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Country Uttarakhand

भाजपा MLA को महामंडलेश्वर बनाने पर असमंजस, ऊहापोह में निरंकारी अखाड़ा

उत्तराखंड की धर्म नगरी हरिद्वार में कुंभ स्नान का आयोजन किया जा रहा है । सरकार कुंभ मेले को लेकर गंभीर है । जबकि दूसरी तरफ सत्तासीन पार्टी के एक विधायक को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर धर्म नगरी चर्चाओं में आ गई । यह पहली बार होने जा रहा था कि किसी जनप्रतिनिधि को ग्रहस्थ जीवन में रहते हुए महामंडलेश्वर बनाया जाएगा।

चर्चा थी कि कई दिन पहले ही हरिद्वार के निरंजनी अखाड़े ने भाजपा के विधायक सुरेश राठौड़ को महामंडलेश्वर बनाने का ऐलान कर दिया था। जिसके बाद संत समाज में आक्रोश व्याप्त हो गया था । मातृ सदन के स्वामी शिवानंद ने इसका पुरजोर विरोध किया। यही नहीं बल्कि उन्होंने भाजपा विधायक के महामंडलेश्वर बनने के मामले को कोर्ट में चुनौती तक देने का एलान कर दिया था। बताया जाए जा रहा है कि विरोध के मद्देनजर अब निरंजनी अखाड़े ने अपने फैसले को कुछ दिनों के लिए फिलहाल टाल दिया हैं ।

भाजपा विधायक सुरेश राठौड़ को महामंडलेश्वर नहीं बनाया जाएगा इसको लेकर फिलहाल निरंजनी अखाड़े में ऊहापोह की स्थिति है निरंजनी अखाड़ा का अभी ना तो भाजपा विधायक को महामंडलेश्वर बनाने की हरी झंडी दी गई है और ना ही लाल झंडी दी गई है।

हालांकि फिलहाल की स्थिति को देखें तो विधायक को महामंडलेश्वर बनाने का फैसला कुछ दिन के लिए टाल दिया गया है। निरंजनी अखाड़ा अभी तक इस मामले में अपनी कमेटी की राय तक नहीं जान पाया है। जबकि महामंडलेश्वर बनने से पहले जो पूरी प्रक्रिया होती है वह अभी तक शुरु ही नहीं की जा सकती है।

मातृ सदन के स्वामी शिवानंद ने कल हरिद्वार में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा था कि निरंजनी अखाड़े ने गृहस्थ को महामंडलेश्वर बनाकर सन्यास धर्म को कलंकित कर दिया है। यह एक गलत परंपरा की नींव डाली जा रही है। उन्होंने कहा महामंडलेश्वर जैसा पद गृहस्थ जीवन से अलग ऐसे संतो को दिया जाना चाहिए, जिसकी समाज के लिए तपस्या हो और वह पारिवारिक सुख सुविधाओं से दूर हो। जिसका सब कुछ समाज के लिए अर्पित हो। शिवानंद ने चेतावनी दी कि अगर अखाड़े ने अपना निर्णय नहीं बदला तो मैं कोर्ट में चुनौती देंगे।

इस मामले में जब निरंजनी अखाड़ा के सचिव रविंद्र पुरी महाराज से बात की गई तो उन्होंने कहा कि भाजपा विधायक सुरेश राठौड़ रविदाचार्य संस्था के अध्यक्ष हैं । उन्हें रविदासाचार्य संस्था का पीठाधीश्वर बना रहे हैं। वह कहते हैं कि विधायक सुरेश राठौड़ कथाकार है । उनसे समाज का एक बड़ा वर्ग जुड़ा हुआ है।

जब उनसे पूछा गया कि महामंडलेश्वर एक सन्यासी को ही बनाया जा सकता है तो उन्होंने कहा कि यह वाद विवाद का विषय है। जिसमें जरूरी नहीं कि यह पद किसी सन्यासी को ही दिया जाए । साथ ही वे कहते हैं कि सुरेश राठौड़ को सन्यासी की दीक्षा नहीं दी जाएगी।  इसी के साथ ही रविंद्र पुरी महाराज ने यह भी स्पष्ट नहीं किया कि वह विधायक को महामंडलेश्वर बना रहे हैं या या नहीं । उन्होंने कहा कि अभी निरंजनी अखाड़ा की इस मामले पर कमेटी बैठेगी और कमेटी जो निर्णय लेगी उसी के आधार पर तय होगा कि विधायक महामंडलेश्वर बनेंगे या नहीं।

गौरतलब है कि अखाड़ा का सर्वोच्च पद आचार्य महामंडलेश्वर का है, जो अभी स्वामी अवधेशानंद गिरि हैं। जूना अखाड़े के देशभर में आठ सौ महामंडलेश्वर हैं। छह हजार श्रीमहंत और लाखों महंत हैं जबकि देश और विदेशों में बड़ी संख्या में संत जुड़े हैं।

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