नई दिल्ली। कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन के बीच जो तनातनी चल रही है उसे कांग्रेस के लिए अच्छा नहीं माना जा रहा है। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक यदि इस तनातनी के चलते राज्य सरकार चली गई तो इसका राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस को बड़ा नुकसान हो सकता है। एक तो राज्य में भजपा को सरकतार बनाने का मौका मिल जाएगा और दूसरे भाजपा को यह तर्क भी दे सकती है कि जो कांग्रेस एक राज्य में गठबंधन की सरकार चलाने में असमर्थ है वह भला कैसे पूरे देश में महागठबंधन बनाने के सपने देख रही है।
गौरतलब है कि कर्नाटक में करीब सात महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन बहुमत से कुछ सीटें दूर रही। इस पर कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन की सरकार बनी। लेकिन बहुत जल्द ही इस गठबंधन में मनमुटाव देखने को मिले जो अब पूरी तरह मीडिया की सुर्खियों में हैं। हालत यह है कि कांग्रेस नेताओं से पेरशान हो चुके मुख्यमंत्री खुलेआम अपना दर्द बयां करने को विवश हैं। कुमारस्वामी यहां तक कह चुके हैं कि वे मजबूरी में सरकार चला रहे हैं। मुख्यमंत्री की इस मजबूरी से सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन के बीच सबकुछ ठीक नहीं है। कांग्रेस-जेड़ीएस के संबंधों में आई खटास से लगता है कि गठबंधन की सरकार खतरे में पड़ सकती है।
शायद कांग्रेस आलाकमान को भी अहसास हो गया है कि गठबधन की सरकार गिर गई तो इसका उसे राष्ट्रीय सत्र पर नुकसान हो सकता है। आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा इसे मुद्दा बना सकती है। लिहाजा राज्य में पार्टी विधायकों को संयम में रहने की नसीहत दी जा रही है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी विधायकों को नसीहत दी है कि वे पार्टी आलाकमान की इच्छा के खिलाफ कुछ भी ऐसा न बोलें जिससे गठबंधन में कन्फ्यूजन पैदा हो। डैमेज कंट्रोल के लिए अब मीडिया के मत्थे दोष मढ़ा जाने लगा है। मीडिया से बात करते हुए कर्नाटक के पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि आप लोग (मीडिया) ये सारी मुश्किलें पैदा करते हो। आप पहले किसी और से फिर दूसरे से फिर तीसरे से ऐसे सवाल पूछते हो। गठबंधन में कोई भी मुश्किल नहीं है। हम कुमारस्वामी से बात करेंगे, जबकि कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस के नेता जी. परमेश्वर इस मुद्दे पर विधायकों के साथ दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि सिद्धारमैया बेहतर सीएम रहे हैं। वह हमारे विधायक दल के नेता हैं। अगर विधायक उन्हीं को सीएम मानते हैं तो अपनी राय जाहिर की है। इसमें गलत क्या है। इससे नाराज मुख्यमंत्री कुमार स्वामी ने कहा कि कांग्रेस नेताओं को इन मुद्दों को देखना होगा। अगर वे ऐसे ही जारी रखते हैं तो मैं इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं। वे लोग लिमिट क्रॉस कर रहे हैं। कांग्रेस नेताओँ को अपने विधायकों को संभालना चाहिए।