कुछ ही महीनों के भीतर पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके लिए सभी राजनीतिक पार्टियों में जोर-आजमाइश चरम पर है। कांग्रेस अब तक के इतिहास में बहुत बुरे दौर से गुजर रही है। जहां एक ओर केंद्र और राज्यों में उसका जनाधार सिकुड़ता जा रहा है, वहीं पार्टी अपने अंदरूनी झगड़ों से उबर नहीं पा रही है। एक को मनाओ तो दूसरा रूठ जाता है। पार्टी को खुद अपने भीतर भी लड़ना पड़ रहा है। राष्ट्रीय नेतृत्व के सवाल पर मतभेद हैं तो राज्यों में नेता एक – दूसरे को नीचा दिखाकर अपनी-अपनी गोटियां सेट कर रहे हैं। इस सबके बीच कांग्रेस को अब जम्मू-कश्मीर में बड़ा झटका लगा है।

गुलाम नबी आजाद खेमे से जुड़े पदाधिकारियों ने अपने-अपने पदों से दिया इस्तीफा
दरअसल ,कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद खेमे से जुड़े पदाधिकारियों ने अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीए मीर पर कई तरह के आरोप लगाए हैं। अपने इस्तीफे में सभी ने कहा है कि मीर की अध्यक्षता में कांग्रेस लगातार पिछड़ती जा रही है। अनदेखी के कारण कई नेता पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं।
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सूत्रों की मानें तो जम्मू के साथ घाटी के इन नेताओं, पूर्व मंत्रियों और विधायकों ने अपनी अनदेखी का आरोप लगाते हुए संयुक्त तौर पर पदों से अपना इस्तीफा दिया है। इसकी कॉपी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल को भी भेजी गई है। जिन प्रमुख लोगों ने इस्तीफा दिया है, उनमें जीएम सरूरी, जुगल किशोर शर्मा, विकार रसूल, डॉ मनोहर लाल शर्मा, गुलाम नबी मोंगा, नरेश गुप्ता, सुभाष गुप्ता, अमीन भट, अनवर भट, इनायत अली और अन्य नेता शामिल हैं।