इलहाबाद हाईकोर्ट ने अनुकंपा के तहत नौकरी पाने वाले एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि अगर वह व्यक्ति अपने परिवार की देखभाल नहीं करता तो उसे नौकरी से निकाला जा सकता है। दरअसल कोर्ट में याचिका दायर की गई थी कि रेलवे में अनुकंपा पर सरकारी नौकरी पाने वाला एक व्यक्ति अपने परिवार की देखभाल नहीं कर रहा है। इसलिए उसके परिवार की तरफ से यह याचिका हाईकोर्ट में लगाई गई थी।
इस याचिका में सुधा शर्मा नाम की महिला समेत उसके परिवार के अन्य सदस्यों ने कहा कि ‘उनके पिता रेलवे में कर्मचारी थे, नौकरी के दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी । जिसके बाद परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी गई। याचिका के मुताबिक शख्स को नौकरी इस आश्वासन पर दी गई थी कि वह अपने परिवार के अन्य आश्रित लोगों की देखभाल करेगा । लेकिन कुछ समय बाद उस शख्स ने परिवार वालों की देखभाल करने से साफ मना कर दिया।
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश पंकज भाटिया ने कहा कि ‘सरकार परिवार के किसी योग्य आश्रित पति/ पत्नी/ संतान को अनुकंपा पर नौकरी इसलिए देती है ताकि वह अपना और परिवार के बाकी लोगों की देखभाल कर सके, कोई मुसीबत आए तो उससे उभर सके।
हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा ‘जिस व्यक्ति को अनुकंपा पर नियुक्ति मिली है, यदि वह सभी आश्रितों के हित पूरे नहीं कर रहा है, तो सरकार उसकी नौकरी वापस ले सकती है, हालांकि इस मामले में कोर्ट ने रेलवे को तीन महीने के अंदर उचित फैसला लेने का आदेश दिया है।