ऐसे नेताओं में ज्योतिरादित्य सिंधिया, करुणा शुक्ला और रणदीप सिंह सुरजेवाला के साथ ही भूपेंद्र सिंह हुड्डा जैसे नेता शामिल हैं। हो सकता है इन सबको दरकिनार करते हुए राज्यसभा की एक सीट पर प्रियंका गांधी को बिठा दिया जाए।