- कृषि कानूनों को खिलाफ मार्च निकालने की राहुल गांधी को इजाजत नहीं मिली है. दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस कार्यलय के आस-पास धारा 144 लगा दी है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि भारत के किसान ऐसी त्रासदी से बचने के लिए कृषि-विरोधी क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे हैं.इस सत्याग्रह में हम सबको देश के अन्नदाता का साथ देना होगा.
भारत के किसान ऐसी त्रासदी से बचने के लिए कृषि-विरोधी क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे हैं।
इस सत्याग्रह में हम सबको देश के अन्नदाता का साथ देना होगा।https://t.co/iZ6Hgnunzw
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 24, 2020
कृषि कानून को लेकर कांग्रेस का आज राष्ट्रपति भवन तक का मार्च
- किसान आंदोलन नए कृषि कानूनों को लेकर 29वें दिन भी किसानों का प्रदर्शन जारी है। बुधवार को किसान नेताओं ने सिंघु बॉर्डर पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दो टूक कहा कि उनका आंदोलन और तेज होगा। किसानों ने कहा कि वे बातचीत को तैयार हैं लेकिन सरकार खुले मन से बात करे, ‘तथाकथित किसानों’ से बात कर फूट न डाले।
दूसरी तरफ़ आज राहुल गांधी राष्ट्पति भवन तक मार्च करेंगें।कांग्रेस इस कानून को लेकर मोदी सरकार पर दबाव बनाने की योजना बना रही है रड़नीति के तहत तीन नए कृषि कानूनों को लेकर राहुल गांधी आज सुबह करीब 10.45 बजे विजय चौक से लेकर राष्ट्रपति भवन तक मार्च करेंगे। इस दौरान राहुल गांधी के नेतृत्व में अन्य कांग्रेसी सांसद भी इसमें हिस्सा लेंगे। इसके बाद राहुल और अन्य वरिष्ठ नेता राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे और उनके समक्ष दो करोड़ हस्ताक्षर वाला ज्ञापन प्रस्तुत करेंगे।
वहीं कृषि मंत्री ने कहा कि समाधान तक पहुंचने का संवाद ही एक मात्र रास्ता है और सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिये प्रतिबद्ध है किसान संगठनों ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहाँ की गेंद सरकार के पाले में हैं वह बातचीत फिर से शुरू करने के लिये नया ठोस प्रस्ताव लेकर आए, सरकार नए कृषि कानूनों में निरर्थक संशोधन करने की बात को नहीं दोहराए, क्योंकि इन्हें पहले ही खारिज किया जा चुका है, बल्कि वार्ता को बहाल करने के लिए लिखित में ‘ठोस’ पेशकश लेकर आए। योगेंद्र यादव ने कहा कि अगर सरकार एक कदम उठाएगी, तो किसान दो कदम उठाएंगे। उन्होंने साथ में सरकार से “प्रेम पत्र” लिखना बंद करने को कहा।
वही बीजेपी के सांसद रमेश विधूड़ी ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को गाली देते हुए कहाँ की वह कनाडा और पाकिस्तान से पैसे लेकर आये हैं उन्हें यहाँ फ्री में खाना खाने को मिल रहा है देखे वीडियो..
ऐसे में तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त किये जाने की मांग को लेकर सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच गतिरोध खत्म होने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को 6 राज्यों के किसानों के साथ बातचीत करेंगे और इस दौरान किसान केंद्र की ओर से की गई विभिन्न पहलों को लेकर अपने अनुभव साझा करेंगे। इसी रड़नीति के तहत किसान संघठन भी 27 दिसंबर को प्रधानमंत्री की मन की बात कार्यक्रम के दौरान थाली बजाकर केंद्र सरकार को जगाने का प्रयास करेंगे