पिछले कुछ समय से देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस एक ओर जहां भारी अंतर्कलह से जूझ रही है वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान हुई सुरक्षा में चूक को लेकर भी कांग्रेस दो गुटों में बंटी नजर आ रही है। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी जहां इसे कोई चूक नहीं मानते हैं वहीं, उनकी ही पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने इसे दुर्भायपूर्ण करार दिया है। उन नेताओं में पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ और राज्यसभा सांसद मनीष तिवारी जैसे कई नाम शामिल हैं।
पीएम मोदी की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर कांग्रेस और भाजपा में आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। इस मुद्दे पर कांग्रेस के अंदर भी अलग-अलग राय हैं। पार्टी के कई नेता अपनी ही सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। इससे आने वाले दिनों में पार्टी की मुश्किल बढ़ सकती है। पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले की सुरक्षा में चूक के 24 घंटे बाद कांग्रेस आलाकमान ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से इस संबंध में बात की कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सीएम चन्नी से इस मामले की विस्तृत जानकारी ली है। उन्होंने चन्नी से कहा कि नरेंद्र मोदी पूरे देश के प्रधानमंत्री हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए। सोनिया ने सीएम चन्नी से कहा कि इस मामले में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। इस दौरे को लेकर सुरक्षा के पूरे बंदोबस्त किए जाने चाहिए थे।
पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ के बाद लोकसभा सांसद मनीष तिवारी ने भी पार्टी लाइन से अलग अपनी बात रखी है। मनीष ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए इस पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश से कराने की मांग की है।

लोकसभा सांसद मनीष तिवारी
मनीष तिवारी ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक का मामला दुर्भाग्यपूर्ण था। ऐसा नहीं होना चाहिए था। वह बेहद बारीकी से पूरे विवाद को देख रहे हैं। उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर संसद में एक कानून बना है, जिसे एसपीजी एक्ट कहा जाता है। 2019 में इस एक्ट में संशोधन किया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक एक संवेदनशील मामला है। इसे राजनीतिक फुटबॉल नहीं बनाना चाहिए। सही तथ्यों को सामने लाने के लिए हाईकोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश से मामले की जांच करानी चाहिए।’
मनीष तिवारी की यह टिप्पणी उस वक्त आई है, जब पंजाब सरकार न्यायमूर्ति (सेवानितृत्त) महताब सिंह गिल और अनुराग वर्मा की समिति बना चुकी है। मालूम हो कि इससे पहले पार्टी नेता सुनील जाखड़ भी इस मुद्दे पर चन्नी सरकार को घेर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि पंजाब में जो कुछ हुआ, वह स्वीकार्य नहीं है। प्रधानमंत्री को रैली स्थल तक पहुंचने के लिए सुरक्षित रास्ता दिया जाना चाहिए था।

पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़
सुनील जाखड़ ने कहा कि फिरोजपुर की रैली के लिए प्रधानमंत्री को सुरक्षित मार्ग उपलब्ध कराया जाना चाहिए था। जो हुआ, वह अस्वीकार्य है। यह पंजाबियत के खिलाफ है। देश के प्रधानमंत्री को फिरोजपुर में भाजपा की रैली को संबोधित करने के लिए सुरक्षित मार्ग उपलब्ध कराया जाना चाहिए था। इसी तरह लोकतंत्र कार्य करता है।
इसके अलावा मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के साथ ही हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पंजाब की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए। सुरक्षा के मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए। दूसरी ओर, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने इस मामले में सवाल उठाए हैं।

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ
कमलनाथ बोले– पीएम की सुरक्षा महत्वपूर्ण
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि देश का प्रधानमंत्री कोई भी हो, उसकी सुरक्षा महत्वपूर्ण है। चाहे वह नरेन्द्र मोदी हों या फिर राजीव गांधी होते। पूरा विश्व हमारी ओर देख रहा है और कह रहा है कि यह ऐसा देश है, जो अपने प्रधानमंत्री की सुरक्षा नहीं कर सकता। सुरक्षा संबंधी चूक की जांच केंद्रीय गृह मंत्रालय और राज्य सरकार द्वारा करवाई जा रही है। उसमें सब सामने आ जाएगा। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) करता है और अंतिम फैसला भी उसका ही होता है। इसमें राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) का भी हस्तक्षेप नहीं होता है। उन्हें एसपीजी का निर्णय मानना होता है। अब भाजपा को हर बात के लिए कांग्रेस ही जिम्मेदार दिखाई देती है तो यह ठीक नहीं है।

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि अगर देश के पीएम की सुरक्षा में कमी है तो फिर कोई भी सुरक्षित नहीं है। पीएम की सुरक्षा में कमी नहीं रहनी चाहिए थी । उन्होंने कहा कि किसानों की मांगों को अब तक केंद्र सरकार ने पूरी तरह से नहीं माना है। इसलिए उनमें नाराजगी तो है, लेकिन पीएम की सुरक्षा जरूरी है।

राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि आजादी के बाद पंजाब में पहली बार दलित मुख्यमंत्री बना है, जिसका पूरा देश स्वागत कर रहा है, लेकिन उन्हें लेकर प्रधानमंत्री जिस तरह का संदेश दे रहे हैं, वह गलत है। पीएम द्वारा पंजाब के अधिकारियों को यह कहना कि अपने सीएम को धन्यवाद कहना कि मैं जिंदा लौट पाया, पीएम द्वारा इस तरह का संदेश देना दुर्भाग्यपूर्ण है। पीएम की सुरक्षा की जिम्मेदारी एसपीजी और आइबी की होती है। ऐसे में इन दोनों ही एजेंसियों के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।इस दौरान गहलोत ने यह भी कहा कि भाजपा और आरएसएस के खून में ही हिंसा और कांग्रेस के खून में अहिंसा है।

छत्तीसगढ़ के के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
राजनीति चमकाने गए थे पीएम: बघेल
छत्तीसगढ़ के के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि सुरक्षा सिर्फ एक बहाना है, प्रधानमंत्री पंजाब में राजनीति चमकाने गए थे। पहले भी प्रधानमंत्री कई बार जाम में फंस चुके हैं, तब भाजपा के लोग कहते थे कि प्रधानमंत्री आम आदमी हैं। प्रधानमंत्री इस घटना परविशुद्ध रूप से राजनीति कर रहे हैं। यह भाजपा द्वारा तैयार की गईरणनीति है, जिसका मकसद चुनी हुई पंजाब सरकार को बदनाम करना है।

पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिध्दू
बीस मिनट रुकना पड़ा तो हाहाकार मच गया: सिद्धू
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिध्दू ने कहा कि हमारे किसान डेढ़ साल तक दिल्ली की सड़कों पर परेशान होते रहे, तब कोई क्यों नहीं बोला। प्रधानमंत्री को 15-20 मिनट रुकना पड़ा तो चारों तरफ हाहाकार मच गया।

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी
चन्नी ने बताया इसे प्रधानमंत्री की नौटंकी
प्रधानमंत्री के पंजाब दौरे के दौरान ”सुरक्षा चूक” को लेकर भाजपा की आलोचना का सामना कर रहे मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी की ”जान को खतरे की नौटंकी का उद्देश्य राज्य में ”लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई सरकार को गिराने का है। चन्नी ने कहा कि प्रधानमंत्री देश के एक सम्मानित नेता हैं, लेकिन उनके कद के नेता को इस तरह की ”घटिया नौटंकी” में शामिल होना शोभा नहीं देता। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि मोदी की जान को कोई खतरा नहीं था, बल्कि फिरोजपुर में भाजपा की रैली में लोगों की संख्या कम होने के कारण उन्होंने अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया। उन्होंने कहा कि रैली स्थल पर खाली कुर्सियों के कारण प्रधानमंत्री सुरक्षा खतरे के तुच्छ कारण का हवाला देते हुए राष्ट्रीय राजधानी वापस चले गए। चन्नी ने आरोप लगाया कि जिस “झूठे बहाने” पर प्रधानमंत्री ने अपनी यात्रा रद्द की, वह पंजाब को बदनाम करने और राज्य में लोकतंत्र की हत्या करने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘सुरक्षा में गंभीर चूक
फ्लाईओवर पर 20 मिनट तक फंसे रहे प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंजाब में इसी हफ्ते सड़क मार्ग से जाते समय ”सुरक्षा में गंभीर चूक” होने के कारण एक फ्लाईओवर पर 20 मिनट तक फंसे रहे। दरअसल, कुछ प्रदर्शनकारियों ने रास्ते को अवरुद्ध कर दिया था। इसके चलते उनके काफिले ने लौटने का फैसला किया। इस घटना पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पंजाब सरकार से इस चूक के लिए एक रिपोर्ट मांगी है और इसके लिए जिम्मेदार रहे लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई को कहा है।