पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव की बात आती है तो कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से उनके तल्ख़ रिश्तों के बारे में भी बात जरूर होती है। राजीव गांधी, इंदिरा गांधी आदि की जयंती को कांग्रेस धूमधाम से मनाती है। इस दौरान तरह-तरह के वीडियो और पोस्ट सोशल मीडिया पर किए जाते हैं, लेकिन नरसिम्हा राव के साथ शीर्ष नेतृत्व ने कभी ऐसा नहीं किया।
पीवी नरसिम्हा राव पूर्व प्रधानमंत्री के साथ-साथ कांग्रेस के बड़े नेताओं में से एक थे।जब 28 जून 2020 को अचानक से जब राहुल, सोनिया गांधी और डॉ. मनमोहन सिंह ने उनकी जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी, तो सभी हैरान रह गए थे। बाद में बात सामने आई कि कांग्रेस ने इस बार राव की जयंती पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में शामिल होने का फैसला लिया था।
जब 1991 में नरसिम्हा राव देश के प्रधानमंत्री बने
कहा जाता है कि जब 1991 में नरसिम्हा राव देश के प्रधानमंत्री बने, तो सोनिया गांधी से उनके रिश्ते बहुत अच्छे थे। इसके बाद दोनों के रिश्तों में कई मामलों को लेकर खटास आ गई। फिर नरसिम्हा राव ने 10 जनपथ जाना ही छोड़ दिया। बहुत ज्यादा जरूरी काम होने पर ही वो उधर का रुख करते थे। 2004 में जब राव की मृत्यु हुई तो कांग्रेस सत्ता में थी। इस दौरान AICC मुख्यालय के बाहर ही उनका शव रखा गया, जहां पर तमाम नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। हालांकि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह राव को अपना गुरु मानते थे और उन्हें आंध्र भवन जाकर श्रद्धांजलि दी थी।
हालाँकि 28 जून 2020 को सोनिया गाँधी ने उन्हें याद करते हुए कहा था कि राव का जन्म शताब्दी वर्ष एक विद्वान को याद करने का मौका है, उन्हें सभी श्रद्धांजलि अर्पित करें। वे ऐसे वक्त में देश के प्रधानमंत्री बने जब गंभीर आर्थिक संकट था। उनके साहसिक नेतृत्व के चलते देश कई सारी चुनौतियों से पार पाने में सफल रहा।
24 जुलाई, 1991 को पेश बजट में अपनी छाप और प्रतिबद्धता दिखाई थी
वहीं राहुल गांधी ने लिखा था कि हम ऐसे शख्स की विरासत का जश्न मना रहे हैं, जिसके योगदान की वजह से आधुनिक भारत निरंतर आकार ले रहा है। राव ने 24 जुलाई, 1991 को पेश बजट में अपनी छाप और प्रतिबद्धता दिखाई थी। दरअसल राव का जन्म आंध्र प्रदेश (अब तेलंगाना का हिस्सा) में हुआ था। वहां के लोगों के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन लगा दिया।
तेलंगाना और आंध्र में उनकी लंबी राजनीतिक विरासत है। इसके अलावा दक्षिण भारत के अन्य राज्यों में भी उनकी अच्छी पकड़ थी। वहीं राजनीतिक विशेषज्ञ दक्षिण भारत में उनके राजनीतिक विरासत की लड़ाई देख रहे हैं। जिसके लिए अब कांग्रेस को भी मैदान में उतरना चाहिए था लेकिन नरसिम्हा राव की पुण्य तिथि पर कांग्रेस ने फिर से अपने बड़े नेता को श्रद्धांजलि नहीं दी।
हालाँकि तेलंगाना की सरकार ने आज यानी की 23 दिसम्बर 2020 न सिर्फ अपने नेता पीवी नरसिम्हा राव को याद किया बल्कि तेलंगाना में बड़े-बड़े पोस्टर इस बात के भी लगवाए कि कांग्रेस ने फिर अपने नेता को याद नहीं किया। इस मौके पर टीआरस के प्रमुख नेताओं ने नेकेलस रोड स्थित घाट पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस खास अवसर पर डाक टीकट भी जारी किया गया।