देश में अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले है,लेकिन बिहार में सियासी बिसात अभी से बिछाई जा रही है। एक तरफ भाजपा अपनी तैयारी में जुटी हुई है,तो वहीं महागठबंधन में वापसी के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रदेश भर का दौरा कर सियासी माहौल की थाह ले रहे हैं। खरमास के खत्म होने और मकर संक्रांति के बाद मुख़्यमंयत्री नीतीश अपनी कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं। ऐसे में कांग्रेस ने मंत्रिमंडल में अपनी ताकत बढ़ाने के लिए नए डिमांड के साथ नीतीश पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है।इसके लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह नीतीश कुमार की अगुवाई वाली महागठबंधन सरकार में अपनी पार्टी का प्रतिनिधित्व बढ़ाने की लगातार डिमांड भी कर रहे हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभालने के बाद अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही उन्होंने यह मांग उठा दी थी। उस समय उन्होंने कहा था कि विधानसभा में अपने विधायकों की संख्या के आधार पर कैबिनेट में कांग्रेस के 4 मंत्री पद मिलना चाहिए। इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मैंने बात की है और उन्होंने आश्वासन भी दिया है।
दरअसल,पिछले साल जब नीतीश कुमार ने भाजपा से अपना नाता तोड़कर महागठबंधन में वापसी की थी,तब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री और तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री बने थे। इस दौरान उन्होंने 31 सदस्यीय मंत्रिमंडल का गठन किया गया था, जिसमें कांग्रेस से 2 मंत्री बनाए गए थे। इसमें एक आफाक आलम कैबिनेट और दूसरे मुरारी प्रसाद गौतम राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली थी।वहीं आरजेडी कोटे से 16, जेडीयू से 11, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के पास एक और एक निर्दलीय विधायक मंत्री बनाए गए थे।बिहार विधानसभा सदस्यों के आधार पर कुल 36 मंत्री बन सकते हैं। मौजूदा समय में 31 सदस्यीय कैबिनेट है, जिसके चलते अभी 5 और भी बन सकते हैं। कांग्रेस के 19 विधायक हैं और उसके 2 मंत्री बने थे। ऐसे में कांग्रेस नीतीश कुमार कैबिनेट में दो मंत्री और चाहती है।वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह बिहार में पार्टी की कमान संभालते ही महागठबंधन सरकार में कांग्रेस की ताकत को बढ़ाने के लिए लग गए हैं।राजद के 2 मंत्रियों का इस्तीफा पहले ही हो चुका है।इसलिए माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मकर संक्रांति के बाद अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे। इस विस्तार के सहारे अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए दांव भी चलेंगे।
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि मंत्रियों के विभागों में भी फेरबदल किया जा सकता है।आरजेडी कोटे के 16 मंत्रियों में से 2 मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं, वो पद भी खाली है। इस तरह से आरजेडी कोटे से रिक्त सीटों को भर सकती है और जेडीयू अपने कोटे के कुछ मंत्री बना सकती है। ऐसे में कांग्रेस भी अपनी डिमांड रखना शुरू कर दिया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह का कहना है कि मकर संक्रांति के बाद होने वाले कैबिनेट विस्तार में कांग्रेस के दो अन्य विधायकों को मंत्री बनाया जाना चाहिए। इस बात को नीतीश कुमार से भी कह चुके हैं और उन्होंने इसके लिए आश्वासन भी दिया है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे के लिए मार्च में विचार-विमर्श करेगी। इस तरह से बिहार में कैबिनेट गठन को लेकर भी सियासी दांव चले जाने लगे है। ऐसे में देखना है कि कांग्रेस की डिमांड कितनी पूरी होती है।