केरल के त्रिवेंद्रम अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का निजी करण करने का केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के एक फैसले को लेकर केरल में सत्तारूढ़ लेफ्ट. कांग्रेस पार्टी सहित सभी दल राजनीतिक विपक्षी को अलग रखते हुएए इस फैसले के खिलाफ हो गए हैं । बहरहाल कांग्रेस नेता शशि थरूर ने अपने ही संगठन के खिलाफ बगावती तेवर दिखाते हुए नजर आ रहे हैं। उनहोंने केंद्र सरकार के इस फैसले पर सहमति जताई है।
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट को अडानी ग्रुप को लीज पर दिए जाने के फैसले के खिलाफ सभी दल के पार्टी मीटिंग बुलाई गई थी। कांग्रेस के सहयोगी वाले यूडीएफ और लेफ्ट के एलडीएफ के नेता कल 20 अगस्त को इस बैठक में शामिल हुए थे । तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर इस बैठक में शामिल नहीं हुए।
शशि थरूर ने एक ट्विट कर कहाए तिरुवनंतपुरम के इतिहासए यहां की क्षमता और स्टेट्स को देखते हुए नजदीकी लोग प्रथम श्रेणी एयरपोर्ट के हकदार हैं। इस संबंध में फैसला लेने में देरी हुई। थरूर ने यह भी कहा कि वह ऐसे नेता नहीं हैं जो वोटर्स से कुछ और कहेंए फिर राजनीतिक सुविधा के हिसाब से कुछ और बात करें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुईं कैबिनेट की बैठक में विनिवेश की राह पर आगे बढ़ते हुए सरकार ने देश के तीन एयरपोर्ट्स को 50 सालों के लिए निजी हाथों में सौंपने का फैसला किया है। इनमे जयपुरए गुवाहाटी और त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट को पीपीपी माॅडल के जरिए 50 साल के लिए लीज पर देने का का भी फैसला लिया गया है। केरल के मुख्यमंत्री अब इसका विरोध कर रहे हैं।
उन्होंने केंद्र सरकार पर अडानी ग्रुप के हाथों में दिए गए एयरपोर्ट के फैसले की समीक्षा के वादे से भी मुकरने का आरोप लगाया। विपक्षी नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि इस फैसले को कोर्ट में चुनौती दी गई है। ऐसे में केंद्र सरकार एकतरफा फैसला नहीं ले सकती है। बीजेपी नेता और महासचिव जाॅर्ज कुरियन ने सीएम विजयन पर निवेशकों को धमकी देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्राॅजेक्ट से राज्य के लोगों को फायदा होगा।लेफ्ट और कांग्रेस केरल विरोधी रुख अपना रही हैं।