केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सेंट्रल विस्टा परियोजना को लेकर कांग्रेस पर पलटवार किया है। पुरी ने ट्वीट किया कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर ‘कांग्रेस’ की आपत्ति अजीब है। कई वर्षों से केंद्रीय विस्टा योजना की लागत 20,000 करोड़ रुपये है। केंद्र सरकार ने टीकाकरण के लिए लगभग दो बार धनराशि स्वीकृत की है। साथ ही देश के स्वास्थ्य बजट को इस वर्ष बढ़ाकर 3 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। पूरी ने कहा कि हम अपनी प्राथमिकताओं को समझते हैं।
सिलसिलेवार ट्वीट में पुरी ने कहा कि कांग्रेस का पाखंड खत्म नहीं हो रहा। कांग्रेस दोहरी भूमिका निभा रही है। कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने पहले नए संसद भवन की आवश्यकता जताई थी। लोकसभा अध्यक्ष ने 2012 में इस संबंध में शहरी विकास मंत्रालय को एक पत्र भी लिखा था।
While Central Vista is not new, see Congress’ hypocrisy.
Congress & its allies are splurging on a new project reconstructing an MLA hostel in Maharashtra & building a new Legislative Assembly building in Chhattisgarh. If this is fine, what is the problem with Central Vista? pic.twitter.com/7buqpuFRN2
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) May 7, 2021
पुरी ने सवाल किया कि कोरोना युग के दौरान भी कांग्रेस और उसके सहयोगी महाराष्ट्र में एक एमएलए हॉस्टल के पुनर्निर्माण और छत्तीसगढ़ में एक नया विधान सभा भवन बनाने की नई परियोजना पर काम कर रहे हैं। यदि यह ठीक है, तो केन्द्रीय विस्टा के साथ क्या समस्या है?
राहुल गांधी ने कहा था पैसे की बर्बादी
Central Vista is criminal wastage.
Put people’s lives at the centre- not your blind arrogance to get a new house!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 7, 2021
इससे पहले पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने परियोजना के कार्यान्वयन के लिए नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना की थी और इसे पैसे की बर्बादी करार दिया। उनका कहना था कि कोविड -19 महामारी के दौरान सरकार को लोगों के जीवन की रक्षा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। राहुल गांधी ने कहा, “सेंट्रल विस्टा आपराधिक अपव्यय है, लोगों के जीवन को केंद्र में रखें न कि नया घर पाने के लिए अपने घमंड को।”
गौरतलब है कि दिल्ली में 20,000 करोड़ रुपये की सेंट्रल विस्टा परियोजना को आवश्यक सेवाओं की सूची में शामिल किया गया है। कांग्रेस सहित विपक्षी दलों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है। योजना को पर्यावरण प्राधिकरण द्वारा मंजूर किया गया है। तदनुसार प्रधानमंत्री का नया निवास दिसंबर 2022 तक पूरा हो जाएगा। उपराष्ट्रपति का नया निवास अगले साल मई तक पूरा होने की उम्मीद है।